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रविवार, अक्टूबर 13, 2013

आँचल में है दूध : चर्चा मंच -1397

"जय माता दी" चर्चामंच परिवार की ओर से आप सभी को नवरात्रि की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं . मातारानी की जय जयकार करते हुए आइये चलते हैं आप सभी के चुने हुए प्यारे लिंक्स पर.

प्रस्तुतकर्ता : रूपचन्द्र शास्त्री मयंक


प्रस्तुतकर्ता : Neelima Sharma


प्रस्तुतकर्ता : सु..मन
प्रस्तुतकर्ता : वर्षा


प्रस्तुतकर्ता : रश्मि शर्मा


प्रस्तुतकर्ता : Amit Srivastava
प्रस्तुतकर्ता : Anju


प्रस्तुतकर्ता : महेन्द्र श्रीवास्तव


प्रस्तुतकर्ता : Virendra Kumar Sharma


प्रस्तुतकर्ता : Surendra shukla" Bhramar"5


प्रस्तुतकर्ता : Asha Saxena

प्रस्तुतकर्ता : Rekha Joshi
प्रस्तुतकर्ता : Rekha Joshi
प्रस्तुतकर्ता : Vandana
प्रस्तुतकर्ता : विजयलक्ष्मी

जारी है 'मयंक का कोना'
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पहले कुछ लिंक आपका ब्लॉग से
आपका ब्लॉग
हिंदी भाषा का साहित्य-सृजन महानगरों में केंद्रित हो जाने से उन रचनाकारों का बड़ा नुकसान हुआ, जिनका जीवन व लेखन साहित्यिक मानदंडों पर ज्यादा खरा उतरता था और जिनके लिए साहित्य व्यवसाय नहीं, बस जुनून था. अपेक्षित प्रचार-प्रसार के अभाव में उनका मूल्यवान लेखन या तो अप्रकाशित रह गया या छप कर भी जिज्ञासु पाठकों तक नहीं पहुंच पाया....
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बहुत समय बाद वापस ब्लॉग पर आया हूँ. समय बहुत जल्दी बीतता है. अहसास ही नहीं हुआ और ३ साल जैसे पंछी की तरह पंख लगाकर बीत गए. रचनाये तो बहुत लिखी, बस यहाँ नहीं डाल पाया. आज ब्लॉग वापस लिखते हुए ऐसा लग रहा है जैसे कुछ खोया हुआ वापस मिल गया. आज मैं अपनी रचना नहीं बल्कि एक ऐसे गीतकार की पंक्तिया लिख रहा हूँ, जो मेरे दिल के बहुत करीब हैं....
सुनहरी यादें पर abhinav pandey 

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...राम का नामगांधी का नाम इसलिए याद रहा है क्‍योंकि रावण और उसकी कुत्सित वृतियां साथ जुड़ी थीं। दुख न हो तो सुख को पूछने वाला कोई नहीं मिेलेगा। रावण नहीं होगा तो कौन रामसब पर लग जाएगा विराम। समझ गया था मैं, यह अंतहीन अनवरत यात्रा हैसच्‍चाई है जिसने सबको लुभाया है। बुराईयों का मिटाना भी उत्‍सव है। उत्‍सव इंसान की जिंदगी का सच है।  सच्‍चाई को पाना भी पर्व है। बुराई को भुलाना भी गर्व है। दोनों न होते तो दशहरा न होतादशहरा न होता तो दीवाली न होती। मेरे मरने पर दशहरा और राम के जीतने पर दिवाली है। दरअसल जनता की जेब खाली करने की यह रस्‍म बना ली है।

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मेरा फोटो
चहल-पहल पर kavita verma

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DHAROHAR पर अभिषेक मिश्र 

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मेरा फोटो
झरोख़ा पर निवेदिता श्रीवास्तव 

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धुंधली यादें पर Nitish Srivastava

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Akanksha पर Asha Saxena

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काव्य संकलन सुख का सूरज से
एक गीत
"पग-पग पर मिलते हैं"
आशा और निराशा के क्षण,
पग-पग पर मिलते हैं।
काँटों की पहरेदारी में,
ही गुलाब खिलते हैं।

पतझड़ और बसन्त कभी,
हरियाली आती है।
सर्दी-गर्मी सहने का,
सन्देश सिखाती है।
यश और अपयश साथ-साथ,
दायें-बाये चलते हैं।

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28 टिप्‍पणियां:

  1. शुभ प्रभात |कई सूत्रों से सजा आज का चर्चा मंच |विजय दशमीं पर हार्दिक शुभ कामनाएं |
    मेरी रचना शामिल करने के लियें आभार |

    जवाब देंहटाएं
  2. सुंदर सूत्रों से सजा चर्चा मंच।

    जवाब देंहटाएं
  3. सुन्दर भाव भूमि हसी इस पोस्ट की।

    यही तो है मेरी कहानी,
    आँचल में है दूध
    और ........!
    समता चाहे ममता -रानी।

    गर्भ नहीं उसकी है समाधि।


    "आँचल में है दूध और
    प्रस्तुतकर्ता : रूपचन्द्र शास्त्री मयंक

    जवाब देंहटाएं

  4. महेन्द्र भाई ये कलियुग है आसा के भी ताऊ यहाँ मिलेंगे। और फिर आसा तो सेक्समेनियाक है। इसका इलाज़ होना चाहिए। बेटे का और इसकी हिमायती मोतर्माओं का पता नहीं कहते तो सब यही हैं लंका में सब बावन गज के हैं। आपके हौसले को दाद देनी होगी।

    आसाराम का मिशन बलात्कार !
    प्रस्तुतकर्ता : महेन्द्र श्रीवास्तव

    जवाब देंहटाएं
  5. श्याम रंग में रंगी चुनरिया ,अब रंग दूजो भावे न ,जिन नैनं में श्याम बसे हों ,और दूसरो आवे न .

