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रविवार, अक्टूबर 27, 2013

जिंदगी : चर्चा अंक -1411

जय माता दी रु की ओर से आप सभी मित्रों को सादर प्रणाम आज समयाभाव होने के कारण थोड़े ही लिनक्स के साथ हाजिर हूँ.
रूपचन्द्र शास्त्री मयंक
Minakshi Pant
Anshu Tripathi
Sushma 'आहुति'
Ashok Saluja
सरिता भाटिया
Manjusha Pandey
Amit Chandra
इसी के साथ मुझे इजाजत दीजिये फिर मिलते हैं अगले रविवार को तब तक के लिए शुभ विदा.
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"मयंक का कोना"
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सपना और मैं (नायिका )

निशि दिन ध्याऊं ,करू मैं क्या ,तुम नही आए 
तुम हो कठोर ,याद तुम्हारी, मुझको सदा सताए...
मेरे विचार मेरी अनुभूति पर कालीपद प्रसाद
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बाल कहानी ---- आत्मविश्वास

दो बहनें थीं।बड़ी मेहाली छोटी शेफ़ाली।दोनों बहनें बड़ी ही सभ्य व सुसंस्कृत परिवार की थीं।दोनों बहुत ही समझदार तथा पढ़ाई लिखाई में भी बहुत ही अच्छी थीं।पर दोनों के स्वभाव में बहुत ही अंतर था...
JHAROKHA पर JHAROKHA 
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कई निठल्ले हैं यहाँ, लिखते बढ़िया ब्लॉग -

 इत शोभन सरकार हैं, उत शोभा सरकार | 
इत सोना का प्यार है, उत सोना धिक्कार...
"लिंक-लिक्खाड़" पर रविकर
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कोयलों में हीरा देखने का भी तमीज होता है !
आदमी के गणित के हिसाब से कहीं भी कुछ भी कैसे भी अगर होता है 
तो किसी के भले के लिये ही होता है 
झूठ महाभारत में युधिष्ठर ने तक जब बोला होता है 
कोयलों में से एक कोयला उठा कर कोई उसे हीरा कह देता है 
तो भी कुछ नहीं कहीं होना होता है 
कहने वाला इतना भी बेवकूफ नहीं होता है ....
उल्लूक टाईम्स पर Sushil Kumar Joshi 

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आवाज़ का भरम
सब कुछ टूटने पर भी जोड़े रखना है मुझे 
आवाज़ का भरम भाँय भाँय की आवाज़ का होना 
काफी है एक रिदम के लिए 
नहीं सहेज सकती अब सन्नाटों के शगल 
क्योंकि जानती हूँ सन्नाटे भी टूटा करते हैं…
ज़िन्दगी…एक खामोश सफ़र पर vandana gupta

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आपका ब्लॉग
हेलोवीन कुछ आलमी झलकियाँ
हेलोवीन का वैश्विक स्वरूप 
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जानिएगा हेलोवीन परम्परा और मौजमस्ती
हेलोवीन मौज मस्ती का मौक़ा होता है। इसे मौज 
मस्ती और परम्परा और जन -विश्वास से जुड़ा गैर -
सरकारी पर्व भी कह सकते हैं क्योंकि इस दिन 
अमरीकी केलेंडर में छुट्टी का विधान नहीं है। 

आपका ब्लॉग पर वीरेन्द्र कुमार शर्मा

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कोई तो राह दो
दीप जलते रहें, जगमगाते रहें।
आप यूं ही सदा मुस्कराते रहें।।
दूर अज्ञान हो, इस धरा से प्रभु।
ऐसा वरदान दो, ऐसा वरदान दो।

आपका ब्लॉग पर Ramesh Pandey
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दिलकश चाँद खिला। ……… माहिया

1 
सिमटे नभ में  तारेदिलकश चाँद खिला 
हम दिल देकर हारे ।
2
फैली शीतल किरनें
मौसम भी बदला

फिर छंद लगे झरने ।...
sapne(सपने) पर shashi purwar 
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"काली गइया" 
बालकृति नन्हें सुमन से

