"जय माता दी" चर्चामंच परिवार की ओर
से आप सभी को नवरात्रि की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं . मातारानी की
जय जयकार करते हुए आइये चलते हैं आप सभी के चुने हुए प्यारे लिंक्स
पर.
|
प्रस्तुतकर्ता : रूपचन्द्र शास्त्री
मयंक
|
प्रस्तुतकर्ता : डॉ. मोनिका शर्मा
प्रस्तुतकर्ता : Neel Thakur
|
प्रस्तुतकर्ता : Akanksha Yadav
|
प्रस्तुतकर्ता : ऋता शेखर मधु
|
प्रस्तुतकर्ता : शिल्पा मेहता
|
प्रस्तुतकर्ता : सरिता भाटिया
|
प्रस्तुतकर्ता : सुशीला श्योराण
मातारानी के श्री चरणों में समप्रित
कुछ दोहों के साथ आप सबको शुभविदा मिलते हैं रविवार को. आप सब
चर्चामंच पर गुरुजनों एवं मित्रों के साथ बने रहें. आपका दिन मंगलमय
हो
नमन कोटिशः आपको, हे नवदुर्गे मात ।
श्री चरणों में हो सुबह, श्री चरणों
में रात ।।
नमन हाथ माँ जोड़कर, विनती बारम्बार ।
हे जग जननी कीजिये, सबका बेड़ापार ।।
हे वीणा वरदायिनी, हे स्वर के सरदार
।
सुन लो हे ममतामयी, करुणा भरी पुकार
।।
केवल इतनी कामना, कर रखता उपवास ।
मन में मेरे आपका, इक दिन होगा वास
।।
सुबह शाम वंदन नमन, मन से माते जाप ।
पूर्ण करो हर कामना, इस बालक की आप ।।
जारी है 'मयंक का कोना'
--
भविष्यवाणी - कहानी [भाग 4]
कहानी भविष्यवाणी में अब तक आपने पढ़ा कि पड़ोस में रहने वाली रूखे स्वभाव की डॉ रूपम गुप्ता उर्फ रूबी को घर खाली कहानी भविष्यवाणी में अब तक आपने पढ़ा कि पड़ोस में रहने वाली रूखे स्वभाव की डॉ रूपम गुप्ता उर्फ रूबी को घर खाली करने का नोटिस मिल चुका था। उनका प्रवास भी कानूनी नहीं कहा जा सकता था। समस्या यह थी कि परदेस में एक भारतीय को कानूनी अड़चन से कैसे निकाला जाय। रूबी की व्यंग्योक्तियाँ और क्रूर कटाक्ष किसी को पसंद नहीं थे, फिर भी हमने प्रयास करने की सोची। रूबी ने अपनी नौकरी छूटने और बीमारी के बारे में बताते हुए कहा कि उसके घर हमारे आने के बारे में उसे शंख चक्र गदा पद्मधारी भगवान् ने इत्तला दी थी। बहकी बहकी बातों के बीच वह कहती रही कि भगवान् ने उसे बताया है यहाँ गैरकानूनी ढंग से रहने पर भी उस...
* पिट्सबर्ग में एक भारतीय *परAnurag Sharma
--
फिर भी
तोड़ दो मेरे हाथ क्योंकि ये लहराना चाहते हैं मुट्ठी तुम्हारे विरोध में उन सबके विरोध में जो हैं मिटटी, हवा के विरोध में तोड़ दो मेरी टाँगे क्योंकि ये चलना चाहते हैं संसद के दरवाज़े तक और खटखटाना चाहते हैं बंद दरवाज़े जहाँ बन रहे हैं मेरे खिलाफ नियम मेरी जिह्ह्वा काट लो क्योंकि यह लगाना चाहती हैं नारे तुम्हारे खिलाफ तुम्हारी कुनीतियों के खिलाफ जो छीन रही रही मेरी ज़मीन...
