आज की मंगलवारीय चर्चा में आप सब का स्वागत है राजेश कुमारी की आप सब को नमस्ते , आप सब का दिन मंगल मय हो अब चलते हैं आपके प्यारे ब्लॉग्स पर
एक सुखद यादगार
Maheshwari kaneri at अभिव्यंजना
सरकारी बिल्डिंग का एक कमरा
Mukesh Kumar Sinha at जिंदगी की राहें
नव ब्रह्मांड
Rajesh Kumari at HINDI KAVITAYEN ,AAPKE VICHAAR -
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ग़ज़ल : हमारा प्रेम होता जो कन्हैया और राधा सा
अरुन शर्मा अनन्त at दास्ताँने - दिल (ये दुनिया है दिलवालों की) -
एक साल माँ के बिना ...
noreply@blogger.com (दिगम्बर नासवा) at स्वप्न मेरे
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लूटि लियो मेरो दिल को गल्ला
ग़ाफ़िल! मैं तो सेठानी थी
कियो भिखारिन छिन में लल्ला
सौंपि दीन्हि तोहे सिगरौ पूँजी
मान बढ़ायो केकर भल्ला...
कियो भिखारिन छिन में लल्ला
सौंपि दीन्हि तोहे सिगरौ पूँजी
मान बढ़ायो केकर भल्ला...
चन्द्र भूषण मिश्र ‘ग़ाफ़िल’ at ग़ाफ़िल की अमानत
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प्रभु दे मारक शक्ति,, नारि क्यूँ सदा कराहे -
रविकर at रविकर की कुण्डलियाँ
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कहा चाँद ने रजनी से ,,,,,,
Dr.NISHA MAHARANA at Tere bin
सुनो कि इस देश में कैसे मरता है किसान! - उमेश चौहान
Ashok Kumar Pandey at असुविधा.
चुहुल - ६०
noreply@blogger.com (पुरुषोत्तम पाण्डेय) at जाले
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"अमर भारती जिन्दाबाद" (डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
रूपचन्द्र शास्त्री मयंक at उच्चारण -
मुड़ मुड़ के देखना एक उम्र तक बुरा नहीं समझा जाता है
Sushil Kumar Joshi at उल्लूक टाईम्स
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भारत के रत्न मान पायें भारत के बाहर .
Shalini Kaushik at ! कौशल !
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कुछ खस्ता सेर हमारे भी - सतीश सक्सेना
सतीश सक्सेना at मेरे गीत
desh bhar men Gandhi parivar
S.N SHUKLA at काल चिंतन -
झरने लगे हैं पुष्प हरसिंगार के....................!!
Anupama Tripathi at anupama's sukrity
इंतज़ार
Kailash Sharma at Kashish - My Poetry
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उदास मौसमों के विदा की बेला...
Pratibha Katiyar at प्रतिभा की दुनिया .
पानी वाला घर :
धीरेन्द्र अस्थाना at अन्तर्गगन -
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डॉ नूतन गैरोला जी की दो कवितायेँ
आज की
चर्चा यहीं समाप्त करती
हूँ फिर चर्चामंच पर
हाजिर होऊँगी कुछ
नए सूत्रों के साथ
तब तक के लिए
शुभ विदा बाय बाय ||
"मयंक का कोना"
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वारे न्यारे कब किये, कब का चारा साफ़ |
पर कोई चारा नहीं, कोर्ट करे ना माफ़ |
आपका ब्लॉग पर Virendra Kumar Sharma
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कभी ऐसा लगता है,धुंधली यादें पर Nitish Srivastava
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मिलता तुझको वही सदा जो तू बोता है...ग़ज़ल सकल सृष्टि का सर्वश्रेष्ठ प्राणी होता है |
बीज नित्य नव आशाओं के मानव बोता है |
जाने कितनी नयी नयी सुख -सुविधा भोगीं ,
कष्ट पड़े फिर भला आज तू क्यों रोता है |..
..डा श्याम गुप्त ...
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क्या ये आत्मा की बीमारी है ?आत्मा बीमार है हमारी या मन ?
जिसे हम आत्म प्रताड़ना समझ रहे हैं
Virendra Kumar Sharma
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ग़ज़ल (बोल)
उसे हम बोल क्या बोलें जो दिल को दर्द दे जाये
सुकूं दे चैन दे दिल को , उसी को बोल बोलेंगें ..
