जय माता दी अरुन की ओर से आप सभी मित्रों को सादर प्रणाम आज समयाभाव होने के कारण थोड़े ही लिनक्स के साथ हाजिर हूँ. |
रूपचन्द्र शास्त्री मयंक
|
Minakshi Pant
|
Anshu Tripathi
|
Sushma 'आहुति'
|
Ashok Saluja
|
सरिता भाटिया
|
Manjusha Pandey
|
Amit Chandra
|
इसी के साथ मुझे इजाजत दीजिये फिर
मिलते हैं अगले रविवार को तब तक के लिए शुभ विदा.
-- "मयंक का कोना" -- सपना और मैं (नायिका ) निशि दिन ध्याऊं ,करू मैं क्या ,तुम नही आए तुम हो कठोर ,याद तुम्हारी, मुझको सदा सताए... मेरे विचार मेरी अनुभूति पर कालीपद प्रसाद -- बाल कहानी ---- आत्मविश्वास दो बहनें थीं।बड़ी मेहाली छोटी शेफ़ाली।दोनों बहनें बड़ी ही सभ्य व सुसंस्कृत परिवार की थीं।दोनों बहुत ही समझदार तथा पढ़ाई लिखाई में भी बहुत ही अच्छी थीं।पर दोनों के स्वभाव में बहुत ही अंतर था... JHAROKHA पर JHAROKHA -- कई निठल्ले हैं यहाँ, लिखते बढ़िया ब्लॉग - इत शोभन सरकार हैं, उत शोभा सरकार | इत सोना का प्यार है, उत सोना धिक्कार... "लिंक-लिक्खाड़" पर रविकर -- कोयलों में हीरा देखने का भी तमीज होता है ! आदमी के गणित के हिसाब से कहीं भी कुछ भी कैसे भी अगर होता है तो किसी के भले के लिये ही होता है झूठ महाभारत में युधिष्ठर ने तक जब बोला होता है कोयलों में से एक कोयला उठा कर कोई उसे हीरा कह देता है तो भी कुछ नहीं कहीं होना होता है कहने वाला इतना भी बेवकूफ नहीं होता है .... उल्लूक टाईम्स पर Sushil Kumar Joshi -- आवाज़ का भरम सब कुछ टूटने पर भी जोड़े रखना है मुझे आवाज़ का भरम भाँय भाँय की आवाज़ का होना काफी है एक रिदम के लिए नहीं सहेज सकती अब सन्नाटों के शगल क्योंकि जानती हूँ सन्नाटे भी टूटा करते हैं… ज़िन्दगी…एक खामोश सफ़र पर vandana gupta -- हेलोवीन कुछ आलमी झलकियाँ हेलोवीन का वैश्विक स्वरूप -- जानिएगा हेलोवीन परम्परा और मौजमस्ती हेलोवीन मौज मस्ती का मौक़ा होता है। इसे मौज मस्ती और परम्परा और जन -विश्वास से जुड़ा गैर - सरकारी पर्व भी कह सकते हैं क्योंकि इस दिन अमरीकी केलेंडर में छुट्टी का विधान नहीं है। आपका ब्लॉग पर वीरेन्द्र कुमार शर्मा
--
कोई तो राह दोदीप जलते रहें, जगमगाते रहें। आप यूं ही सदा मुस्कराते रहें।। दूर अज्ञान हो, इस धरा से प्रभु। ऐसा वरदान दो, ऐसा वरदान दो। आपका ब्लॉग पर Ramesh Pandey -- दिलकश चाँद खिला। ……… माहिया 1 सिमटे नभ में तारेदिलकश चाँद खिला हम दिल देकर हारे । 2 फैली शीतल किरनें मौसम भी बदला फिर छंद लगे झरने ।... sapne(सपने) पर shashi purwar -- "काली गइया" बालकृति नन्हें सुमन से एक बाल कविता "काली गइया" सुन्दर-सुन्दर गाय हमारी। काली गइया कितनी प्यारी।। जब इसको आवाज लगाओ। काली कह कर इसे बुलाओ।। तब यह झटपट आ जाती है। अम्मा कह कर रम्भाती है।। यह इसका है छोटा बछड़ा। अक्सर करता रहता झगड़ा।। नन्हे सुमन -- कार्टून :- PM पद का एक और प्रत्याशी |
फ़ॉलोअर
यह ब्लॉग खोजें
रविवार, अक्तूबर 27, 2013
जिंदगी : चर्चा अंक -1411
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
आज अहोई-अष्टमी, दिन है कितना खास।
जवाब देंहटाएंजिसमें पुत्रों के लिए, होते हैं उपवास।।
नव रात्र (नौ दुर्गों )के पर्व पर होता कन्या पूजन
पैदा होती जब कन्या होता है खूब रूदन।
"दोहे-अहोईअष्टमी"
रूपचन्द्र शास्त्री मयंक
ahoyi ashtami ki hardik shubhkamnaye . dhanyavad chacha ji hamen shamil karne hetu , sabhi links bahut acche hai , baal kahani bahut prayi lagi , baki sabhi ab padhte hai :) suprabhat
हटाएं
जवाब देंहटाएंकई निठल्ले हैं यहाँ, लिखते बढ़िया ब्लॉग -
इत शोभन सरकार हैं, उत शोभा सरकार |
इत सोना का प्यार है, उत सोना धिक्कार...
