मित्रों।
मैं राजीव उपाध्याय
आज चर्चा मंच पर
अपनी पहली चर्चा प्रस्तुत कर रहा हूँ।
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कह रहे पापी अधम रावण जलाया जायेगा....
मैं राजीव उपाध्याय
आज चर्चा मंच पर
अपनी पहली चर्चा प्रस्तुत कर रहा हूँ।
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कह रहे पापी अधम रावण जलाया जायेगा....
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ये है दशहरे का संदेश...
जीत हुई श्री राम की, साथ था उनके धर्म, छल, कपट, और अत्याचार थे रावण के कर्म। धन वैभव और नारी, थे रावण के पाष, क्रोध, लोभ, अहंकार से, होता है केवल विनाश, कैसे जीत होती रावण की, जब घर में ही था क्लेश, सत्य की जीत होती है सदा, ये है दशहरे का संदेश... [आप सब को इस महान पर्व की शुभकामनाएं...]
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"रावण पुष्ट होकर पल रहा"
देश में केवल हमारे,
आज पुतला जल रहा,
दुष्ट रावण तो दिलों में,
पुष्ट होकर पल रहा,
आओ सच्चा पथ दिखाएँ,
स्वयं को परिवार को।
बाँट दें सारे जगत में,
सत्य के उपहार को।।
आज पुतला जल रहा,
दुष्ट रावण तो दिलों में,
पुष्ट होकर पल रहा,
आओ सच्चा पथ दिखाएँ,
स्वयं को परिवार को।
बाँट दें सारे जगत में,
सत्य के उपहार को।।
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अज़ीज़ जौनपुरी :
जिंदगी बारूद की कहानी तक
छेनिओं से हथौड़ों तक
चोट पर चोट करते
कभी संबंधों से
अनुबंधों तक
अनुच्छेदों से विच्छेदों तक
कभी आग से पानी तक
या फिर आग से
बारूद की कहानी तक
इस अखाड़े से उस अखाड़े तक
कुश्ती और दंगल ...
चोट पर चोट करते
कभी संबंधों से
अनुबंधों तक
अनुच्छेदों से विच्छेदों तक
कभी आग से पानी तक
या फिर आग से
बारूद की कहानी तक
इस अखाड़े से उस अखाड़े तक
कुश्ती और दंगल ...
Aziz Jaunpuri -
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'मंगल ग्रह राख़ एवं चट्टानों का ढेर है। ':कुंभकर्ण
विजय राजबली माथुर
जी हाँ अब से नौ लाख वर्ष पूर्व साईबेरिया के शासक व
महान वैज्ञानिक 'कुंभकर्ण' ने
अपने अन्वेषण के बाद घोषणा कर दी थी कि,'मंगल
ग्रह राख़ एवं चट्टानों का ढेर है। '
संजय भास्कर
.............मेरी ख्वाहिश थी
मुझे माँ कहने वाले ढेर सारे होते
मेरी हर बात धैर्य से सुनते
मुझे समझते।
मुझे माँ कहने वाले ढेर सारे होते
मेरी हर बात धैर्य से सुनते
मुझे समझते।
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक’
मेरे गाँव, गली-आँगन में, अपनापन ही अपनापन है।
देश-वेश-परिवेश सभी में, कहीं नही बेगानापन है।।
घर के आगे पेड़ नीम का, वैद्यराज सा खड़ा
हुआ है।
माता जैसी गौमाता का, खूँटा अब भी गड़ा
हुआ है।
टेसू के फूलों से गुंथित, तीनपात की हर डाली है
घर के पीछे हरियाली है, लगता मानो
खुशहाली है।
मेरे गाँव, गली आँगन में, अपनापन ही अपनापन है।
देश-वेश-परिवेश सभी में, कहीं नही बेगानापन है।।
मान्यवर,
दिनांक 18-19 अक्टूबर को खटीमा (उत्तराखण्ड) में
बाल साहित्य संस्थान द्वारा
अन्तर्राष्ट्रीय बाल साहित्य सम्मेलन का
आयोजन किया जा रहा है।
जिसमें एक सत्र
बाल साहित्य लिखने वाले ब्लॉगर्स का रखा गया है।
हिन्दी में बाल साहित्य का सृजन करने वाले
सम्मेलन में प्रतिभाग करने के लिए
10 ब्लॉगर्स को आमन्त्रित करने की
जिम्मेदारी मुझे सौंपी गयी है।
कृपया मेरे ई-मेल
पर अपने आने की स्वीकृति से
अनुग्रहीत करने की कृपा करें।
डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री "मयंक"
सम्पर्क- 07417619828, 9997996437
कृपया सहायता करें।
बाल साहित्य के ब्लॉगरों को खोजने में
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इमरोज के लिए
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एक टिटहरी जूझ रही थी
चोंच में रेत को भर रही थी
सुबह से आखिर शाम हुई थी
संकल्प में ना कमी हुई थी
समुद्र ने तो चुटकी ली
क्यों प्राण गंवाने पर हो तुली
तुम मुझे क्या भर पाओगी...
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कूड़ा
नदी पर पुल
पुल के किनारे कूड़े का ढेर
कूड़े के ढेर पर बच्चे
बच्चों के हाथों में प्लास्टिक के बोरॆ
बोरों में शाम की रोटी का सपना...
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...बिक गए होते !
हम ज़रा और झुक गए होते
अर्श के मोल बिक गए होते
साथ देते तिरी हुकूमत का
तो बहुत दूर तक गए होते...