सरोकार पर अरुण चन्द्र रॉय -
--
इक उदास नज़्म
बावरा मन पर सु..मन
--
वृषारूढां शूलधरां शैलपुत्री यशस्विनीम् ||
BHRAMAR KA DARD AUR DARPAN पर
surendrshuklabhramar
--
मोदी जैसे नेताओं की छवि की धज्जियाँ
न चाहते हुए भी इस विषय पर लिखने को मुझे आगे आना पड़ा है क्योंकि मैं देख रही हूँ कि हमारे देश में अंधभक्ति कुछ हद से ज्यादा ही है और इसी का असर है कि बहुत से विचारों में अपने प्रिय नेता से मतभेद होने के बावजूद भी उनके साथ जुड़ लेते हैं . देवालय और शौचालय ,दो स्थान ,दोनों महत्वपूर्ण किन्तु दोनों का एक साथ जोड़ दिया जाना ये हमारे नेताओं द्वारा ही किया जा सकता है क्योंकि वास्तु शास्त्र भी इन्हें अलग स्थान देता है देवालय जहाँ उत्तर-पूर्व इशान कोण में बनाये जाते हैं वहीँ शौचालय दक्षिण-पश्चिम में स्थान पाता है .एक का स्थान हमारे मानसिक विकास ,शांति के लिए अत्यंत आवश्यक है तो दुसरे का स्थान...
! कौशल ! पर Shalini Kaushik
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आखिर रंग ही डाला पक्के वाले रंग में
रंगरेज को जब मैंने देखा रंगते हुए दुपट्टा तो सोचा
कितनी मुश्किल है रंग का चढ़ना वह भी पक्का वाला रंग ....
श्वेत आत्मा सा श्वेत दुपट्टा और उस पर पक्का रंग ....
नयी उड़ान +पर Upasna Siag
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माँ मुझे आने तो दो ....
आद्या शक्ति माँ सुखदायिनी ...!!
हे माँ मुझे आने दो .... अपने संसार में ...
नव राग प्रबल गाने दो .... शक्ति दायिनी...
माँ तुम हो मेरी ... आस मेरी ...मुझमें उल्लास भरो ....!!
भाई जैसा ... मेरी शिराओं में भी ....
चेतना का संचार करो ..... माँ मुझसे भी तो प्यार करो ....
anupama's sukrity
--
राम तेरे देश में
क्यों मची हुई है लूट ?
सत्य अहिंसा छोड़कर,
डाल रहे हैं सब फूट
हर जगह लुट रही है नारी,
हो रही अस्मतों की लूट......
अपनों का साथ पर Anju (Anu) Chaudhary
--
तीनों ताप से जलती दुनिया....
डॉ. हीरालाल प्रजापति
--
मातृ वंदन
हायकु गुलशन..पर sunita agarwal
--
कहानी की भी होती है किस्मत ऐसा भी देखा जाता है
कहानियां बनती हैं एक नहीं बहुत
हर जगह पर अलग अलग पर
हर कहानी एक जगह नहीं बना पाती है
कुछ छपती हैं कुछ पढ़ी जाती हैं
अपनी अपनी किस्मत होती है हर कहानी की
उस किस्मत के हिसाब से ही
एक लेखक और एक लेखनी पा जाती हैं ....
उल्लूक टाईम्स पर Sushil Kumar Joshi
--
डॉलर की गुंडागर्दी ख़त्म करो
लो क सं घ र्ष ! पर Randhir Singh Suman
--
रविकर जीवन व्यस्त, करे कविता जनहित की-
चित की शुचिता के लिए, नित्य कर्म निबटाय |
ध्यान मग्न हो जाइये, पड़े अनंत उपाय |
पड़े अनंत उपाय, किन्तु पहले शौचाला |
पढ़ देवा का अर्थ, हमेशा देनेवाला |
रविकर जीवन व्यस्त, करे कविता जनहित की |
आत्मोत्थान उपाय, करेगी शुचिता चित की ....
