मित्रों!
बुधवार की चर्चा में आपका स्वागत है।
आज देखिए मेरी पसन्द के कुछ लिंक..
--
"करवा"करवाचौथ-चार दोहे"
--
"करवा"करवाचौथ-चार दोहे"
करवा पूजन की कथा, माता रहीं सुनाय।
वंशबेल को देखकर, फूली नहीं समाय।
जन्म-ज़िन्दग़ी भर रहे, सबका अटल सुहाग।
बेटों-बहुओं में रहे, प्रीत और अनुराग।
उच्चारण
--
करवा चौथ पर हार्दिक शुभ कामनाएँ!
चाँद ने मुह छिपाया बादलों की ओट में
प्रिय तुम भी अब तक न आए...
प्रतापगढ़ साहित्य प्रेमी मंच पर Asha Saxena
--
ये कैसी विडम्बना है
ये कैसी संस्कारों की धरोहर है
जिसे ढो रहे हैं
कौन से बीज गड गये हैं रक्तबीज से
जो निकलते ही नहीं
सब कुछ मिटने पर भी...
--
कहने लगे कुछ भी न हुआ,
ये दिल जानता है बहुत कुछ हुआ;
न सोचा कभी था वैसा भी हुआ,
है अधर में कुछ बात ऐसा अटका हुआ...
मेरा काव्य-पिटारा पर ई. प्रदीप कुमार साहनी
--
करवाचौथ ..करवे बिन
तेरे नाम की मेहंदी
रुर्ख लाल चूड़ियों की खनक जुदा है
अब मेरे वजूद से चाँद सा टिका
अब दूर छिटक गया है ...
बावरा मन पर सु..मन (Suman Kapoor)
--
जिम्मेदारी
"हे कने बाँहिमे तँ आउ ।"
"दुर जाउ ।
अहाँकेँ केहनो लागैत नै अछि
जे जखने-तखने शुरू भऽ जाइ छी..." "...
नव अंशु पर Amit mishra
--
करवा चौथ
चाहे हो बेटी, पत्नी या माँ क्यों आते औरत के ही हिस्से सभी व्रत और त्याग कभी बेटे और कभी पति के लिए अहोई अष्टमी या करवा चौथ। क्यूँ नहीं होता कोई व्रत या त्यौहार पुरुषों के लिए भी...
Kashish - My Poetry पर Kailash Sharma
--
कौन जानता है किस समय गिनती करना
बबाल हो जाये
*गिनती करना जरूरी नहीं हैं
सबको ही आ जाये कबूतर और कौऐ गिनने को
अगर किसी से कह ही दिया जाये कौन सा बड़ा गुनाह हो गया
अगर एक कौआ कबूतर हो जाये या
एक कबूतर की गिनती कौओं मे हो जाये...
उल्लूक टाईम्स पर Sushil Kumar Joshi
--
शासक से ज्यादा कातिल में
कहाँ शिकायत मेरे दिल में आस लिए बैठा महफिल में
कोशिश में कुछ भले कमी हो खोट नहीं होती मंजिल में...
मनोरमा पर श्यामल सुमन
--
बेचैनी
नींद कहाँ इन आँखों में अब खौफ है इनमें सपनों का
क्या दोष लगाएँ दुश्मन पे अब खौफ है उनमें अपनों का...
मेरे मन की पर Archana
--
कहानी साहित्य की –
कविता जन से दूर क्यों ....
डा श्याम गुप्त ...
सृजन मंच ऑनलाइन
--
कार्टून :- ओय होय करवा चौथ आयो रे
काजल कुमार के कार्टून
--
"पतंग का खेल"
बालकृति नन्हें सुमन से
एक बाल कविता
"पतंग का खेल"
--
शुभ करक चतुर्थी !!
मेरी दुआएँ सजनी सदा संग पिया का पाएँ |१
हों दीर्घ आयु सफलता के ऊँचे शिखर पाएँ ...
ज्योति-कलश
--
चाँद मुझे लौटा दो ना
चंदा से झरती झिलमिल रश्मियों के बीच
एक अधूरी मखमली सी ख्वाइश का
सुनहरा बदन होले से सुलगा दो ना
इन पलकों में जो ठिठकी है
उस सुबह को अपनी आहट से
एक बार जरा अलसा दो ना ...
kuchlamhe पर seema gupta
--
पुराने हाइकु-करवा चौथ
मुझे कुछ कहना है ....पर अरुणा -
--
कर लो थोड़ा इन्तजार…
My Expression पर Dr.NISHA MAHARANA
--
करवाचौथ दोहे
आये कार्तिक माह में ,कृष्ण पक्ष की चौथ
व्रत निर्जला सुहागिनें , करतीं करवाचौथ...
