कौन मनुज होगा बापू सा...
Kuldeep Thakur
नया टीबीआईएल, बहुभाषी, बहु-फ़ॉर्मेट फ़ॉन्ट कन्वर्टर से करें अपने वर्ड, एक्सेल तथा एसक्यूएल / ऐक्सेस डेटा फ़ाइलों के फ़ॉन्ट का रूपांतरण
Ravishankar Shrivastava
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ताली बजाकर भैंस मारना : दैनिक जनसंदेश टाइम्स 1 अक्टूबर 2013 के 'उलटबांसी' स्तंभ में प्रकाशित
नुक्कड़
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बंडे-आलू काट झट, गृह मंत्री की डांट |
बा-शिन्दे अभिमत यही, अंडे लेना छाँट |
अंडे लेना छाँट, अगर दागी है फेंको |
हों मुर्गी के ठाठ, रास्ता मत ही छेंको |
अब सत्ता की *पोच, बना देंगे ये अंडे |
नमो नमो का मन्त्र, जपें क्यूंकि बरबंडे -
*आमलेट की तरह का एक अंडा डिश
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उडो तुम
Neeraj Kumar
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विचरना अब चाहता है मेरा मन
चन्द्र भूषण मिश्र ‘ग़ाफ़िल’
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पशु चारा किसके मुंह में ?
Virendra Kumar Sharma
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DR. ANWER JAMAL
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Tourist Places in Daman-Diu दमन और दीव के पर्यटक स्थल
SANDEEP PANWAR
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९९.आजकल
Onkar
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ताऊ रामपुरिया
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हिंदी हूँ मै हिन्द की बेटी सिर का ताज मुझे कहिये
Surendra shukla" Bhramar"5
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चलो सितंबर सायोनारा…
सिद्धार्थ शंकर त्रिपाठी
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"मयंक का कोना"
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"खाटू धाम का परिचय"
ब्लॉगमंच
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प्रधानमंत्री जी बस एक बार अंदर झांकिए !
आधा सच...पर महेन्द्र श्रीवास्तव
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यह वो कल नहीं
यह वो कल नहीं
कभी जिसके लिये
तुम राम धुन को गाते थे....
जो मेरा मन कहे
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छेड़छाड़ शब्दों से
Akanksha पर Asha Saxena
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बुजुर्गों के लिये दिन चलो एक दिन ही सही !
उल्लूक टाईम्स पर Sushil Kumar Joshi
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अपनी हदों से गुजर रही हूँ मैं..
अपनी हदों से गुजर रही हूँ मैं,
खुद से लड़ने की जिद कर रही मैं...
'आहुति' पर sushma 'आहुति'
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"सबका बापू"
उच्चारण
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"खाटू धाम का परिचय"
ब्लॉगमंच
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प्रधानमंत्री जी बस एक बार अंदर झांकिए !
आधा सच...पर महेन्द्र श्रीवास्तव
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यह वो कल नहीं
यह वो कल नहीं
कभी जिसके लिये
तुम राम धुन को गाते थे....
जो मेरा मन कहे
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छेड़छाड़ शब्दों से
Akanksha पर Asha Saxena
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बुजुर्गों के लिये दिन चलो एक दिन ही सही !
उल्लूक टाईम्स पर Sushil Kumar Joshi
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अपनी हदों से गुजर रही हूँ मैं..
अपनी हदों से गुजर रही हूँ मैं,
खुद से लड़ने की जिद कर रही मैं...
'आहुति' पर sushma 'आहुति'
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"सबका बापू"
!! श्रद्धापूर्वक नमन !!