रविकर की कुण्डलियाँ
--
हिन्दू परम्परा में अलावा इनके सैंकड़ों और ग्रन्थ भी रचे गए हैं
लेकिन वैदिक ग्रन्थ ज्ञान के अंतिम स्रोत कहे जाते है।
अक्षय खजाना कहा गया है इन्हें मानव के चिरंतन कल्याण का।
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वेदों के अनुभाग ,इतिहास ,पुराण
प्रत्येक वेद के चारअनुभाग किये गए हैं :
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वेदों पर :तीसरी क़िस्त इतिहास :
आपका ब्लॉग पर Virendra Kumar Sharma
--
दिन ज़िन्दगानी के चार रे
आते न बारम्बार रे
आज की कदर कर , कल का भरोसा न कोई
आज पे ही ज़िन्दगी को वार रे...
गीत-ग़ज़ल पर शारदा अरोरा
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"ऊर्जा मिलने लगी है"
काव्य संग्रह 'धरा के रंग' से एक गीत
"धरा के रंग"
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भविष्यवाणी - कहानी [भाग 4]
कहानी भविष्यवाणी में अब तक आपने पढ़ा कि पड़ोस में रहने वाली रूखे स्वभाव की डॉ रूपम गुप्ता उर्फ रूबी को घर खाली कहानी भविष्यवाणी में अब तक आपने पढ़ा कि पड़ोस में रहने वाली रूखे स्वभाव की डॉ रूपम गुप्ता उर्फ रूबी को घर खाली करने का नोटिस मिल चुका था। उनका प्रवास भी कानूनी नहीं कहा जा सकता था। समस्या यह थी कि परदेस में एक भारतीय को कानूनी अड़चन से कैसे निकाला जाय। रूबी की व्यंग्योक्तियाँ और क्रूर कटाक्ष किसी को पसंद नहीं थे, फिर भी हमने प्रयास करने की सोची। रूबी ने अपनी नौकरी छूटने और बीमारी के बारे में बताते हुए कहा कि उसके घर हमारे आने के बारे में उसे शंख चक्र गदा पद्मधारी भगवान् ने इत्तला दी थी। बहकी बहकी बातों के बीच वह कहती रही कि भगवान् ने उसे बताया है यहाँ गैरकानूनी ढंग से रहने पर भी उस...
* पिट्सबर्ग में एक भारतीय *परAnurag Sharma
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फिर भी
तोड़ दो मेरे हाथ क्योंकि ये लहराना चाहते हैं मुट्ठी तुम्हारे विरोध में उन सबके विरोध में जो हैं मिटटी, हवा के विरोध में तोड़ दो मेरी टाँगे क्योंकि ये चलना चाहते हैं संसद के दरवाज़े तक और खटखटाना चाहते हैं बंद दरवाज़े जहाँ बन रहे हैं मेरे खिलाफ नियम मेरी जिह्ह्वा काट लो क्योंकि यह लगाना चाहती हैं नारे तुम्हारे खिलाफ तुम्हारी कुनीतियों के खिलाफ जो छीन रही रही मेरी ज़मीन...
सरोकार पर अरुण चन्द्र रॉय -
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इक उदास नज़्म
बावरा मन पर सु..मन
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वृषारूढां शूलधरां शैलपुत्री यशस्विनीम् ||
BHRAMAR KA DARD AUR DARPAN पर
surendrshuklabhramar
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मोदी जैसे नेताओं की छवि की धज्जियाँ
न चाहते हुए भी इस विषय पर लिखने को मुझे आगे आना पड़ा है क्योंकि मैं देख रही हूँ कि हमारे देश में अंधभक्ति कुछ हद से ज्यादा ही है और इसी का असर है कि बहुत से विचारों में अपने प्रिय नेता से मतभेद होने के बावजूद भी उनके साथ जुड़ लेते हैं . देवालय और शौचालय ,दो स्थान ,दोनों महत्वपूर्ण किन्तु दोनों का एक साथ जोड़ दिया जाना ये हमारे नेताओं द्वारा ही किया जा सकता है क्योंकि वास्तु शास्त्र भी इन्हें अलग स्थान देता है देवालय जहाँ उत्तर-पूर्व इशान कोण में बनाये जाते हैं वहीँ शौचालय दक्षिण-पश्चिम में स्थान पाता है .एक का स्थान हमारे मानसिक विकास ,शांति के लिए अत्यंत आवश्यक है तो दुसरे का स्थान...