गुज़ारिश पर सरिता भाटिया
--
"मेरे प्रियतम"
उच्चारण
--
मीरा : एक पुनर्पाठ - हिमांशु पांड्या
असुविधा....पर Ashok Kumar Pandey
--
देवी पार्वती
लावण्यम्` ~अन्तर्मन्`
--
भाई पर अपहरण के आरोप पर बोले रामदेव,
गांधी खानदान मुझे
सेक्स रैकेट में भी फंसवा सकता है !
5TH Pillar Corruption Killer
--
दादा गजेन्द्र सिंह
समाज के हर वर्ग के प्रेरणा दायक
लो क सं घ र्ष !
--
कुछ पल तो बेफिक्री के …
बिताओ कभी यारों के साथ,
बिना किसी चिंता बिना किसी डर के
बेसुरे राग में कुछ तो गुनगुनाओं यारों के साथ
Pratibha Verma
--
असली संत के सामने
क्यों नतमस्तक भाजपा के पीएम !
रांचीहल्ला पर Amalendu Upadhyaya
--
संग कामना की त्रिपथगा रहे ,उर आराधना का भाव हो
--
आज के लिए बस...!
--
करवाचौथ ..करवे बिन
तेरे नाम की मेहंदी
रुर्ख लाल चूड़ियों की खनक जुदा है
अब मेरे वजूद से चाँद सा टिका
अब दूर छिटक गया है ...
बावरा मन पर सु..मन (Suman Kapoor)
--
जिम्मेदारी
"हे कने बाँहिमे तँ आउ ।"
"दुर जाउ ।
अहाँकेँ केहनो लागैत नै अछि
जे जखने-तखने शुरू भऽ जाइ छी..." "...
नव अंशु पर Amit mishra
--
करवा चौथ
चाहे हो बेटी, पत्नी या माँ क्यों आते औरत के ही हिस्से सभी व्रत और त्याग कभी बेटे और कभी पति के लिए अहोई अष्टमी या करवा चौथ। क्यूँ नहीं होता कोई व्रत या त्यौहार पुरुषों के लिए भी...
Kashish - My Poetry पर Kailash Sharma
--
कौन जानता है किस समय गिनती करना
बबाल हो जाये
*गिनती करना जरूरी नहीं हैं
सबको ही आ जाये कबूतर और कौऐ गिनने को
अगर किसी से कह ही दिया जाये कौन सा बड़ा गुनाह हो गया
अगर एक कौआ कबूतर हो जाये या
एक कबूतर की गिनती कौओं मे हो जाये...
उल्लूक टाईम्स पर Sushil Kumar Joshi
--
शासक से ज्यादा कातिल में
कहाँ शिकायत मेरे दिल में आस लिए बैठा महफिल में
कोशिश में कुछ भले कमी हो खोट नहीं होती मंजिल में...
मनोरमा पर श्यामल सुमन
--
बेचैनी
नींद कहाँ इन आँखों में अब खौफ है इनमें सपनों का
क्या दोष लगाएँ दुश्मन पे अब खौफ है उनमें अपनों का...
मेरे मन की पर Archana
--
कहानी साहित्य की –
कविता जन से दूर क्यों ....
डा श्याम गुप्त ...
सृजन मंच ऑनलाइन
--
कार्टून :- ओय होय करवा चौथ आयो रे
काजल कुमार के कार्टून
--
"पतंग का खेल"
बालकृति नन्हें सुमन से
एक बाल कविता
"पतंग का खेल"
लाल और काले रंग वाली,
मेरी पतंग बड़ी मतवाली।
मैं जब विद्यालय से आता,
खाना खा झट छत पर जाता।
नन्हे सुमन--
शुभ करक चतुर्थी !!
मेरी दुआएँ सजनी सदा संग पिया का पाएँ |१
हों दीर्घ आयु सफलता के ऊँचे शिखर पाएँ ...
