मित्रों!
बुधवार के लिए कुछ लिंक प्रस्तुत हैं।
जिन्दगी का गीत
आदमी हूँ आदमी से प्यार करना चाहता हूँ
जाम ये मैं जिन्दगी के नाम पीना चाहता हूँ।।
जाम ये मैं जिन्दगी के नाम पीना चाहता हूँ।।
Neeraj Kumar
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दो जमा दो पाँच जब होने लगे ...
दो जमा दो पाँच जब होने लगे
अंक अपने मायने खोने लगे
कौन रखवाली करेगा घर कि जब
बेच के घोड़े सभी सोने लगे...
स्वप्न मेरे... पर Digamber Naswa
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पराया
कल तक जो शहर अपना लगता था
शहर वो आज पराया लगता है
रूह थी तू जिसकी तेरे चले जाने से
शहर वो बेगाना सा लगता है..
RAAGDEVRAN पर MANOJ KAYAL
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जिसको काम आता है
उसको ही दिया जाता है
इसीलिए तो उलूक का काम
उलूक को ही दिया जाता है..
उलूक टाइम्स पर सुशील कुमार जोशी
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प्रोस्टेट ग्लैंड
...सामान्यतया व्यक्ति को रात्रि में बार बार पेशाब की शिकायत होना इसका प्राथमिक लक्षण है. मूत्र की धार पतली होना, रुक रुक कर पेशाब आना, एक बार में पूरा ब्लैडर खाली ना हो पाना अथवा रुकावट होना इसके मुख्य लक्षण होते है...
जाले पर पुरुषोत्तम पाण्डेय
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शोध की खिड़की :
Swedish scientists want to test
heart attack vaccine in India
आपका ब्लॉग पर
Virendra Kumar Sharma
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वर्तमान परिभाषा धर्म निरपेक्ष की
का कोई बयान ना आए ।
और जब जब किसी बहु संख्यक की
दंगों में मौत हो जाए ।
उस पर नेताकिसी अल्प संख्यक को
कोई आँख भर दिखाए
और नेता उसके लिए वर्षों चिल्लाये ।
वर्ग विशेष के सारे मुकदमे हटाये ।
अपराध करने की मौन स्वीकृति दिलाये ।
फिर चुनाव जीत कर आता है ।
तो वह नेता धर्म निरपेक्ष कहलाता है..
और जब जब किसी बहु संख्यक की
दंगों में मौत हो जाए ।
उस पर नेताकिसी अल्प संख्यक को
कोई आँख भर दिखाए
और नेता उसके लिए वर्षों चिल्लाये ।
वर्ग विशेष के सारे मुकदमे हटाये ।
अपराध करने की मौन स्वीकृति दिलाये ।
फिर चुनाव जीत कर आता है ।
तो वह नेता धर्म निरपेक्ष कहलाता है..
तीखी कलम से पर
Naveen Mani Tripathi
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मधु सिंह : कब अश्रु मेरे सम्मानित होंगें
कब अश्रु मेरे सम्मानित होंगे ,
कब मुझको याद किया जाएगा
जीवन के इस महातिमिर में,
कब नव घृत-दीप जलाया जाएगा ..,
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सुप्रभात
जवाब देंहटाएंसुन्दर सजा चर्चा मंच |
मेरी रचना शामिल करने के लिए आभार |
नमस्कार.
जवाब देंहटाएंआपके द्वारा औरों को मार्गदर्शन देना, प्रोत्साहित करना तथा निरंतर साहित्यिक सेवा हम सभी के लिए आदर्श है.मेरे 'प्रोस्टेट ग्लैंड' वाले लेख पर आपने स्वयं ढूढ़ कर फोटो भी लगा दी, मैं कृतार्थ हूँ.
बहुत खूबसूरत दिख रही है आज की चर्चा ।'उलूक' का सूत्र 'जिसको काम आता है उसको ही दिया जाता है' को जगह दी साथ में खूबसूरत टिप्पणी 'इसीलिए तो उलूक का काम उलूक को ही दिया जाता है..'भी ईनाम में फ्री मिली आभार ।
जवाब देंहटाएंसुंदर सूत्रों से सुसज्जित चर्चामंच ! मेरी प्रस्तुति 'उन्मुक्त पंछी' को सम्मिलित किया !बहुत-बहुत धन्यवाद !
जवाब देंहटाएंसुन्दर चर्चा मंच .आभार |
जवाब देंहटाएंसंतुलित सूत्र संयोजन ..... आभार आपका :)
जवाब देंहटाएंशास्त्री जी के श्रम द्वारा , मंच चमक रहा है , बढ़िया सूत्र व बेहतर प्रस्तुति , आ. शास्त्री जी व मंच को धन्यवाद !
जवाब देंहटाएंI.A.S.I.H - ब्लॉग ( हिंदी में समस्त प्रकार की जानकारियाँ )
विस्तृत चर्चा ... अच्छे सूत्र ...
जवाब देंहटाएंआभार मुझे भी शामिल करने का ...
रचना को ज्यादे लोगों तक पहुँचाने के लिए आभार!!!
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