"लिंक-लिक्खाड़" पर रविकर
मात सोनिया बाँध के रख्खो बछड़ा पास
अब भी थोड़ी बहुत है वोट मिलन की आस?
मुझे तो लगता था बस मैं एक अकेला हूँ :)
हटाएंबढ़िया लिंक्स
जवाब देंहटाएंसहज सरल शैली में सुन्दर बाल गीत।
जवाब देंहटाएंरस्सी खोल इसे हम लाते।
काली का दुद्धू पिलवाते।।
जवाब देंहटाएंब्लॉग जगत है ब्रह्म मुखचिठ्ठा (fb)उसकी माया ,
मुख -चिठ्ठा तत्काली,चिठ्ठा (ब्लॉग )सेकुलर (दीर्घ काली )है।
ब्लॉग बनाम फेसबुक !!!
Ashok Saluja
सांस्कृतिक स्रोत बन रहा है यह ब्लॉग तीज त्योहारों का। जब सेह के बच्चे की अनजाने में हुई हत्या का पाप इत्ता लगता है तब उन लोगों का अगले जन्म में क्या हश्र होगा जो कोख में कन्या को दफन रहें हैं ?
जवाब देंहटाएंअहोई अष्टमी व्रत
सरिता भाटिया
अरुण अनंत बढ़िया सेतु लाये ,
जवाब देंहटाएंसबने खूब रंग जमाये।
बहुत खूबसूरत है
जवाब देंहटाएंआज की चर्चा
दिख रहा है कहीं
निठल्ले उल्लूक
का भी पर्चा
कोयलों में हीरा देखने का भी तमीज होता है !
को स्थान दिया आभार !
सुन्दर भाव शरीर है इस रचना का विधना का।
जवाब देंहटाएं--
सपना और मैं (नायिका )
निशि दिन ध्याऊं ,करू मैं क्या ,तुम नही आए
तुम हो कठोर ,याद तुम्हारी, मुझको सदा सताए...
मेरे विचार मेरी अनुभूति पर कालीपद प्रसाद
Sir,Bahut hi badhiya links milte hain is charcha me....Meri kahani ko bhi is charcha me shamil karne ke liye hadik abhar.....
जवाब देंहटाएंPoonam
सुन्दर चर्चा मंच-
जवाब देंहटाएंआभार आपका |
बहुत ही खुबसूरत लिनक्स दिए है आपने.....
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर लिंकों की प्रस्तुति ,,,
जवाब देंहटाएंRECENT POST -: तुलसी बिन सून लगे अंगना
इस चहकती-महकती चर्चा के लिए आपका आभार अरुण जी।
जवाब देंहटाएं--
आप तो व्यस्तता में से भी समय निकाल कर बढ़िया लिंक दे देते हो पढ़ने के लिए।
धन्यवाद आपको।
खुबसूरत चर्चा ....आभार!
जवाब देंहटाएंसीमित लेकिन सुंदर लिंक्स अरुण जी.
जवाब देंहटाएंनई पोस्ट : कोई बात कहो तुम
सुन्दर चर्चा मंच
जवाब देंहटाएंसुन्दर सूत्र..
जवाब देंहटाएं