ज्योति-कलश
--
चाँद मुझे लौटा दो ना
चंदा से झरती झिलमिल रश्मियों के बीच
एक अधूरी मखमली सी ख्वाइश का
सुनहरा बदन होले से सुलगा दो ना
इन पलकों में जो ठिठकी है
उस सुबह को अपनी आहट से
एक बार जरा अलसा दो ना ...
kuchlamhe पर seema gupta
--
पुराने हाइकु-करवा चौथ
मुझे कुछ कहना है ....पर अरुणा -
--
कर लो थोड़ा इन्तजार…
My Expression पर Dr.NISHA MAHARANA
--
करवाचौथ दोहे
आये कार्तिक माह में ,कृष्ण पक्ष की चौथ
व्रत निर्जला सुहागिनें , करतीं करवाचौथ...
गुज़ारिश पर सरिता भाटिया
--
"मेरे प्रियतम"
कर रही हूँ प्रभू से यही प्रार्थना।
जिन्दगी भर सलामत रहो साजना।।
तीर्थ और व्रत सभी हैं तुम्हारे लिए,
चाँद-करवा का पूजन तुम्हारे लिए,
मेरे प्रियतम तुम्ही मेरी आराधना।
जिन्दगी भर सलामत रहो साजना।।
--
मीरा : एक पुनर्पाठ - हिमांशु पांड्या
असुविधा....पर Ashok Kumar Pandey
--
देवी पार्वती
लावण्यम्` ~अन्तर्मन्`
--
भाई पर अपहरण के आरोप पर बोले रामदेव,
गांधी खानदान मुझे
सेक्स रैकेट में भी फंसवा सकता है !
5TH Pillar Corruption Killer
--
दादा गजेन्द्र सिंह
समाज के हर वर्ग के प्रेरणा दायक
लो क सं घ र्ष !
--
कुछ पल तो बेफिक्री के …
बिताओ कभी यारों के साथ,
बिना किसी चिंता बिना किसी डर के
बेसुरे राग में कुछ तो गुनगुनाओं यारों के साथ
Pratibha Verma
--
असली संत के सामने
क्यों नतमस्तक भाजपा के पीएम !
रांचीहल्ला पर Amalendu Upadhyaya
--
संग कामना की त्रिपथगा रहे ,उर आराधना का भाव हो
--
आज के लिए बस...!
इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंअधिकाँश सूत्र करवा चौथ पर और शेष विभिन्न रंग लिए |मेरी रचना शामिल करने के लिए आभार |
जवाब देंहटाएंआशा
मेरी रचना " चाँद मुझे लौटा दो न " को इस ख़ूबसूरत मंच पर स्थान देने का दिल से आभार। सभी लेखको को हार्दिक शुभकामनायें .
जवाब देंहटाएंसादर
रोचक व पठनीय चर्चा।
जवाब देंहटाएंnice
जवाब देंहटाएंआज की लाजवाब करवा चौथ चर्चा में उल्लूक का "कौन जानता है किस समय गिनती करना
जवाब देंहटाएंबबाल हो जाये" को स्थान दिया आभार !
बहुत उम्दा रोचक लिंक्स ,,,!
जवाब देंहटाएंRECENT POST -: हमने कितना प्यार किया था.
वाह क्या बात है! बहुत सुन्दर
जवाब देंहटाएंसमझो बहार आई
सुन्दर व बढिया चर्चा
जवाब देंहटाएंबहुत उम्दा रोचक व पठनीय चर्चा,आभार !
जवाब देंहटाएंरोचक और पठनीय संग्रह
जवाब देंहटाएंसुंदर संयोजन
उत्कृष्ट प्रस्तुति
सादर
आग्रह है---
करवा चौथ का चाँद ------
बहुत बहुत शुक्रिया शास्त्री जी मेरी पोस्ट यहाँ तक पहुँचाने के लिए।
जवाब देंहटाएंसुन्दर आयोजन ...बहुत बधाई और मेरी रचनाओं को स्थान देने के लिए हृदय से आभार |
जवाब देंहटाएंसादर !
ॐ
जवाब देंहटाएंभाई श्री शास्त्री जी
मेरे आलेख ' देवी पार्वती ' को करवा चौथ २०१३ संकलन में चर्चा मंच पर स्थान देने के लिए आपका बहुत बहुत आभार !
- लावण्या
बहुत उम्दा चर्चा | मेरी रचना को इसमे स्थान देने के लिए आभार |
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर और रोचक लिंक्स...आभार
जवाब देंहटाएंउम्दा चर्चाएँ ---धन्यवाद .....
जवाब देंहटाएं