मित्रों।
मंगलवार की चर्चा में आपका स्वागत है।
देखिए मेरी पसन्द के कुछ लिंक।
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रंग ज़िंदगी के....
मीठा भी गप्प,
कड़वा भी गप्प पर निर्दोष दीक्षित -
गांठें ही गांठें हों जिसमें ऐसे बंधन देख लिए
कांटे ही कांटे हों जिसमें ऐसे दामन देख लिए
प्यार की दिलकश म्यानों में नफ़रत की शमशीर यहाँ
शिफ़ा के नाम पे ज़ख्म कुरेदे ऐसे मरहम देख लिए
कड़वा भी गप्प पर निर्दोष दीक्षित -
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शादीशुदा आदमी की हालत
बीबी क्या बला है हम आपको क्या बताये,
आप भी तो उस दर से वाकिफ होंगे !
अगर ना मारे जाते होंगे तो क्या गम है,
रोज-रोज मुर्गे बनाए जाते होंगे !!...
हिन्दी कविता मंच पर ऋषभ शुक्ला
बीबी क्या बला है हम आपको क्या बताये,
आप भी तो उस दर से वाकिफ होंगे !
अगर ना मारे जाते होंगे तो क्या गम है,
रोज-रोज मुर्गे बनाए जाते होंगे !!...
हिन्दी कविता मंच पर ऋषभ शुक्ला
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"दोहा"दोहागीत-धर्म हुआ मुहताज"
2250वीं पोस्ट
2250वीं पोस्ट
हैवानों की होड़ अब, करने लगा समाज।
खौफ नहीं कानून का, बदले रस्म-रिवाज।।
लोकतन्त्र में न्याय से, होती अक्सर भूल।
कौआ मोती निगलता, हंस फाँकता धूल।।
धनबल-तनबल-राजबल, जन-गण रहे पछाड़।
बच जाते मक्कार भी, लेकर शक की आड़।।
माँ-बहनों के रूप की, लगती बोली आज।
खौफ नहीं कानून का, बदले रस्म-रिवाज।१।...
उच्चारण
सुंदर चर्चा...
जवाब देंहटाएंसुंदर चर्चा-----
जवाब देंहटाएंसुंदर सूत्र संयोजन सुंदर चर्चा । आभार 'उलूक' का सूत्र 'बंद करके आँखों को कभी उजाले को अँधेरे में भी देखा जाये' को स्थान देने के लिये ।
जवाब देंहटाएंsundar charcha aur meri rachana ko sthan dene ke liye dhanyvad.
जवाब देंहटाएंhttp://hindikavitamanch.blogspot.in/
http://rishabhpoem.blogspot.in/
बहुत बढ़िया चर्चा प्रस्तुति हेतु आभार!
जवाब देंहटाएंVicharon ko pallvit karne wali CHARCHA aur jameen pradan karta hua MANCH..
जवाब देंहटाएंAnil Dayama 'Ekla': मुफलिसी
चिट्टों का सुन्दर संकलन। रचना को चर्चा में शामिल करने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद। आभार आपका। कुछ तो कहो क्यों चुप रहते हो - 2
जवाब देंहटाएंबढ़िया चर्चा,रचना को चर्चा में शामिल करने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद।
जवाब देंहटाएंSabhi links bahut hi lajawaab ...charcha me meri rachna shamil karne ke liye aapki aabhaari hun bahut ,,!!
जवाब देंहटाएंरचनाओं की अहमियत यही से समझ आती है ,बढियाँ चर्चा
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