सारे जग से न्यारा गांधी, सबका बापू कहलाया।।
दो अक्टूबर को भारत में,गांधी ने अवतार लिया,
लालबहादुर ने भी इस पावन माटी से प्यार किया,
जय-जवान और जय-किसान का नारा सबको सिखलाया।
सारे जग से न्यारा गांधी, सबका बापू कहलाया।।
शुभप्रभात गांधी जयंती की शुभकामनाओं साथ सुंदर चर्चा... मेेरी रचना को स्थान देने के लिये आप का आभार।
जवाब देंहटाएंमहात्मा गांधी और पं. लाल बहादुर सास्त्री को नमन।
जवाब देंहटाएं--
सुन्दर चर्चा के लिए आपका आभार रविकर जी।
हमारी 'post’ पर तशरीफ़ लाने, रचना को स्थान देने के लिये आप का आभार,
जवाब देंहटाएंमेहरबानी ।
शुभप्रभात, गांधी जयंती की शुभकामनाओं साथ सुंदर चर्चा,आभार.
जवाब देंहटाएंरोचक व पठनीय सूत्र..
जवाब देंहटाएंगांधीजी और शास्त्रीजी को नमन।
जवाब देंहटाएंउपयोगी सूत्र !
बहुत सुंदर रोचक सूत्रों का संकलन !
जवाब देंहटाएंRECENT POST : मर्ज जो अच्छा नहीं होता.
सुन्दर चर्चा मंच सजाया ,
जवाब देंहटाएंसादर हमको भी बिठलाया।
बचके रहियो
जवाब देंहटाएंआरहा है ,
बुद्धिमंद।
चुनावी साल, वादों की बरसात, महाभारत
ताऊ रामपुरिया
हम भी यही कहते हैं जिनका भारत की सम्पत्ति पर पहला हक़ है उनकी गिरफ्तारी अवैध घोषित की जाए ,इन्हें गिरिफ़्तार करना मनमोहन का अपमान है पहले मनबुद्धि ने किया अब ....शिंदे ठीक कर रहें है ठीक ठीक रहंक रहें हैं ....इतने बड़े प्राजातंत्र का गृहमंत्री है जो कुछ कहेगा सोच समझके ही कहेगा।
जवाब देंहटाएंनमो नमो का मन्त्र, जपें क्यूंकि बरबंडे -
बंडे-आलू काट झट, गृह मंत्री की डांट |
बा-शिन्दे अभिमत यही, अंडे लेना छाँट |
अंडे लेना छाँट, अगर दागी है फेंको |
हों मुर्गी के ठाठ, रास्ता मत ही छेंको |
अब सत्ता की *पोच, बना देंगे ये अंडे |
नमो नमो का मन्त्र, जपें क्यूंकि बरबंडे -
*आमलेट की तरह का एक अंडा डिश
है अनिश्चित अब मेरी भवितव्यता
जवाब देंहटाएंअब तू अपने वास्ते कुछ कर जतन
सारे लोकाचार से उन्मुक्त हो
विचरना अब चाहता है मेरा मन
होना चाहता है अ -मन।
दो अक्टूबर को भारत में,गांधी ने अवतार लिया,
जवाब देंहटाएंलालबहादुर ने भी इस पावन माटी से प्यार किया,
जय-जवान और जय-किसान का नारा सबको सिखलाया।
सारे जग से न्यारा गांधी, सबका बापू कहलाया।।
लोकतन्त्र की आहुति बनकर, दोनों ने बलिदान दिया,
महायज्ञ की बलिवेदी पर, अपना जीवन दान किया,
धन्य-धन्य हे पुण्य प्रसूनों! तुमने उपवन महकाया।
सारे जग से न्यारा गांधी, सबका बापू कहलाया।।
भारत के गौरव को गांधी और शाष्त्री ने दहकाया। सुन्दर प्रस्तुति।
सत्य, अहिंसा का पथ जिसने, दुनिया को दिखलाया।
सारे जग से न्यारा गांधी, सबका बापू कहलाया।।
दो अक्टूबर को भारत में,गांधी ने अवतार लिया,
लालबहादुर ने भी इस पावन माटी से प्यार किया,
जय-जवान और जय-किसान का नारा सबको सिखलाया।
सारे जग से न्यारा गांधी, सबका बापू कहलाया।।
उच्चारण
बहुत सुन्दर लिंक्स से सजी चर्चा .मेरी रचना को सामिल करने के लिए आभार !
