हमारे रविवार के चर्चाकार
आदरणीय अभिषेक कुमार अभी जी
दो सप्ताह के अवकाश पर हैं।
इसलिए रविवार की चर्चा में
मेरी पसंद के लिंक देखिए।
मौसी की चालाकी
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बिल्ली ने ये मन में ठाना
चूहों को है सबक सिखाना
खेल चुके घण्टी का खेल
अब मुझको है शंख बजाना...
JHAROKHA पर पूनम श्रीवास्तव
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श्राद्ध
पता नहीं, जिन गायों को मैंने ग्रास दिया,
वे हिन्दू थीं या मुसलमान,
और जिन्होंने सबसे पहले पकवान चखे,
वे कौवे कौन थे !
वे हिन्दू थीं या मुसलमान,
और जिन्होंने सबसे पहले पकवान चखे,
वे कौवे कौन थे !
कविताएँ पर Onkar
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लिखूंगा तुम्हें भी...

थोड़ी मोहलत तो दो
सोचूंगा तुम्हें भी,
लिखूंगा तुम्हें भी...
मेरे मेहनतकश भाई...
सोचूंगा तुम्हें भी,
लिखूंगा तुम्हें भी...
मेरे मेहनतकश भाई...
मुक्ताकाश....पर आनन्द वर्धन ओझा
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बीतराग
मुद्दे की बात ये भी है कि
सर्जरी हमेशा अच्छे सर्जन द्वारा /
विशिष्टता वाले अस्पताल में ही करानी चाहिए...
जाले पर पुरुषोत्तम पाण्डेय
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एक सोच फेसबुक के लिए

Anju (Anu) Chaudhary
--कौन बहस में उलझे ?
पता नहीं
प्रेम …कविता है
या कविता में प्रेम है
मैं तो खोजी प्रवृत्ति की नहीं
बस प्रेम शब्द को सुन लिया
और उड चली आसमानों को छूने
एक नहीं ..... सुना है आसमान सात होते हैं
और मैने भेदना चाहा हर आसमान प्रेम का
सिर्फ़ प्रेम से …
vandana gupta
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श्रीमद्भगवद्गीता-
सब कर्मों की सिद्धि के हेतु
और अंत करने कर्मों को.
कहे सांख्य दर्शन में अर्जुन
पांच उपाय बताता तुमको. (१८.१३) ...
भाव पद्यानुवाद (१८वां अध्याय)
Kashish - My PoetryपरKailash Sharma
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उपहार मिला
प्यार किया मैंने जग भर को
बदले में उपहार मिला ।
खुशबू मिली, चाँदनी मुझको
झोली भर-भर प्यार मिला ॥
जिसने नफ़रत रोज़ उगाई,
सींची थी विषबेल सदा ।
केवल काँटे हाथ लगे थे
पछतावा हर बार मिला...
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मुस्लिम वोटों की आपाधापी
केवल मुसलमान ही धर्मनिरपेक्ष हैं और उनके मतों का बंटवारा धर्मनिरपेक्ष मतों का बंटवारा है। दूसरी ओर, भाजपा साधुओं का पल्लू पकड़कर संवैधानिक सिद्धांतों की धज्जियां उड़ाना चाहती है और उनके जरिए अखण्ड भारत और हिन्दू राष्ट्र जैसी असंवैधानिक मांगे उठा रही है।
Randhir Singh Suman
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सुंदर सूत्रों से सजी चर्चा। जाते हैं धागा पकड कर।
ReplyDeleteachchee achchaa
ReplyDeleteविविध लेखन और संयोजन आपकी विशेषता है. जितनी तारीफ़ की जाये कम है. साधुवाद.
ReplyDeletenice
ReplyDeleteबहुत सुंदर रविवासरीय चर्चा । आभार 'उलूक' का सूत्र 'सब पी रहे हों जिसको उसी के लिये तुझको
ReplyDeleteजहर के ख्वाव आते हैं' को जगह देने के लिये ।
आप सब दोस्तों की दुआएं और भगवान् की असीम कृपा से कल मेरी दुनिया उजड़ते- उजड़ते बची ,बहुत भयंकर एक्सीडेंट हुआ मेरे पतिदेव का,काफी भयंकर चोट आई किन्तु आज खतरे से बाहर हैं.
ReplyDeleteसुंदर लिंक्स
ReplyDelete
ReplyDeleteसुन्दर कविता है 'याद दिलाती हुई -दादुर अब वक्ता भये कोयल साधो मौन की। ।
पावस आवत देख कर कोयल साधौ मौन ,
दादुर अब वक्ता भये तोकू पूछे कौन
सबके सब बाज़ीगर भोपाली थे.… .
ReplyDeleteश्राद्ध
पता नहीं, जिन गायों को मैंने ग्रास दिया,
वे हिन्दू थीं या मुसलमान,
और जिन्होंने सबसे पहले पकवान चखे,
वे कौवे कौन थे !
मनमोहक साज सजा के साथ सशक्त सेतु लिए आया है यह चर्चा मंच ,बधाई बधाई बधाई।
ReplyDeleteसुंदर सूत्रों से सजी चर्चा। आज की चर्चा में मेरी पोस्ट . CBSE declares JEE Main 2014 results .. हिंदी पीसी दुनिया से आप ने शामिल किया बहुत बहुत आभार
ReplyDeleteहमेशा की तरह बढ़िया चर्चा , वो भी बढ़िया लिंक्स लिए हुए , आ. शास्त्री जी व मंच को धन्यवाद !
ReplyDeleteInformation and solutions in Hindi ( हिंदी में समस्त प्रकार की जानकारियाँ )
बहुत सुन्दर सूत्र संजोये रोचक चर्चा...आभार
ReplyDeleteव्यापक चर्चा ...
ReplyDeletenice post with links .rajesh kumari ji ko bahut bahut shubhkamanayen .
ReplyDeleteशास्त्रीजी,
ReplyDeleteमंच ने जिन प्रविष्टियों के सूत्र दिए हैं, उनमे मेरी कविता 'लिखूंगा तुम्हें भी...' को शामिल करने के लिए आपका आभारी हूँ...! यह काम आप बहुत परिश्रम से करते हैं... आपको साधुवाद...!
शुभ संध्या..
ReplyDeleteआभार..
अच्छी रचना की जानकारियों का खजाना दिया आपने
सादर
Sir,Net ki gadbadi ke karan na apna blog dekh saki thi na hi yahan aa saki thi......is charcha manch me mujhe bhi shamil karne ke liye abhar....yah manch hame bahut sare achchhe links se jodta hai.....
ReplyDeletePoonam