मदन मोहन सक्सेना
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क्या बिगड़ जाएगा...
गहराती शाम के साथ मन में धुक-धुकी समा जाती है
सब ठीक तो होगा न कोई मुसीबत तो न आई होगी
कहीं कुछ गलत-सलत न हो जाए इतनी देर...
लम्हों का सफ़र पर डॉ. जेन्नी शबनम
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तेरा क्या जाता है -*खेत हमारा अपना है*
*हम बोयें आलू या अफीम -*
*तेरा क्या जाता है...
उन्नयन (UNNAYANA)
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"उन्हें पढ़ना नहीं आता"
अपने काव्य संकलन सुख का सूरज से
एक गीत
एक गीत
मिलन के गीत मन ही मन,
हमेशा गुन-गुनाता था।
हृदय का शब्द होठों पर,
कभी बिल्कुल न आता था।
मुझे कहना नही आया।
उन्हें सुनना नही भाया।।
हमेशा गुन-गुनाता था।
हृदय का शब्द होठों पर,
कभी बिल्कुल न आता था।
मुझे कहना नही आया।
उन्हें सुनना नही भाया।।
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बछिया के ताऊ खफा, छोड़ बैठते अन्न
लहजा रहा मजाकिया, वैसे बड़ा शरीफ |
मजा किया इत आय के, पाई पाक रिलीफ |...
"लिंक-लिक्खाड़" पर रविकर
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जीने वालों तुम्हें हुआ क्या है..."अख्तर"शीरानीकिसको देखा है ये हुआ क्या है,
दिल धड़कता है माज़रा क्या है...
मेरी धरोहरपरyashoda agrawal
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"जन्मदिन की बधाई"
पहले भी थी सहज सरल सी,
अब भी स्नेहिल, शान्त-तरल सी,
तुम आँगन में खुशियाँ लाई।
जन्मदिवस पर तुम्हें बधाई।।
उच्चारण
अच्छे लिंको के साथ सुन्दर चर्चा के लिए
जवाब देंहटाएंआभार बहन राजेश कुमारी जी।
रोचक व पठनीय चर्चा..
जवाब देंहटाएंबहुत खूब!
जवाब देंहटाएंसुंदर चर्चा सुंदर सूत्रों से सजी हुई
जवाब देंहटाएंउल्लूक की रचना
मुड़ मुड़ के देखना एक उम्र तक बुरा नहीं समझा जाता है
को स्थान दिया आभार !
मुझे क्यों लग रहा है
चर्चा कुछ जंप कर रही है आज की चर्चा का अंक 1385 होना चाहिये था !
आभार
हटाएंसंशोधन कर दिया है-
पिछली चर्चा में भी क्रमांक गलत हो गया था-
यह चर्चा १३८५ है -
सादर
पिछली चर्चा में भी मैंने बता दिया था :)
हटाएंसुन्दर चर्चा-
जवाब देंहटाएंआभार दीदी-
बहुत बढ़िया,सुंदर पठनीय सूत्र !
जवाब देंहटाएंRECENT POST : मर्ज जो अच्छा नहीं होता.
bahut hi roachak links .........
जवाब देंहटाएंबहुत ख़ूबसूरत लिंक्स...रोचक चर्चा...आभार
जवाब देंहटाएंसीमित सूत्रों का सुंदर प्रसारण !
जवाब देंहटाएंबहुत ही लाजवाब लिंक्स ... आभार मुझे भी शामिल करने का ...
जवाब देंहटाएंसुन्दर सूत्र..आभार
जवाब देंहटाएंबहुत ही लाजवाब लिंक्स ..मेरी भावनाओ को शामिल करने के लिए बहुत बहुत आभार..राजेश जी..
जवाब देंहटाएंsundar links dhanyavad nd aabhar ...
जवाब देंहटाएंचर्चित चर्चा.......
जवाब देंहटाएंदेर के लिए क्षमा प्रार्थी हूँ ....इतनी अच्छी चर्चा के बीच अपना लिंक देखना प्रसन्न कर जाता है मन ....आभार राजेश जी ....
जवाब देंहटाएंआप सभी का हार्दिक आभार
जवाब देंहटाएं