जवाब देंहटाएंक्या बात है महेंद्र भाई श्रीवास्तव जी !"प्रधानमंत्रीजी बस एक बार अन्दर झांकिए "एक बार क्या वह तो दस जनपथ के नादर ही झांकते रहते हैं लेकिन दिखाली कुछ नहीं देता उनका काम सुनना है देखना नहीं है।
जवाब देंहटाएंराहुल के गुरु भोपाली मदारी हैं झामुरा विलायती गुरु भोपाली मदारी। राहुल सही बात भी गलत समय पर कहते हैं। आस्तीन चढ़ाके। बुद्धि मंद हैं ,इनकी बात का प्रधानमंत्रीजी क्या बुरा मानेगें।
प्रधानमंत्री जी बस एक बार अंदर झांकिए !
आधा सच...पर महेन्द्र श्रीवास्तव
क्या बात है महेंद्र भाई श्रीवास्तव जी !"प्रधानमंत्रीजी बस एक बार अन्दर झांकिए "एक बार क्या वह तो दस जनपथ के अन्दर ही झांकते रहते हैं लेकिन दिखायी कुछ नहीं देता उनका काम सुनना है देखना नहीं है।
जवाब देंहटाएंराहुल के गुरु भोपाली मदारी हैं झमुरा विलायती गुरु भोपाली मदारी। राहुल सही बात भी गलत समय पर कहते हैं। आस्तीन चढ़ाके। बुद्धि मंद हैं ,इनकी बात का प्रधानमंत्रीजी क्या बुरा मानेगें।
संविधानिक संस्थाओं का मखौल उड़ाना इंदिरा नेहरु विस्तृत खानदान का पुराना शगल है सिलसिला इलाहाबद से शुरू हुआ जस्टिस सिन्हा को सुपरसीड करते हुए उसके बाद एक एक करके सभी संविधानिक संस्थाओं की धज्जी उड़ाने में कांग्रेस महारत हासिल कर चुकी है प्रधानमन्त्री- वंत्री क्या होता है किस खेत की मूली होती है।
एक प्रतिक्रिया ब्लॉग पोस्ट :
जवाब देंहटाएंआज बात की शुरूआत चटपटे नेता लालू यादव से। चारा घोटाले में आरोप सिद्ध हो जाने के बाद लालू यादव जेल चले गए। 17 साल से ये मामला न्यायालय में विचाराधीन था। अगर पिछले चार पांच साल को छोड़ दें तो इस मुकदमे के चलने के दौरान लालू बिहार और केंद्र की सरकार में अहम भूमिका निभा रहे थे। ये लोकतंत्र का माखौल ही है कि भ्रष्टाचार का आरोपी व्यक्ति यहां मंत्री बना बैठा रहता है। होना तो यही चाहिए कि जब तक नेता आरोपों से बरी ना हो जाए, उसे मंत्री, मुख्यमंत्री बिल्कुल नहीं बनाया जाना चाहिए। बहरहाल लालू यादव अब सही जगह पर हैं, उन्हें यहीं होना चाहिए। जो हालात हैं उसे देखकर हम कह सकते हैं कि अगर सुप्रीम कोर्ट की चली तो आने वाले चुनावों के बाद संसद और विधानसभाओं की सूरत थोड़ी बदली हुई होगी। क्योंकि तब यहां भ्रष्ट, बेईमान, अपराधी, हत्यारे, बलात्कारी नहीं आ पाएंगे। अब देखिए शिक्षक भर्ती घोटाले मे हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला जेल चले गए, मेडीसिन खरीद घोटाले में रसीद मसूद जेल गए, चारा घोटाले में ही बिहार के एक और पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्र भी जेल भेजे गए। खैर जो नेता अभी तक जेल जा रहे हैं, सच्चाई तो ये है कि अब वो राजनीति के हाशिए पर हैं, उनकी कोई खास पूछ रही नहीं अब सियासत मे। हालांकि लालू जरूर कोई भी करिश्मा करने की हैसियत रखते हैं। जेल जाने के दौरान लालू ने कहा "मैं साजिश का शिकार हो गया" । मुझे भी लगता है कि वो साजिश के शिकार हो गए। मेरा मानना है कि मायावती और मुलायम सिंह की तरह अगर लालू के पास भी 19 - 20 सांसद होते, तो यही सरकार और प्रधानमंत्री उनके तलवे चाटते फिरते। यूपीए (एक) की सरकार में लालू की हैसियत किसी से छिपी नहीं है।
