मित्रों।
मंगलवार की चर्चा में आपका स्वागत है।
देखिए मेरी पसन्द के कुछ लिंक।
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हे पार्थ !
मैं सिंहासन पर बैठा
अपने धर्म और कर्म से अंधा मनुष्य ,
मैं धृतराष्ट्र देखता रहा , सुनता रहा
और द्रोपती के चीरहरण में
सभ्यता , संस्कृति तार तार हुयी...
स्पर्शपर Deepti Sharma
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चुनावी क्षणिकाएँ
वे
दिखाएंगे
पूरी ईमानदारी
स्वीकार करेंगे
हार की ज़िम्मेदारी
जनता के फैसले का
करेंगे स्वागत 'औ 'सम्मान
क्यूंकि
आज भी
महात्मा गांधी है
मजबूरी का
दूजा नाम ।
कुमाउँनी चेलीपर शेफाली पाण्डे
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पर सजा का हाथ में फरमान है ...
काठ के पुतलों में कितनी जान है
देख कर हर आइना हैरान है
कब तलक बाकी रहेगी क्या पता
रेत पर लिक्खी हुयी पहचान है...
स्वप्न मेरे.....पर Digamber Naswa
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पीनेवालों का महजब
दुनियावालोंहम पीनेवालों का महजब ना पूछो
साकी की जात ना पूछो
मयख़ाने की गलियों की बहार ना पूछो
छलकते जामों की लय ताल ना पूछो...
RAAGDEVRANपर MANOJ KAYAL
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जिम्मेदारी निभाना होगा
आश टूटे न दिल हो आहत
बढे देश की गरिमा ताकत
एक हो भारत श्रेष्ठ हो भारत
हो सुन्दर अपना ये भारत
अब वो कर्ज चुकाना होगा
जिम्मेदारी निभाना होगा...
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माँ तुझे सलाम ! (६)
मुकेश कुमार सिन्हा
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जो हो इक रिश्ता ख्वाब सा
लिखती हूँ कलम से
दिल की किताब पर
एक नाम अनाम सा
शायद कहीं वो मिल जाये
जो हो इक रिश्ता ख्वाब सा...
दिल की किताब पर
एक नाम अनाम सा
शायद कहीं वो मिल जाये
जो हो इक रिश्ता ख्वाब सा...
vandana gupta
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मोदी [ दोहावली ]
सोलह सोलह सब करें, सोलह आई यार
अच्छे दिन लो आ गए, अब ख़त्म इंतज़ार...
गुज़ारिशपरसरिता भाटिया
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"फिर से आया मेरा बचपन"
जब से उम्र हुई है पचपन।
फिर से आया मेरा बचपन।।
पोती-पोतों की फुलवारी,
महक रही है क्यारी-क्यारी,
भरा हुआ कितना अपनापन।
फिर से आया मेरा बचपन।।
फिर से आया मेरा बचपन।।
पोती-पोतों की फुलवारी,
महक रही है क्यारी-क्यारी,
भरा हुआ कितना अपनापन।
फिर से आया मेरा बचपन।।
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शुभ प्रभार
जवाब देंहटाएंसुन्दर सूत्र संयोजन
बहुत सुंदर सोमवारीय चर्चा । 'उलूक' के सूत्र 'लिख लिया कर लिखने के दिन जब आने जा रहे होते हैं' को स्थान देने के लिये आभार।
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर लिंक्स संजोये हैं …………आभार
जवाब देंहटाएंबढ़िया लिंक्स व बेहतरीन प्रस्तुति , हमारे लिंक को स्थान देने हेतु आदरणीय शास्त्री जी व मंच को सदा ही धन्यवाद !
जवाब देंहटाएं॥ जय श्री हरि: ॥
बढ़िया लिख ... अच्छे सूत्र ...
जवाब देंहटाएंआभार मुझे भी शामिल करने का ...
आपका संकलन बेहद सुन्दर होता है ,मेरी रचना को शमिल करते है .आभार सर
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया चर्चा प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंआभार !
सुंदर सूत्रों से सजा मंच। कुछ देखें कुछ देखते हैं।
जवाब देंहटाएंबढ़िया लिंक्स व बेहतरीन प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंबेहतरीन प्रस्तुति
जवाब देंहटाएं