एक बाल कविता
"काली गइया"
black cow_1 सुन्दर-सुन्दर गाय हमारी।
काली गइया कितनी प्यारी।।
जब इसको आवाज लगाओ।
काली कह कर इसे बुलाओ।।
तब यह झटपट आ जाती है।
अम्मा कह कर रम्भाती है।। 23022009290 यह इसका है छोटा बछड़ा।
अक्सर करता रहता झगड़ा।।
नन्हे सुमन
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कार्टून :- PM पद का एक और प्रत्‍याशी

20 टिप्‍पणियां:

  1. आज अहोई-अष्टमी, दिन है कितना खास।
    जिसमें पुत्रों के लिए, होते हैं उपवास।।
    नव रात्र (नौ दुर्गों )के पर्व पर होता कन्या पूजन
    पैदा होती जब कन्या होता है खूब रूदन।

    "दोहे-अहोईअष्टमी"
    रूपचन्द्र शास्त्री मयंक

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. ahoyi ashtami ki hardik shubhkamnaye . dhanyavad chacha ji hamen shamil karne hetu , sabhi links bahut acche hai , baal kahani bahut prayi lagi , baki sabhi ab padhte hai :) suprabhat

      हटाएं

  2. कई निठल्ले हैं यहाँ, लिखते बढ़िया ब्लॉग -

    इत शोभन सरकार हैं, उत शोभा सरकार |
    इत सोना का प्यार है, उत सोना धिक्कार...
    "लिंक-लिक्खाड़" पर रविकर

    मात सोनिया बाँध के रख्खो बछड़ा पास

    अब भी थोड़ी बहुत है वोट मिलन की आस?

    जवाब देंहटाएं
  3. सहज सरल शैली में सुन्दर बाल गीत।

    रस्सी खोल इसे हम लाते।
    काली का दुद्धू पिलवाते।।

    जवाब देंहटाएं

  4. ब्लॉग जगत है ब्रह्म मुखचिठ्ठा (fb)उसकी माया ,

    मुख -चिठ्ठा तत्काली,चिठ्ठा (ब्लॉग )सेकुलर (दीर्घ काली )है।


    ब्लॉग बनाम फेसबुक !!!
    Ashok Saluja

    जवाब देंहटाएं
  5. सांस्कृतिक स्रोत बन रहा है यह ब्लॉग तीज त्योहारों का। जब सेह के बच्चे की अनजाने में हुई हत्या का पाप इत्ता लगता है तब उन लोगों का अगले जन्म में क्या हश्र होगा जो कोख में कन्या को दफन रहें हैं ?

    अहोई अष्टमी व्रत
    सरिता भाटिया

    जवाब देंहटाएं
  6. अरुण अनंत बढ़िया सेतु लाये ,

    सबने खूब रंग जमाये।

    जवाब देंहटाएं
  7. बहुत खूबसूरत है
    आज की चर्चा
    दिख रहा है कहीं
    निठल्ले उल्लूक
    का भी पर्चा

    कोयलों में हीरा देखने का भी तमीज होता है !
    को स्थान दिया आभार !

    जवाब देंहटाएं
  8. सुन्दर भाव शरीर है इस रचना का विधना का।

    --
    सपना और मैं (नायिका )

    निशि दिन ध्याऊं ,करू मैं क्या ,तुम नही आए
    तुम हो कठोर ,याद तुम्हारी, मुझको सदा सताए...
    मेरे विचार मेरी अनुभूति पर कालीपद प्रसाद

    जवाब देंहटाएं
  9. Sir,Bahut hi badhiya links milte hain is charcha me....Meri kahani ko bhi is charcha me shamil karne ke liye hadik abhar.....
    Poonam

    जवाब देंहटाएं
  10. सुन्दर चर्चा मंच-
    आभार आपका |

    जवाब देंहटाएं
  11. बहुत ही खुबसूरत लिनक्स दिए है आपने.....

    जवाब देंहटाएं
  12. इस चहकती-महकती चर्चा के लिए आपका आभार अरुण जी।
    --
    आप तो व्यस्तता में से भी समय निकाल कर बढ़िया लिंक दे देते हो पढ़ने के लिए।
    धन्यवाद आपको।

    जवाब देंहटाएं

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