बहरहाल इन दिनों घटनाक्रम बहुत तेजी से बदल रहा हैं। आपने देखा ना कि राहुल गांधी ने एक शिगूफा छोड़ा और खबरिया चैनलों से लेकर देश दुनिया के सारे अखबार राहुल की तस्वीरों से रंग गए। लेकिन मुझे चैनल और अखबारों की रिपोर्ट देखकर काफी हैरानी हुई । हैरानी इस बात पर हुई कि क्या इतना बड़ा फैसला सरकार ने कांग्रेस पार्टी की मर्जी के बगैर ले लिया गया ? अगर इस फैसले में पार्टी की राय थी तो सवाल उठता है कि क्या पार्टी के उपाध्यक्ष राहुल गांधी से इस मामले में कोई सलाह मशविरा नहीं किया गया ? सवाल ये भी क्या राहुल गांधी को पार्टी का उपाध्यक्ष बनाकर सिर्फ उनका कद बढ़ाया गया है, उनसे जरूरी मसलों पर कोई सलाह मशविरा नहीं की जाती है ! या फिर ये समझा जाए कि राहुल गांधी की विशेषता सिर्फ ये है कि वो गांधी परिवार में जन्में है, इसलिए उनका सम्मान भर है, उनकी राय पार्टी या सरकार के लिए कोई मायने नहीं रखती ? यही वजह तो नहीं कि उनसे किसी मसले पर रायशुमारी नहीं की जाती। अरे भाई मैं एक तरफा बात किए जा रहा हूं, पहले मैं आपसे पूछ लूं कि मुद्दा तो आपको पता है ना ? बहुत सारे लोग सरकारी काम से बाहर या फिर निजी टूर पर रहते हैं, इसलिए हो सकता है कि उन्हें ना पता हो कि राहुल ने ऐसा क्या तीर चला दिया, पूरी व्यवस्था ही हिल गई है।
दरअसल आपको पता होगा कि 10 जुलाई 13 को सुप्रीम कोर्ट ने राजनीति में अपराधियों को रोकने के लिए एक महत्वपूर्ण आदेश दिया। इसमें कहा गया कि अगर किसी जनप्रतिनिधि को दो साल या इससे अधिक की सजा सुनाई जाती है तो उसकी सदस्यता तत्काल प्रभाव से समाप्त हो जाएगी। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का देश भर में स्वागत हुआ। कहा गया कि इससे राजनीति में सुचिता आएगी, अपराधी, भ्रष्ट नेताओं पर लगाम लगाया जा सकेगा। देश की आम जनता और विपक्ष ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का खुले मन से स्वागत किया। लेकिन सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश से केंद्र की सरकार खुद को असहज महसूस करने लगी। सरकार को मालूम है कि अगर कोर्ट के आदेश का पालन हुआ तो केंद्र की ये सरकार किसी भी समय मुंह के बल जा गिरेगी, क्योंकि दो एक पार्टी को छोड़ दें तो ज्यादातर पार्टी के नेताओं पर भ्रष्टाचार और अन्य गंभीर अपराधों से जुड़े कई मामले कोर्ट में विचाराधीन हैं।