साझा आसमान पर Suresh Swapnil
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एहसासों की खिड़कियाँ ...
बड़ी तीक्ष्ण होती है
स्मृतियों की
स्मरण शक्ति
समेटकर चलती हैं
पूरा लाव-लश्कर अपना
कहीं हिचकियों से
हिला देती हैं अन्तर्मन को
तो कहीं खोल देती हैं
दबे पाँव एहसासों की खिड़कियाँ...
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प्रिया से -
सूर्यकांत त्रिपाठी "निराला"
मेरे इस जीवन की है तू सरस साधना कविता,
मेरे तरु की है तू कुसुमित प्रिये कल्पना-ज्ञतिका;
मधुमय मेरे जीवन की प्रिय है तू कमल-कामिनी,
मेरे कुंज-कुटीर-द्वार की कोमल-चरणगामिनी...
Brijesh Neeraj -
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दशहरा के रंगों में रँगी शानदार चर्चा।
जवाब देंहटाएंआपका स्वागत और अभिनन्दन आदरणीय राजीव उपाध्याय जी।
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आभार।
बहुत-बहुत धन्यवाद शास्त्री जी। आपके निर्देशन एवं सह्योग के बिना यह कार्य कहाँ सम्भव हो पाता।
हटाएंक्या यह सच है कि आप इस बार पुरस्कार में पांच पांच हजार रुपये की नकद धनराशि, सम्मान पत्र और आने जाने का किराया प्रत्योक सम्मानित हिन्दी के बॉल ब्लॉगर साहित्यकारों को प्रदान कर रहे हैं।
जवाब देंहटाएंकौन बनेगा करोड़ पति भी ब्लाग की दुनियाँ में शुरु करवा दीजिये ना ।कोई नहीं कर रहा है । आप ही पहल करें । अमिताभ बच्चन की जगह हमको बैठा लीजियेगा :)
हटाएंनहीं जी।
जवाब देंहटाएंअपने खर्चे पर ही लोग आ रहे हैं।
केवल सम्मानपत्र की व्यवस्था है आदरणीय अविनाश जी।
जवाब देंहटाएंसुंदर व रोचक चर्चा... आप की पहली चर्चा में मुझे स्थान दिया गया धन्यवाद...
आभार कुलदीप जी
हटाएंबहुत सुंदर चर्चा.
जवाब देंहटाएंमेरे पोस्ट को शामिल करने के लिए आभार.
आभार राजीव जी
हटाएंबहुत सुन्दर व सार्थक चर्चा ……आभार
जवाब देंहटाएंइस सार्थक चर्चा में मेरी रचना सम्मिलित करने हेतु हृदय से आभार शास्त्री जी एवं राजीव उपाध्याय जी !!
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया चर्चा प्रस्तुति ..
जवाब देंहटाएंदशहरा की बधाई!
चर्चामंच के सभी सम्मानित चर्चाकारों एवं पाठकों को दशहरा विजयादशमी की हार्दिक शुभकामनाएं. आज का लिंक संयोजन तारीफ़ के काबिल है.
जवाब देंहटाएंअनिल साहू हिंदी ब्लॉग
बहुत ही सुंदर प्रस्तुति व लिंक्स , आ. राजीव सर को शुभकामनाएं व मंच को सदः धन्यवाद !
जवाब देंहटाएंInformation and solutions in Hindi ( हिंदी में समस्त प्रकार की जानकारियाँ )
शास्त्री जी एवं राजीव साहब का आभार हमारी पोस्ट को यहाँ स्थान देने हेतु।
जवाब देंहटाएं-----------------
कैकेयी का साहसी कार्य राष्ट्रभक्ति में राम के संघर्ष से भी श्रेष्ठ है क्योंकि कैकेयी ने स्वयं विधवा बन कर जनता की प्रकट नज़रों में गिरकर अपने व्यक्तिगत स्वार्थों की बलि चढ़ा कर राष्ट्रहित में कठोर निर्णय लिया.निश्चय ही जब राम के क्रांतिकारी क़दमों की वास्तविक गाथा लिखी जायेगी कैकेयी का नाम साम्राज्यवाद के संहारक और राष्ट्रवाद की सजग प्रहरी के रूप में स्वर्णाक्षरों में लिखा जाएगा.http://krantiswar.blogspot.in/2010/10/1.html
बहुत सुंदर चर्चा लगाई है राजीव मेहनत नजर आ रही है देखिये आप अविनाश जी को भी बुला लाये आज । आभारी हूँ 'उलूक' के सूत्र 'बापू आजा झाड़ू लगाने जन्मदिन के दिन बहुत सा कूड़ा कूड़ा हो गया को स्थान देने के लिये ।
जवाब देंहटाएंअनगिनत रंगों की चर्चा,बेहद सुन्दर ,मेरी रचना को शामिल करने के लिए धन्यवाद
जवाब देंहटाएंसुंदर चर्चा
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर प्रस्तुति..... हृदय से आभारी हूं इस सम्मानीय मंच का कि मेरी रचना को यहां स्थान दिया !!!
जवाब देंहटाएंहर प्रस्तुति सार्थक व सुंदर । मेरी रचना के प्रस्तुति करण के लिए
जवाब देंहटाएंआभार ।
सार्थक चर्चा...........बहुत ही सुंदर लिंक्स ...समय मिलते ही पढ़ते है धीरे धीरे :)
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