तुम अमर, मैं नश्वर
Brijesh Neeraj
लोकतंत्र के प्रहरी
ZEAL
ग्रीष्म ऋतू !
कालीपद प्रसाद
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प्रियंका-राहुल को राजनीति में रहना है तो समझ लें उनके पिता व दादी के कृत्यों का प्रतिफल है नई सरकार का सत्तारोहण ---विजय राजबली माथुर
विजय राज बली माथुर
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अब कोई एहसास नहीं.....
piyu...
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हिंदुस्तान की सरकार बनी है
अजय कुमार झा
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pramod joshi
जबर्दस्त मीडिया ईवेंट साबित होना ही था।
पर पत्रकारों की समझदारी इस बात में थी कि
वे अंतर्विरोधों को कितनी बारीकी से पकड़ते हैं।
हिंदी के ज्यादातर अखबारों ने भक्तिभाव से
कवरेज की और ज्यादा प्रभाव डिजाइन से
डालने की कोशिश की।
मास्टहैड की तस्वीर को लेकर
कोई रचनात्मक योजना दिखाई नहीं पड़ी।
ज्यादातर मुहावरे राजतिलक,
राज्याभिषेक तक सीमित हैं।
इनसे तो एक्सप्रेस का He Signs in बेहतर है।
अंतर्कथाएं भी नहीं हैं।
खबरों में भी दिल्ली के एक्सप्रेस और कोलकाता के
टेलीग्राफ में नयापन था।
खासतोर से टेलीग्राफ में शंकर्षण ठाकुर की रपट।
अलबत्ता पाकिस्तान के अखबारों ने
आज इस खबर को जैसा महत्व दिया है,
वह ध्यान खींचता है।
आज की कुछ कतरनें...
The Telegraph
Indian Express
Pakistan
जबर्दस्त मीडिया ईवेंट साबित होना ही था।
पर पत्रकारों की समझदारी इस बात में थी कि
वे अंतर्विरोधों को कितनी बारीकी से पकड़ते हैं।
हिंदी के ज्यादातर अखबारों ने भक्तिभाव से
कवरेज की और ज्यादा प्रभाव डिजाइन से
डालने की कोशिश की।
मास्टहैड की तस्वीर को लेकर
कोई रचनात्मक योजना दिखाई नहीं पड़ी।
ज्यादातर मुहावरे राजतिलक,
राज्याभिषेक तक सीमित हैं।
इनसे तो एक्सप्रेस का He Signs in बेहतर है।
अंतर्कथाएं भी नहीं हैं।
खबरों में भी दिल्ली के एक्सप्रेस और कोलकाता के
टेलीग्राफ में नयापन था।
खासतोर से टेलीग्राफ में शंकर्षण ठाकुर की रपट।
अलबत्ता पाकिस्तान के अखबारों ने
आज इस खबर को जैसा महत्व दिया है,
वह ध्यान खींचता है।
आज की कुछ कतरनें...
The Telegraph
Indian Express
Pakistan
पर पत्रकारों की समझदारी इस बात में थी कि
वे अंतर्विरोधों को कितनी बारीकी से पकड़ते हैं।
हिंदी के ज्यादातर अखबारों ने भक्तिभाव से
कवरेज की और ज्यादा प्रभाव डिजाइन से
डालने की कोशिश की।
मास्टहैड की तस्वीर को लेकर
कोई रचनात्मक योजना दिखाई नहीं पड़ी।
ज्यादातर मुहावरे राजतिलक,
राज्याभिषेक तक सीमित हैं।
इनसे तो एक्सप्रेस का He Signs in बेहतर है।
अंतर्कथाएं भी नहीं हैं।
खबरों में भी दिल्ली के एक्सप्रेस और कोलकाता के
टेलीग्राफ में नयापन था।
खासतोर से टेलीग्राफ में शंकर्षण ठाकुर की रपट।
अलबत्ता पाकिस्तान के अखबारों ने
आज इस खबर को जैसा महत्व दिया है,
वह ध्यान खींचता है।
आज की कुछ कतरनें...
The Telegraph
Indian Express
Pakistan
बुधवार सुबह की रचनाएँ-
Satish Saxena
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shikha kaushik
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ब्लॉ.ललित शर्मा
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ऋता शेखर मधु
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मित्रों।
जवाब देंहटाएंआजकल बहुत व्यस्त चल रहा हूँ।
कुछ ही दिनों में हालात ठीक हो जाने पर
फिर से ज़िन्दग़ी पटरी पर लौट आयेगी।
रविकर जी आपका आभार।
Shubhakamanaye Adaraniy !
हटाएंबहुत सुंदर चर्चा सुंदर सूत्र संयोजन ।
जवाब देंहटाएंसुन्दर सूत्र संयोजन |
जवाब देंहटाएंमेरी रचना शामिल करने के लिए आभार |
बढ़िया चर्चा व सूत्र , आदरणीय रविकर सर व मंच को धन्यवाद !
जवाब देंहटाएंI.A.S.I.H - ब्लॉग ( हिंदी में समस्त प्रकार की जानकारियाँ )
Adaraniy Ravikar Ji,
जवाब देंहटाएंPranam va Sadhuwad , Adaraniy Shastri Ji ke liye ishwar se praarthana ki Gurumata jaldi aur purn swasth ho ,
Jay Shree Krishn !
खूबसूरत संकलन...
जवाब देंहटाएंबढ़िया संकलन...
जवाब देंहटाएंसुंदर चिट्टों से सजी चर्चा।
जवाब देंहटाएंsabhi links bahut sundar sanjoye hain aapne .meri rachna ko yahan sthan pradan karne hetu aabhar
जवाब देंहटाएंthanks for nice links.
जवाब देंहटाएंबढ़िया चर्चा
जवाब देंहटाएं