! कौशल ! पर Shalini Kaushik
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आखिर रंग ही डाला पक्के वाले रंग में
रंगरेज को जब मैंने देखा रंगते हुए दुपट्टा तो सोचा
कितनी मुश्किल है रंग का चढ़ना वह भी पक्का वाला रंग ....
श्वेत आत्मा सा श्वेत दुपट्टा और उस पर पक्का रंग ....
नयी उड़ान +पर Upasna Siag
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माँ मुझे आने तो दो ....
आद्या शक्ति माँ सुखदायिनी ...!!
हे माँ मुझे आने दो .... अपने संसार में ...
नव राग प्रबल गाने दो .... शक्ति दायिनी...
माँ तुम हो मेरी ... आस मेरी ...मुझमें उल्लास भरो ....!!
भाई जैसा ... मेरी शिराओं में भी ....
चेतना का संचार करो ..... माँ मुझसे भी तो प्यार करो ....
anupama's sukrity
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राम तेरे देश में
क्यों मची हुई है लूट ?
सत्य अहिंसा छोड़कर,
डाल रहे हैं सब फूट
हर जगह लुट रही है नारी,
हो रही अस्मतों की लूट......
अपनों का साथ पर Anju (Anu) Chaudhary
--
तीनों ताप से जलती दुनिया....
डॉ. हीरालाल प्रजापति
--
मातृ वंदन
हायकु गुलशन..पर sunita agarwal
--
कहानी की भी होती है किस्मत ऐसा भी देखा जाता है
कहानियां बनती हैं एक नहीं बहुत
हर जगह पर अलग अलग पर
हर कहानी एक जगह नहीं बना पाती है
कुछ छपती हैं कुछ पढ़ी जाती हैं
अपनी अपनी किस्मत होती है हर कहानी की
उस किस्मत के हिसाब से ही
एक लेखक और एक लेखनी पा जाती हैं ....
उल्लूक टाईम्स पर Sushil Kumar Joshi
--
डॉलर की गुंडागर्दी ख़त्म करो
लो क सं घ र्ष ! पर Randhir Singh Suman
--
रविकर जीवन व्यस्त, करे कविता जनहित की-
चित की शुचिता के लिए, नित्य कर्म निबटाय |
ध्यान मग्न हो जाइये, पड़े अनंत उपाय |
पड़े अनंत उपाय, किन्तु पहले शौचाला |
पढ़ देवा का अर्थ, हमेशा देनेवाला |
रविकर जीवन व्यस्त, करे कविता जनहित की |
आत्मोत्थान उपाय, करेगी शुचिता चित की ....
रविकर की कुण्डलियाँ
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हिन्दू परम्परा में अलावा इनके सैंकड़ों और ग्रन्थ भी रचे गए हैं
लेकिन वैदिक ग्रन्थ ज्ञान के अंतिम स्रोत कहे जाते है।
अक्षय खजाना कहा गया है इन्हें मानव के चिरंतन कल्याण का।
--
वेदों के अनुभाग ,इतिहास ,पुराण
प्रत्येक वेद के चारअनुभाग किये गए हैं :
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वेदों पर :तीसरी क़िस्त इतिहास :
आपका ब्लॉग पर Virendra Kumar Sharma
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दिन ज़िन्दगानी के चार रे
आते न बारम्बार रे
आज की कदर कर , कल का भरोसा न कोई
आज पे ही ज़िन्दगी को वार रे...
गीत-ग़ज़ल पर शारदा अरोरा
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"ऊर्जा मिलने लगी है"
दुर्गा स्तुति बहुत बहुत बढ़िया |
जवाब देंहटाएंउम्दा लिंक्स से सजा आज का चर्चा मंच
देवी मय सूत्र देख मन सुख पाए अनंत |
आशा
अरुण जी!
जवाब देंहटाएंआपने आज रविवार की बहुत सुन्दर चर्चा लगाई है।
--
शारदेय नवरात्रों की हार्दिक शुभकामनाएँ।
जय माता जी।।
उम्दा लिंक्स से सजा आज का चर्चा मंच , नवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएँ.