    जवाब देंहटाएं
  6. श्याम रंग में रंगी चुनरिया ,अब रंग दूजो भावे न ,जिन नैनं में श्याम बसे हों ,और दूसरो आवे न .

    तुम्ही तो हो
    प्रस्तुतकर्ता : Anju

    जवाब देंहटाएं
  7. मिटे अँधेरा
    फैल जाता प्रकाश
    है शुभंकरी

    सुन्दरम मनोहरं

    माँ कालरात्रि [सप्तम शक्ति]
    प्रस्तुतकर्ता : Rekha Joshi

    जवाब देंहटाएं

  8. सुन्दर चर्चा खूब सजाई ,

    आदर से हमका बिठ्लाई ,

    तबहिं न करहिं खूब बड़ाई ,

    सच्चे श्रम से तुमहू सजाई।

    जवाब देंहटाएं
  9. बढ़िया रविवारीय चर्चा प्रस्तुति
    आभार!

    जवाब देंहटाएं
  10. सार्थक आशावाद

    जीवन कभी कठोर कठिन,
    और कभी सरल सा है।
    भोजन अमृततुल्य कभी,
    तो कभी गरल सा है।
    सागर के खारे जल में,
    ही मोती पलते हैं।
    काँटो की पहरेदारी में,
    ही गुलाब खिलते हैं।

    आशा और निराशा के क्षण,
    पग-पग पर मिलते हैं।
    काँटों की पहरेदारी में,
    ही गुलाब खिलते हैं।

    पतझड़ और बसन्त कभी,
    हरियाली आती है।
    सर्दी-गर्मी सहने का,
    सन्देश सिखाती है।
    यश और अपयश साथ-साथ,
    दायें-बाये चलते हैं।
    सुख का सूरज

    जवाब देंहटाएं
  11. सार्थक आशावाद। प्रार्थना में ताकत है।


    आइये हम सब मिल कर दुआ करें,
    अरदास करें, प्रार्थना करे कि
    आज की रात तूफ़ान कमज़ोर पड़ जाये

    जवाब देंहटाएं
  12. सुंदर सूत्रों से सजा चर्चा, दुर्गा पूजा की हार्दिक शुभकामनायें।

    जवाब देंहटाएं
  13. बहुत ही सुन्दर लिंक्स...
    विजयादशमी की हार्दिक शुभकामनाएँ...

    जवाब देंहटाएं
  14. मयंक का कौना पर भी अपनी रचना देख अच्छा लगा धन्यवाद शास्त्री जी इस हेतु |
    विजया दशमी पर हार्दिक शुभ कामनाएं |
    आशा

    जवाब देंहटाएं
  15. बहुत सुंदर सूत्रों से पिरोया है आज की चर्चा को !

    जवाब देंहटाएं
  16. बहुत बढ़िया सूत्र संकलन ,सुन्दर चर्चा हेतु बहुत बहुत बधाई प्रिय अरुन अनंत जी

    जवाब देंहटाएं
  17. सुन्दर संकलन। चर्चा मंच पर प्रकाशित रचनाओं ने मन प्रफुल्लित कर दिया। मेरी रचना को चर्चा मंच में शामिल करने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद।

    जवाब देंहटाएं
  18. बहुत सुन्दर रचना -लेख ..अच्छे भाव और सीख के साथ
    आप सभी मित्रों को सपरिवार दशहरा की हार्दिक शुभ कामनाएं
    अनंत जी बहुत सुन्दर संकलन ..अच्छे लिंक्स ..मेरी रचना ..खुशबू फिजा में बिखरी को आप ने चर्चा मंच पर स्थान दिया ख़ुशी हुयी
    भ्रमर ५

    जवाब देंहटाएं
  19. बहुत ही सुन्दर लिंक्स...
    विजयादशमी की हार्दिक शुभकामनाएँ...

    जवाब देंहटाएं
  20. Arun ji shukriyaa meri rachna ko yaha shaamil kiye jaane ka sundar sutro ka links samaveshit hain yaha

    जवाब देंहटाएं
  21. शानदार चर्चा....मेरी रचना को स्‍थान देने का शुक्रि‍या...

    जवाब देंहटाएं
  22. Arun beta bahut sundar links ,meri rachna ko shamil karne pr abhar ,lekin सूरज की संघर्ष यात्रा meri rachna nhi hae shayd galti se mera naam likha gaya hae ,dhnyvaad

    जवाब देंहटाएं
  23. बहुत सुन्दर प्रस्तुति।
    --
    विजयादशमी की हार्दिक शुभकामनाएँ।

    जवाब देंहटाएं
  24. इस सुंदर संकलन में 'धरोहर' की मेरी पोस्ट को भी शामिल करने का धन्यवाद...

    जवाब देंहटाएं

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