रविकर
आज पूरे प्यार से साजन सजा दो ।
उस सुनहरे ख़्वाब का पूरा पता दो ।।
रोज उम्मीदे लगा कर लेट जाते
मिल रहा मौका जरा बाजा बजा दो । । |
गढ़े शुभाशुभ जीव, महारथि क्लीब बनाए-
चक्र-चलैया चाकचक, चैली-चाक-कुम्हार |
मातृ मातृका मातृवत, नभ जल गगन बयार |
नभ जल गगन बयार, सार संसार बसाये ।
गढ़े शुभाशुभ जीव, महारथि क्लीब बनाए ।
सिर काटे शिशु पाल, सु-भद्रे सुत मरवैया ।
व्यर्थ बजावत गाल, नियामक चक्र-चलैया ॥
चाकचक=दृढ़ चैली=लकड़ी क्लीब = नपुंसक
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सभ्यता शासन क़ानून व्यवस्था दंड प्रक्रिया 4Er. Shilpa Mehta : शिल्पा मेहता
रेत के महल
क्षत्रिय रक्षा तंत्र से, दुष्टों प्रति अभियान | दुष्टों प्रति अभियान, वस्तु जीवन-उपयोगी | करे वनिक व्यापार, चाहते योगी भोगी | पर चौथे के पास, शक्ति के केंद्र नदारद | बदल परिस्थिति किन्तु, बने विद्वान विशारद || |
काटे कागद कोर ने, कवि के कितने अंग । कविता कर कर कवि भरे, कोरे कागज़ रंग । कोरे कागज़ रंग, रोज ही लगे खरोंचे । दिल दिमाग बदहाल, याद बामांगी नोचे । रविकर दायाँ हाथ, एक दिन गम जब बांटे । जीवन रेखा छोट, कोर कागज़ की काटे ।। |
अधमुच्छड़ ज़ेलर जो आधों को इधर आधों को उधर भेजता है.. बाक़ी को यानी "शून्य" को अपने पीछे लेके चलता है.
(Girish Billore)
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अज़ीज़ जौनपुरी : ये हक़ है
Aziz Jaunpuri
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Dr.NISHA MAHARANA
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रवीन्द्र दास
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Rajendra Kumar
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ऋता शेखर मधु
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चुम्बन मना है फरवरी में
Virendra Kumar Sharma
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Anita
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''..महाकुंभ..''
सरिता भाटिया
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Madan Mohan Saxena
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ana
कविता -
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Rewa
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जो करना है वो बिदित ही नहीं.Dr.Ashutosh Mishra "Ashu" |
अरुन शर्मा 'अनन्त'
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vandana gupta
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उच्चारण -
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मयंक का कोना
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अमर हो गई दामिनी, दुनिया से हो मुक्त।
सजी दरिंदों के लिए,फाँसी है उपयेक्त।। |
कुंडलियाँ मट्टी चाक धराये के, तेज़ घुमावत आप। निराकार माटी को, थाप देती आकर है थाप।। -- अरे वाह! ये कैसी कुण्डलिया है! लिखो मगर सुथरा लिखो! किसी को गुरू बना लो भइया...! -- माटी चाक धराये के, तेज़ घुमावत आप। बनता सुन्दर पात्र है, जब पड़ती है थाप।। |
बहुत सुन्दर और उपयोगी लिंक दिए है आज की चर्चा में आपने!
जवाब देंहटाएं--
रविकर जी आपका आभार!
बहुत सुन्दर चर्चा.....
जवाब देंहटाएंसभी लिंक्स शानदार हैं.
आभार रविकर जी.
सादर
अनु
रोचक सूत्रों से सजी चर्चा..
जवाब देंहटाएंसुंदर सूत्रों की चर्चा .....
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर सूत्रों को पिरोया है चर्चा माला में हार्दिक बधाई आपको
जवाब देंहटाएंसुन्दर चर्चा !!
जवाब देंहटाएंbahut sundar charcha...mujhe inmay shamil karne kay liye shukriya...
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया चर्चा प्रस्तुति .....
जवाब देंहटाएंआभार!!
आदरणीय गुरुजनों, मित्रों एवं चर्चा मंच के सभी पाठकों को प्रणाम. आदरणीय गुरुदेव श्री रविकर सर बेहद सुन्दर चर्चा लगाई है आपने पठनीय सूत्रों के साथ साथ अच्छा लिंक संयोजन. बधाई स्वीकारें.
जवाब देंहटाएंसभी लिंक्स एक से बढकर एक
जवाब देंहटाएंशानदार प्रस्तुति
शानदार लिंकों की सुंदर प्रस्तुति,,,,,बधाई रविकर जी,,,
जवाब देंहटाएंRecent post: गरीबी रेखा की खोज
सबहि बैठे चाक धरे माटी मोल बढ़ाएँ ।
जवाब देंहटाएंमनहु पीछे पवन पड़े गगन धर सिर चढ़ाए ॥
bahut acche links dhanyavad nd aabhar ..........
जवाब देंहटाएंप्राकृतिक चिकित्सा के सूत्र .
जवाब देंहटाएंरविकर
जवाब देंहटाएंरविकर-पुंज
प्राकृतिक चिकित्सा के सूत्र .
जवाब देंहटाएंबढ़िया प्रस्तुति .अर्थ व्यवस्था का विद्रूप उजागर करती हुई .
"मजबूरी का नाम गांधी" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
उच्चारण -
बढ़िया बिम्ब है भाई साहब .