जवाब देंहटाएंसुन्दर चर्चा -
जवाब देंहटाएंआभार आदरणीय
सुन्दर चर्चा -आभार
जवाब देंहटाएंनवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएँ
हिंदी ब्लॉगर्स चौपाल परिवार की ओर से नवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाओं के साथ...
जवाब देंहटाएं--
सादर...!
ललित चाहार
हिंदी ब्लॉगर्स चौपाल पर आज की चर्चा : इक नई दुनिया बनानी है अभी -- हिन्दी ब्लागर्स चौपाल चर्चा : अंक 018
नवरात्र की शुभकामनायें शास्त्री जी .....इस शुभावसर पर मेरी रचना चयन हेतु हृदय से आभार .....सभी लिंक्स बहुत बढ़िया हैं ....!!
जवाब देंहटाएंनवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाऐं
जवाब देंहटाएंसुंदर सूत्र संकलन
कहानी की भी होती है किस्मत ऐसा भी देखा जाता है
को स्थान देने पर आभार !
धन्यवाद ! रूपचन्द्र शास्त्री मयंक जी ! मेरी रचना '' तीनों ताप से.........'' को स्थान देने का !
जवाब देंहटाएंबहुत ही खूबसूरत लिंक्स |
जवाब देंहटाएंनवरात्रि की बहुत बहुत शुभकामनायें-
जवाब देंहटाएंसुंदर सूत्रों से सजा चर्चामंच...मेरी रचना शामिल करने के लिए आभार...सभी को नवरात्रि की शुभकामनाएँ !!
जवाब देंहटाएंनवरात्रि के रंगों में रंगी मनभावन प्रस्तुति । मेरी रचना शामिल करने के लिए आभार ।
जवाब देंहटाएंमंगलकामनाएं
नवरात्रि की चर्चामंच के सभी सदस्यों हार्दिक बधाई
जवाब देंहटाएंमेरी रचना को मंच पर्शमिल करने के लिए दिल से आभार
मच की प्रगति के लिए मेरी शुभकामनाएँ
नवरात्री के रंग संग जीवन के अन्य रंगों से रेंज सुन्दर सुन्दर लिंक्स ... दिल को छूने वाली रचनाये .. इनके मध्य मेरी रचना को स्थान देने के लिए हार्दिक आभार आदरणीय ... सादर नमन :)
जवाब देंहटाएंसुन्दर चर्चा -आभार
जवाब देंहटाएंआदरणीय शास्त्री जी ..माँ अम्बे सब को शान्ति, समृद्धि प्रदान करें जग का कल्याण हो
जय माता दी के इस लेख को आप ने यहाँ स्थान दिया हार्दिक ख़ुशी हुयी
सभी मित्रों को नवरात्रि की हार्दिक शुभ कामनाएं
भ्रमर ५
प्रतापगढ़ साहित्य प्रेमी मंच
बढ़िया लिंक्स
जवाब देंहटाएंबढ़िया लिनक्स, शामिल किया आभार
जवाब देंहटाएंरोचक व पठनीय सूत्र
जवाब देंहटाएंसुन्दर चर्चा ........नवरात्रि की हार्दिक शुभ कामनाएं
जवाब देंहटाएंचर्चाकार का परिश्रम सराहनीय. नवरात्रि-पर्व की शुभकामनायें.........
जवाब देंहटाएंसभी को नवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएँ
जवाब देंहटाएं.......................................................
जवाब देंहटाएंजब देखा न बच्चों ने घर में बड़ों का आदर ,
उन पर न बड़ों की कभी भी सीख चली है .
....................................................................
आदर्शों को पटरी से हमने ही है उतारा,
उतरी जो पटरियों से न वो रेल चली है .