जवाब देंहटाएंअब एक बार फिर संदेश दिया जा रहा है कि चोरों, दागियों , अपराधियों, जेल में बंद नेताओं के मददगार हैं अपने प्रधानमंत्री। इन पर कुर्सी का ऐसा भूत सवार है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश को बदलने के लिए अध्यादेश लाने से भी नहीं बाज आते। हुआ क्या, कल के लड़के ने प्रधानमंत्री की अगुवाई में लिए गए कैबिनेट के फैसले को "नानसेंस" कह कर संबोधित किया। राहुल ने ये कह कर कि " मेरी निजी राय में अध्यादेश बकवास है, इसे फाड़कर फैंक देना चाहिए" तूफान खड़ा कर दिया। बहरहाल राहुल की निजी राय के बाद जैसी हलचल देखी जा रही है, उससे प्रधानमंत्री और उनके कैबिनेट की हैसियत का सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है । वैसे एक बात है राहुल को जिसने भी ये सलाह दी वो है तो बहुत ही शातिर राजनीतिबाज ! जानते हैं क्यों ? सब को पता है कि इस समय राष्ट्रपति भवन में प्रतिभा देवी सिंह पाटिल नहीं बल्कि महामहिम प्रणव दा हैं । मेरा दावा है कि इस अध्यादेश पर प्रणव दा एक बार में तो हस्ताक्षर बिल्कुल नहीं कर सकते थे ! सरकार के वरिष्ठ मंत्रियों के जरिए संभवत: ये संदेश भी उन्होंने सरकार तक पहुंचा दिया था। राष्ट्रपति भवन से अध्यादेश बिना हस्ताक्षर के वापस आता तो सरकार और कांग्रेस पार्टी और उसके नेता कहीं मुंह दिखाने लायक नहीं रहते।
बीजेपी पहले से ही इसका विरोध कर रही थी। यहां तक की आडवाणी की अगुवाई में एक प्रतिनिधिमंडल राष्ट्रपति से मिलकर आग्रह भी कर चुका था कि इस अध्यादेश पर वो अपनी मुहर ना लगाएं। सच्चाई ये है कि राष्ट्रपति भवन और विपक्ष के तेवर से कांग्रेस खेमें में बेचैनी थी। सब तोड़ निकालने में जुट गए थे कि कैसे इस अध्यादेश को वापस लिया जाए। बताते हैं कि राहुल गांधी ने जिस तरह अचानक प्रेस क्लब पहुंच कर रियेक्ट किया, वो एक स्वाभाविक प्रतिक्रिया नहीं थी, बल्कि एक रणनीति के तहत राहुल को सामने किया गया। कांग्रेस नेताओं ने जानबूझ कर राहुल को कड़े शब्द इस्तेमाल करने को कहा। इस बात पर भी चर्चा हुई कि अपनी ही सरकार के खिलाफ कड़े तेवर दिखाने से प्रधानमंत्री नाराज हो सकते हैं, इतना ही नहीं यूपीए में शामिल घटक दल भी अन्यथा ले सकते हैं। इस पर कांग्रेस के रणनीतिकारों ने साफ किया कि ये एक ऐसा मुद्दा है कि इस पर कोई भी खुलकर सामने नहीं आ सकता। जो अध्यादेश का समर्थन करेगा, जनता उससे किनारा कर लेगी। राहुल अगर अपनी ही सरकार को "नानसेंस" कहते हैं तो सांप भी मर जाएगा और लाठी भी नहीं टूटेगी। जहां तक प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की नाराजगी का सवाल है, कहा गया कि कई बार इससे भी गंभीर टिप्पणी उनके बारे में हो चुकी है और वो नाराज नहीं हुए। इस बार तो उनकी अगुवाई में इतना गंदा काम हुआ है कि इस मुद्दे पर नाराज हुए तो फिर कहीं मुंह दिखाने के काबिल नहीं रहेंगे।
