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गुरुवार, मई 16, 2013

परिवारों को बचाने का एक प्रयास ( चर्चा मंच- 1246 )

आज की चर्चा में आपका हार्दिक स्वागत है
 
आधुनिकता का सबसे बड़ा नुक्सान रहा है परिवारों का लुप्त होना । सयुंक्त परिवार तो खत्म हुए ही अब तो लिव इन रिलेशन के चक्कर में एकल परिवारों पर भी लुप्त होने का खतरा मंडरा रहा है । इस लुप्त होते परिवारों को बचाने का एक प्रयास हो सकता है परिवार दिवस अगर इसे सिर्फ दिवस मनाने तक सीमित न रखा जाए । 
चलते हैं चर्चा की ओर 
पंजाबी लघुकथा
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जाले
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 आज की चर्चा में बस इतना ही 
धन्यवाद 
दिलबाग 
आगे देखिए..."मयंक का कोना"
(1)

(2)
लहरें

प्रवीण पाण्डेय जी का नाम खुद अपने आप में परिचय है उनका --- और उसी तरह उनके ब्लॉग का नाम-* न दैन्यं न पलायनम* भी .... प्रस्तुत है उनकी एक रचना...
मेरे मन की

(3)
क्यों पंछी हुआ उदास...!!! पलायन का दर्द ?..

क्यों पंछी हुआ उदास ,अपना नीड़ छोड़ कर ,
जिसे  संजोया था ,तिनका -तिनका जोड़ कर।... 

(4)
....सुबह नहीं होती
लिख रहे हैं रोज़ ही लेकिन ताज़ा ग़ज़ल नहीं होती 
बेखुदी में है कमी या फिर पूरी बहर नहीं होती ...
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वन्दना

21 टिप्‍पणियां:

  1. भाई दिलबाग विर्क जी आपने आज परिवार दिवस पर चर्चा की सुन्दर प्रस्तुति दी है...!
    परिवारों को बचाने का एक प्रयास ( चर्चा मंच- 1246 ) यह सन्देश देता है कि हमें एकजुट होकर परिवारों को बचाने का प्रयास करना चाहिए।
    आभार के साथ...
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. चलते चलते : आदरणीय शास्त्री जी "परिवार दिवस" की खूब बधाई ! वैसे "ख़ास" परिवार पर कुछ लिखूंगा आपकी तवज्जो की दरकार रहेगी ...

      हटाएं
    2. http://whoistarun.blogspot.in/2013/05/blog-post_16.html
      परिवार दिवस और परिवार वाद

      Tavajjo Chahunga ... Jay Hind !

      हटाएं
  2. बहुत बढ़िया लिनक्स चुन लाये हैं .......आभार

    जवाब देंहटाएं
  3. अच्छी लिंक्स से सजा आज का चर्चा मंच |"परिवार बचाओ प्यार बढाओ "
    सादर
    आशा

    जवाब देंहटाएं
  4. आदरणीय दिलबाग जी बहुत ही सुन्दर लिंक्स सजाए हैं आपने आज की चर्चा में! इस चर्चा में मेरी रचना को स्थान प्रदान करने के लिए आपका आभार!

    जवाब देंहटाएं
  5. चर्चाओं की श्रंखला में एक और नायब मोती एक खूबसूरत चर्चा साथ में उल्लूक का आभार !

    जवाब देंहटाएं
  6. बहुत ही सुन्दर सूत्र, आज तो मेरे लिये डबल सेन्चुरी जैसी उपलब्धि हो गयी।

    जवाब देंहटाएं
  7. बेहतरीन सार्थक लिंकों से सुसज्जित चर्चा,आभार.

    जवाब देंहटाएं
  8. सुंदर चर्चा बेहतरीन सार्थक लिंकों से सुसज्जित........

    जवाब देंहटाएं
  9. बहुत ही सुन्दर चर्चा... मेरी रचना को स्थान प्रदान करने के लिए आपका आभार!

    जवाब देंहटाएं
  10. बहुत सुन्दर लिनक्स से सजी चर्चा हेतु हार्दिक बधाई अब जाती हूँ पढने ..........

    जवाब देंहटाएं
  11. बहुत ही सुन्दर कसी हुई लाजवाब चर्चा आदरणीय हार्दिक बधाई.

    जवाब देंहटाएं
  12. सुन्दर लिंकों से सजी सुन्दर चर्चा !!

    जवाब देंहटाएं
  13. बहुत बढ़िया चर्चा दिलबाग sir ,हार्दिक बधाई

    जवाब देंहटाएं
  14. आदरणीय दिलबाग जी एवं समस्त चर्चामंच परिवार , सविनय अभिवादन व आभार !

    तोता तो तोता भया , कहे रटी रटाय ।
    हरी मिर्च रिश्वत की ख़ुशी ख़ुशी खा जाय ॥

    प्रणाम !

    जवाब देंहटाएं
  15. बहुत अच्‍च्‍छे लिंक्‍स सजाए हैं आपने...मेरी रचना शामि‍ल करने के लि‍ए धन्‍यवाद

    जवाब देंहटाएं
  16. सार्थक संयोजनों के लिये वधाई !

    जवाब देंहटाएं

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