बहुत सशक्त रचना -कर्तम सो भोगतम ,
करम प्रधान विश्व करि राखा ,
जो जस करइ सो तस फल चाखा।
सुन्दर समन्वयन लिए सुघढ़ चर्चा साष्ट सेतु।
जवाब देंहटाएंप्रवीण पाण्डेय …
जवाब देंहटाएंजो मन में भरा होगा, वही बाहर आयेगा। शारीरिक और मानसिक शुचिता आधारभूत हैं।
आशा जोगळेकर
काग्रेस तो मौका ढूढ ही रही थी कि कब मोदी को घेरे तो मिल गया मौका । पर बात सही है पहले शुचिता फिर सु-चित्त। अंग्रेजी के हिमायती भी जान लें कि Cleanliness is next to Godliness.
मोदी साहब के "शौचालय " के बयान का मतलब सिर्फ इतना है आदमी का पहले तन पवित्र हो फिर मन की शुचिता हो। फिर वह मंदिर
जाए।
मोदी के बयान में अटपटा कुछ भी नहीं है।
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मोदी जैसे नेताओं की छवि की धज्जियाँ
न चाहते हुए भी इस विषय पर लिखने को मुझे आगे आना पड़ा है क्योंकि मैं देख रही हूँ कि हमारे देश में अंधभक्ति कुछ हद से ज्यादा ही है और इसी का असर है कि बहुत से विचारों में अपने प्रिय नेता से मतभेद होने के बावजूद भी उनके साथ जुड़ लेते हैं . देवालय और शौचालय ,दो स्थान ,दोनों महत्वपूर्ण किन्तु दोनों का एक साथ जोड़ दिया जाना ये हमारे नेताओं द्वारा ही किया जा सकता है क्योंकि वास्तु शास्त्र भी इन्हें अलग स्थान देता है देवालय जहाँ उत्तर-पूर्व इशान कोण में बनाये जाते हैं वहीँ शौचालय दक्षिण-पश्चिम में स्थान पाता है .एक का स्थान हमारे मानसिक विकास ,शांति के लिए अत्यंत आवश्यक है तो दुसरे का स्थान...
! कौशल ! पर Shalini Kaushik
पात सारे धनुष बन इंद्र का ,
जवाब देंहटाएंमीत देखो हौसले झड़ने चले हैं।
बहुत सुन्दर रचना -
कायदे से धूप अब खिलने लगी है।
लेखनी को ऊर्जा मिलने लगी है।।
लेखनी को ऊर्जा अब,
नित नै मिलने लगी है।
तू खुलके कर ले प्यार रे ,
जवाब देंहटाएंदिन ज़िन्दगानी के चार रे
आते न बारम्बार रे
पंगत हित पत्तल पड़े, रहे परोस *सुआर |
जवाब देंहटाएंकिन्तु सुअर घुस कर करे, भोज-भाज बेकार |
भोज-भाज बेकार, कहे बकवास बनाया |
लालू यहाँ रसीद, वहाँ अन्दर करवाया |
न्यायोचित यह कर्म, राज की बदले रंगत |
पर पी एम् का मर्म, भूख से व्याकुल पंगत ||
चेहरा उनका देखो ,
सगरी उड़ गई रंगत .
रविकर जीवन व्यस्त, करे कविता जनहित की-
चित की शुचिता के लिए, नित्य कर्म निबटाय |
ध्यान मग्न हो जाइये, पड़े अनंत उपाय |
पड़े अनंत उपाय, किन्तु पहले शौचाला |
पढ़ देवा का अर्थ, हमेशा देनेवाला |
रविकर जीवन व्यस्त, करे कविता जनहित की |
आत्मोत्थान उपाय, करेगी शुचिता चित की ....
रविकर की कुण्डलियाँ
चेहरा उनका देखो ,
जवाब देंहटाएंसगरी उड़ गई रंगत .
मोदी पे जब वार करें ,
उड़ जाती रंगत। रविकर जीवन व्यस्त, करे कविता जनहित की-
चित की शुचिता के लिए, नित्य कर्म निबटाय |
ध्यान मग्न हो जाइये, पड़े अनंत उपाय |
पड़े अनंत उपाय, किन्तु पहले शौचाला |
पढ़ देवा का अर्थ, हमेशा देनेवाला |
रविकर जीवन व्यस्त, करे कविता जनहित की |
आत्मोत्थान उपाय, करेगी शुचिता चित की ....
रविकर की कुण्डलियाँ