मित्रों।
जनतऩ्त्र ने अपनी ताकत का आभास करा दिया।
दशकों से अपनी गहरी जड़ें जमाए हुए
कांग्रेस पार्टी को धूल चटा दी और
भा.ज.पा. के नरेन्द्र मोदी को ताज पहना दिया।
नयी सरकार का स्वागत और अभिनन्दन करते हुए
शनिवार की चर्चा में
मेरी पसंद के लिंक देखिए।
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क्या कहता है जनादेश-2014 ?????
परिकल्पना
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जनतऩ्त्र ने अपनी ताकत का आभास करा दिया।
दशकों से अपनी गहरी जड़ें जमाए हुए
कांग्रेस पार्टी को धूल चटा दी और
भा.ज.पा. के नरेन्द्र मोदी को ताज पहना दिया।
नयी सरकार का स्वागत और अभिनन्दन करते हुए
शनिवार की चर्चा में
मेरी पसंद के लिंक देखिए।
(डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
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हमारा चायवाला जीत गया
Virendra Kumar Sharma
--लो आ गई अच्छे दिन लाने वाली
एक अच्छी सरकार
Sudhinama पर sadhana vaid
--जंतर-मंतर
Mukesh Kumar Sinha
--कार्टून कुछ बोलता है -किसका फूटा ?
माँ कहीं सामने होती है और उपेक्षित होती है लेकिन कहीं वह जीवन भर पलकों पर बिठायी जाती है। उसके रहने भर से लगता है कि हम अभी बच्चे है क्योंकि हमारे ऊपर किसी बड़े का साया है। दिल खोल कर बात जो माँ से कर सकते हैं और किसी से नहीं कर पाते हैं। उनसे बिछड़ने का दर्द हर किसी को होता है लेकिन जब उसको बाँट लेते हैं तो लगता है कि दिल हल्का हो गया। अपने संस्मरण बाँट रही हैं -- अपर्णा साह !...
मैं समय हुँ...और मोदी भी
मैं गांधी भी हुँ और मोदी भी.मैं तुम्हारे साथ भी था और इसके साथ भी.मैं विजय भी हुँ और पराजय भी.मैं संयोग भी हुँ,प्रयोग भी हुँ,सदुपयोग भी हुँ और दुरूपयोग भी.मैं राम भी हुँ और रावण भी,मैं द्रौपदी भी हुँ और दुस्सासन भी.मुझसे दुर वही जाता है जो मुझे अपना दास समझता है....
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मेरा यह कार्य संघ के उन अनाम और जीवट स्वयंसेवको को समर्पित है जो दिन रात देश कि निस्वार्थ सेवा में नीव के पत्थर बन इमारत कि खूबसूरती और मजबुती के लिये अपने अस्तित्व को खपा देते है। और आज जिन्होंने भारत को नए युग में प्रवेश करा दिया।
उनको मेरा कोटि कोटि प्रणाम।
जय भारत जय भारती
--क्या कहता है जनादेश-2014 ?????
परिकल्पना
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Gunaah ya galti
निवियापर Neelima sharma
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"प्यार करता है संसार सारा"
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शरूर क्या होता हैं—
*लगाया नही कभी अपने हाथों से मय का जाम*
*तो मैं क्या जानू यारों मय का शरूर क्या होता हैं*
थिकअनजाना
आपका ब्लॉग
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"शाख वाला चमन बेच देंगे"
ये गद्दार मेरा वतन बेच देंगे।
ये गुस्साल ऐसे कफन बेच देंगे।
बसेरा है सदियों से शाखों पे जिसकी,
ये वो शाख वाला चमन बेच देंगे।...
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कल तक आत्मविश्वास
Sanjay Grover--
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hindi chhand:
vastuvadnak chhand -sanjiv
divyanarmada.blogspot.in
बढ़िया चर्चा व लिंक्स , एक अच्छी सरकार की तरह हमारे देश के लिए मोदी भाई जी सेवा करें यही उम्मीद करता हूँ कि वो पूर्ण से पूर्ण मेहनत करें ताकि देश का कुछ वास्तविकता में भला हो सके , धन्यवाद !
जवाब देंहटाएंमेरे प्रकाशन को स्थान देने हेतु आदरणीय श्री शास्त्री जी व मंच को धन्यवाद !
I.A.S.I.H - ब्लॉग ( हिंदी में समस्त प्रकार की जानकारियाँ )
मन में हर्ष, आशा व विश्वास का संचार करते हुए बहुत सुंदर लिंक्स से सजी आज की चर्चा ! मेरी रचना को सम्मिलित करने के लिये धन्यवाद शास्त्री जी !
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर चर्चा हमेशा की तरह आज भी खिली हुई ।
जवाब देंहटाएं'उलूक' के सूत्र 'लो आ गई अच्छे दिन लाने वाली
एक अच्छी सरकार ' को स्थान देने के लिये आभार ।
आभार शास्त्री जी !
जवाब देंहटाएंबढ़िया सामयिक लिंक्स के साथ सार्थक चर्चा प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंआभार!
आदरणीय शास्त्री जी..सुंदर चर्चा ! मैं समय हुँ...और मोदी भी' को स्थान देने के लिये आभार।
जवाब देंहटाएंnice.
जवाब देंहटाएंachhi prastuti, achhe links
जवाब देंहटाएंshubhkamnayen
सुन्दर चर्चा !!
जवाब देंहटाएंशुक्रिया इन महत्वपूर्ण लिंक मुहैया कराने के लिये...
जवाब देंहटाएंइस ऐग्रीगेटर पर मेरी पोस्ट साझा करने के लिए बहुत-बहुत आभार।
जवाब देंहटाएंयहां विनम्रतापूर्वक यह स्पष्ट करना ज़रुरी समझता हूं कि यह कविता किसी दलविशेष के समर्थन या विरोध में कतई नहीं है।
साठ घंटे से अधिक हो गए आए हुवे, ये जान के जानू जेल कब जाएंगे.....?
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