जवाब देंहटाएंजिसने सिखाया है दरिया को चलना,
वो मौज़ों से घायल किनारा हुआ है।
"ग़ज़ल-ज़िन्दग़ी का सहारा" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
उच्चारण
अपने सन्देश में कामयाब है लघु -कथा .निष्कर्ष भी ,आपने ही निकाल दिया है जो पाठक के हिस्से का काम था .
जवाब देंहटाएंउनके हिस्से का दुःख
Dr.NISHA MAHARANA
My Expression -
बढ़िया बिम्ब है भाई साहब .वाह !अच्छे प्रयोग किये हैं सार्थकता लिए .
जवाब देंहटाएंघायल दिल: हाइकू
Rajendra Kumar
भूली-बिसरी यादें
बढ़िया तंज व्यवस्था पर कटाक्ष किया है शिंदे साहब कहते हैं हमने एडवाइज़री ज़ारी कर दी थी .और क्या करें बे -चारे .वह चुप्पा यही कह रहा है किसी को छोड़ा नहीं जाएगा -लियाओ हाफ़िज़ सईद को पकड़ के .
जवाब देंहटाएंआखिर कब तक देश में, मरते रहेंगे लोग ।
कभी बम्ब कभी भगदड़ ,दुर्घटना चहु ओर ।
दुर्घटना चहु ओर,चेत ना अब तक पाए ।
है आतंकी ब्लास्ट ,चलो अब दोष लगाए ।
कहते सुन लोकेश ,प्रशासन सोता रहता ।
मरते रहते लोग ,प्रबंधन बातें करता ।
Even though Pakistan is a little monkey onto our back.But we have no policy to tackle terror .We issue advisory periodically .
अपने संसाधन गढ़ों
Lokesh Singh
नव - उद्गार
nice
जवाब देंहटाएंसुसज्जित चर्चा...हिन्दी हाइगा शामिल करने के लिए आभार !!
जवाब देंहटाएंआपका प्रयास प्रशंसनीय , सार्थक एवं सुन्दर हैं. सभी लिंक भी अच्छे है. बहुत आभार.
जवाब देंहटाएंसादर,
नीरज'नीर'
मुख्तलिफ अंदाज़ हैं आपके खूबसूरत सेतु हैं आजके चर्चाकार ,हम शुक्रगुजार हैं आपके .आपने हमें भी शरीक किया .कृपया यहाँ भी पधारें -
जवाब देंहटाएंगृह मंत्रीजी कहिन
भारत के गृहमंत्रालय को आइन्दा सूचनाप्रदाता मंत्रालय कहा जाना चाहिए .सूचना देना एक बड़ी बात होती है .लोगों को आगाह करना -भाइयों खबरदार रहना फलां राज्य में आतंकी विस्फोट कर सकते हैं .कोई मामूली बात नहीं है .गृह युद्ध की आशंका हो तब भी सूचना प्रदाता मंत्रालय यही कहेगा भाइयों सावधान रहना गृह युद्ध छिड़ सकता है .लोग अपनी अपनी हिफाज़त करें .और वह चुप्पा सिंह हमेशा की तरह यही कहते पाकड़े जायेंगे -आतंकियों को बख्शा नहीं जाएगा .
भाईसाहब हमारा मानना यह है कि वोट के आगे लार टपकाने वाली राजनीति आतंकवाद का मुकाबला कर ही नहीं सकती .बेहतर हो लोग खुद अपनी हिफाज़त करें .
वोट के आगे लारटप काऊ राजनीति को एक बड़ा लक्ष्य हासिल करना है .बहुसंख्यकों की आबादी को अल्पसंख्यकों के बराबर लाना है .तभी तो भारत के संशाधनों पर मुसलामनों का पहला हक़ होगा .फिलवक्त यह अनुपात लड़का -लड़की अनुपात की तरह विषम बना हुआ है .यह ना -इंसाफी है .भारत की कोई सवा करोड़ आबादी में से कुछेक लाख ठिकाने लगते रहें तब भी इसे हासिल करने में वक्त लग जाएगा .बेहतर हो विस्फोट स्थल पर लोग बड़ी संख्या में पहुंचें ,सामूहिक विवाह की तरह सामूहिक हाराकरी का सुनहरा अवसर मुहैया करवाती है सरकार .भगवान उसका भला करे .इसमें सूचना प्रदाता मंत्रालय का बड़ा योगदान आने वाली नस्लें याद करेंगी .
Virendra Sharma @Veerubhai1947
गृह मंत्रीजी कहिन http://kabirakhadabazarmein.blogspot.com/2013/02/blog-post_22.html …
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2 hrsVirendra Sharma @Veerubhai1947
ram ram bhai मुखपृष्ठ शुक्रवार, 22 फरवरी 2013 गृह मंत्रीजी कहिनhttp://veerubhai1947.blogspot.in/
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रविकर जी
जवाब देंहटाएंविनत आभार
चर्चा में मिसफ़िट को शामिल करने के लिये.
शास्त्री जी के लिये कालम नियत करना भी
उम्दा प्रयोग है
बहुत बढ़िया चर्चा प्रस्तुति ...आभार.
जवाब देंहटाएंबहुत ही उम्दा एवं सार्थक लिंक संयोजन,आभार शास्त्री जी.
जवाब देंहटाएंरविकर जी, खेद है कि व्यस्तता के कारण पहले इस मंच पर अपनी उपस्थिति दर्ज नहीं करा सकी..आभार !
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