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शनिवार, मई 25, 2013

छडो जी, सानु की... वडे लोकां दियां वडी गल्लां....मुख्‍़तसर सी बात है.....

आज की चर्चा में आपका स्वागत है ………मौसम की मार झेल रहे हम सब चलो थोडी देर के लिये कूल हो जायें और इन लिंक्स में खो जायें शायद सुकून मिल जाये ………तो चलिये आज की चर्चा की ओर 



मित्र नीम-

चलो कुछ हाल-ए-दिल बयाँ करें 



ओ मेरे !...........1



एक कसक की ख्वाहिश 


तुम्हारा एहसास
बस काफ़ी है जीने के लिये 



एक वाज़िब प्रश्न


जितना पढो कम ही है


 आज यही सच है 



तस्वीर बदले जाने की अब जरूरत है



क्या ज़िन्दगी भर भी वो कबूल है 



कुछ आवाज़ें बिना कानों के भी सुनी जाती हैं 



चलो जी छड देते हैं 



आसान नहीं होता 




तुमसे प्यार है 


ओ मेरी सुबह---------

बस यूँ ही ज़िन्दगी मे उतर जाओ



सबका अपना महत्व है



दास्ताँ बयाँ कर गये




ज़मीन पर उतर आ 



बस एक बार दिल की लगी बुझा दे 


आज भारत है लज्जित.....

इसके सिवा और अब कर भी क्या सकता है 





कुछ नहीं 



ऐसा है क्या ?


क्या बात कही है 



हर क्यूँ का जवाब नहीं होता


इसी बात का तो गिला है 




यादों की स्मृति में उडान भरते हैं 



 जो मज़ा बूँद बन बरसने में है वो भरी बरसात में कहाँ 




बताइये 


आज के लिये इतना ही अब आज्ञा दीजिये फिर मिलेंगे 

आगे देखिए..."मयंक का कोना"
(1)
तन-मन की जो हरता पीरा 
वो ही कहलाता है खीरा...
(2)
 चाहतों का इक नन्हा सा पेड़ कभी उगाया था बगीचे में अपने, 
नित सुनाती लोरी उसे स्वप्नों की मैं 
(3)
My Photo
कुछ अधुरा सा, कुछ कमी सी है।। 
यूँ तो रात वही, चाँद वही, 
तारे वही, फिर न जाने क्यूँ ये छटपटाहट, 
कुछ धुंधला सा, कुछ दोराहे से। 
कुछ अपने से, कुछ पराये से....
(4)

Tere bin पर Dr.NISHA MAHARANA 

(5)
My Photo
ताऊ डाट इनपरताऊ रामपुरिया
(6)

अपनों का साथ पर Anju (Anu) Chaudhary

(7)

सॉनेट/ तुम आ जाओ
14 पंक्तियां, 24 मात्रायें तीन बंद (Stanza) 
पहले व दूसरे बंद में 4 पंक्तियां 
पहली और चौथी पंक्ति तुकान्त 
दूसरी व तीसरी पंक्ति तुकान्त 
तीसरे बंद में 6 पंक्तियां पहली और चौथी तुकान्त 
दूसरी व तीसरी तुकान्त 
पांचवीं व छठी समान्त सब तो है वैसा ही, 
आखिर क्या है बदला ....?
Voice of Silent Majority पर Brijesh Singh

18 टिप्‍पणियां:

  1. बेहतरीन लिंकों के साथ सुन्दर चर्चा की प्रस्तुति,आभार.

    जवाब देंहटाएं
  2. बेहतरीन लिंकों के साथ सुन्दर चर्चा की प्रस्तुति.
    मेरी रचना को इस चर्चा में स्थान देने के लिए आपका आभार!

    जवाब देंहटाएं
  3. शनिवार के चर्चामंच में बहुत बढ़िया लिंक दिये हैं आपने पढ़ने के लिए!
    आभार!

    जवाब देंहटाएं
  4. bahut achchhe links sanjoye hain aapne .meri rachna ko charcha me sthan pradan karne hetu aabhar

    जवाब देंहटाएं
  5. बहुत बढ़िया लिंक्स के साथ सार्थक चर्चा प्रस्तुति ..आभार..

    जवाब देंहटाएं
  6. बहुत ही उम्दा और बहुत सारे लिंक्स मिले, आभार.

    रामराम.

    जवाब देंहटाएं
  7. बेहतरीन लिंक्स है सारे... इतनें ज्यादा हैं कि सारे पढ़ नहीं पाया, अब रात में फिर से बचे हुए लिंक्स देखूंगा....

    जवाब देंहटाएं
  8. vandana ji namaskaar bahut badiya links
    guru ji ko pranaam
    mayank kona laajwab

    जवाब देंहटाएं
  9. बहुत बढ़िया लिंक
    हमें भी कल की चर्चा में स्थान दें
    तौलिया और रूमाल

    जवाब देंहटाएं
  10. सभी लिंक्स बहुत सुंदर हैं वंदना जी!
    मेरी रचना को स्थान देने का आभार!
    ~सादर!!!

    जवाब देंहटाएं
  11. सभी लिंक्‍स सुंदर हैं वंदना जी...मेरी रचना शामि‍ल करने के लि‍ए धन्‍यवाद..

    जवाब देंहटाएं
  12. वाह बहुत सुंदर लिंक्स सहेजे गये हैं
    एक से बढ़कर एक
    सभी रचनाकारों को बधाई

    शानदार संयोजन के लिये साधुवाद

    मुझे सम्मलित करने का आभार
    आभार

    जवाब देंहटाएं
  13. हमेशा की तरह चर्चा का मनमोहक अन्दाज़ और अनेक चिट्ठों का बेहतरीन संग्रह.. आभार लिंक शामिल करने के लिए भी..

    जवाब देंहटाएं

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