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रविवार, फ़रवरी 03, 2013

जमा जन्म-तिथि देखकर, फँसने का क्या प्रश्न- चर्चा मंच 1144


डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री मयंक (उच्चारण)  

अगले मौसम का इंत़जार


Maheshwari kaneri 



बेटी न जन्म ले

शालिनी कौशिक


governance security law 3

Er. Shilpa Mehta : शिल्पा मेहता 


Rajendra Kumar  

बिल पास हो गया

Kalipad "Prasad"  


madhu singh 
 Benakab  

शिवनाथ कुमार 


Trekking to Dudhsagar Fall दूधसागर झरने/फ़ॉल तक ट्रेकिंग।

Jatdevta Sandeep 

ख्वाइश !

पी.सी.गोदियाल "परचेत" 


रविकर-पुंज

नाबालिग की पार्टी, मने वहाँ पर जश्न ।
जमा जन्म-तिथि देखकर, फँसने का क्या प्रश्न ।
फँसने का क्या प्रश्न, चलो मस्ती करते हैं ।
है सरकारी छूट, नपुंसक ही डरते हैं ।
पड़ो एकश: टूट, फटाफट हो जा फारिग ।
चार दिनों के बाद, रहें ना हम नाबालिग ।।


दीपक की बातें 

कृष्ण ईवटीजर ही नहीं शातिर चोर भी

Sanjay Mahapatra 



हर कोने में कुछ हैरानियां रख दी हैं ...!!!

सदा  
SADA  

Neeraj Dwivedi  

कांग्रेस की बैसाखी है इस्लाम या फिर इस्लाम की बैसाखी है कांग्रेस ?

ZEAL  


अब केक्टस ही तो उगेंगे !

Rajesh Kumari  


(प्रवीण पाण्डेय) 

AlbelaKhatri.com

कविता : भरोसा

धर्मेन्द्र कुमार सिंह 

वो बना रहे हैं



कार्टून :- लो जी बुद्धि‍जीवी बन गए


काजल कुमार Kajal Kumar  


14 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत ही सुन्दर चर्चा,"भूली बिसरी यादें" को स्थान देने के लिए सादर आभार।

    जवाब देंहटाएं
  2. बहुत ही सुन्दर चर्चा..मेरी रचना को शामिल करने के लिए आप का बहुत बहुत आभार रविकर जी..

    जवाब देंहटाएं
  3. बहुत बढ़िया चर्चा प्रस्तुति ...आभार..

    जवाब देंहटाएं
  4. प्रभावशाली सूत्रों से सजी बहुत ही सुन्दर विस्तृत चर्चा हेतु हार्दिक बधाई आदरणीय भाई रविकर जी मेरी रचना को शामिल करने के लिए पुनः आभार

    जवाब देंहटाएं
  5. रविवार की चर्चा रविकर जी के करकमलों से बहुत सुन्दर लग रही है।
    आपका आभार!

    जवाब देंहटाएं

  6. बहुत बढ़िया सूत्र -बढ़िया रंग मंच रविकर जी

    जवाब देंहटाएं
  7. अच्छे लिंक। मुझे शामिल करने के लिए आभार

    जवाब देंहटाएं

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