बताया जा रहा है कि सब कुछ तय हो जाने के बाद राहुल को तीन लाइन की स्क्रिप्ट सौंपी गई और कहा गया कि उन्हें ये याद करना है और आक्रामक तेवर में मीडिया के सामने रखना है। मीडिया के सवाल का जवाब नहीं देना है। अगर कोई सवाल हो भी जाए और जवाब देने की मजबूरी हो तो इसी बात को दुहरा देना है। बताया गया कि गंभीर मामला है, प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह हमेशा की तरह इस बार भी बाहर हैं, इसलिए नपे तुले शब्दों में ही हमला होना चाहिए, क्योंकि हमारे प्रधानमंत्री को गुस्सा कम आता है, लेकिन जब आता है तो कुछ भी कहने से नहीं चूकते। वैसे मेरा एक सवाल है, प्रधानमंत्री जी विपक्ष ने आपको भ्रष्ट कहा तो नाराज हो गए, आपने संसद में कहाकि दुनिया के किसी दूसरे देश में प्रधानमंत्री को वहां का विपक्ष भ्रष्ट नहीं कहता है। आपकी बात सही है, लेकिन मुझे ये जानना है कि दुनिया के किसी दूसरे देश में अपनी ही पार्टी का नेता अपने प्रधानमंत्री को " नानसेंस " कहता है क्या ? प्लीज आप जवाब मत दीजिए, क्योंकि इसका आपके पास कोई जवाब है भी नहीं ।
चलते - चलते
मैं प्रधानमंत्री होता तो अमेरिकी से ही इस्तीफा भेजता और वहीं ओबामा से टू बीएचके का एक फ्लैट ले कर बस जाता, देशवासियों को अपना काला चेहरा नहीं दिखाता ।
Posted by महेन्द्र श्रीवास्तव at 20:36
बहुत सुंदर चर्चा और लिंक्स, आभार.
जवाब देंहटाएंरामराम.
गांधी जयंती की शुभकामनाऐं !
जवाब देंहटाएंसुंदर सूत्रों से सजी चर्चा में उल्लूक की रचना बुजुर्गों के लिये दिन चलो एक दिन ही सही को स्थान दिया उसकेलिये रविकर जी का आभार साथ में दो जवानो का फोटो भी लगा देख कर दिल खुश होगया :)
सुंदर लिंक्स के साथ बढ़िया चर्चा, बधाई...........
जवाब देंहटाएंगांधी जयंती की शुभकामनाऐं
जवाब देंहटाएंबढ़िया चर्चा, बधाई...
सुंदर लिक्स,
जवाब देंहटाएं“महात्मा गाँधी :एक महान विचारक !”
बहुत बढ़िया लिंक्स है रविकर जी,
जवाब देंहटाएंमुझे शामिल करने का बहुत बहुत आभार !
सुन्दर लिंक है सभी ...
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत धन्यवाद
जवाब देंहटाएंसादर
बढ़िया लिंक्स के साथ सुन्दर चर्चा प्रस्तुति ..
जवाब देंहटाएंगाँधी और शास्त्री जयंती के अवसर पर दोनों को नमन!
बहुत सुन्दर लिंक सजाये हैं, मैंने सुबह भी प्रतिक्रिया दी थी अभी गायब है..
जवाब देंहटाएंबहुत ख़ूब आभार आपका भाई रविकर जी
जवाब देंहटाएंगांधी जयंती की शुभकामनाऐं ...प्रिय रविकर जी बहुत अच्छा संकलन ...
जवाब देंहटाएंप्रिय बापू और हमारे देश के लाल , लाल बहादुर शास्त्री जी को नमन
भ्रमर ५
बढ़िया चर्चा, बधाई
bahut sundar
जवाब देंहटाएंबढ़िया लिंक्स आज की |मेरी रचना शामिल करने के लिए आभार |
जवाब देंहटाएंआशा