आज के शनिवासरीय चर्चा में राजीव उपाध्याय आपका हार्दिक स्वागत करता है।
सोचता था, आदमी हूँ मैं अच्छा
पर,
जब नज़र उठा कर देखा, तो मैं कोई और था।
याद है मुझे अच्छे से
वो जुलाई दो हजार आठ का
छब्बीसवां दिन था और
भोपाल से सीधा पहुंचा था अस्पताल में,
माँ के आप्रेशन का बारहवां दिन था
सौ अरब डॉलर का पूंजी निवेश भारत का दरवाजा खटखटा रहा है। अब यह राज्यों पर निर्भर है कि वे इसमें से कितना हिस्सा अपने यहां ले जाने में सफल होते हैं। ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह कहते हुए राज्यों के सामने एक चुनौती पेश की कि वे आगे बढ़ें और अपने राज्य को समृद्ध करने की दिशा में सक्रिय हो जाएं।
विश्व के अंदर अहिंसा का सबसे बड़ा उपदेश देने वाला देश भारत जिसने महात्मा बुद्ध जैसे महापुरुष को जन्म दिया, शांति की स्थापना कब हो सकती है जब मानवता वादी सकारात्मक सात्विक विचार वाले शक्ति सम्पन्न होंगे
सूखी स्याही कलम की
लिखावट तक स्पष्ट नहीं
धूमिल हुई
आंसुओं की वर्षा से
समीप ऐसा कोई नहीं
जो हाथ बढाए उसे रोक पाए
दिमागी अंधड़ से बचा पाए
सब मेरे ही साथ क्यूं ?
बुझा दो रोशनी छेड़ो नहीं सोए पतंगों को
जगा देती हैं दो आँखें जवाँ दिल की उमंगों को
जो जीना चाहते हो ज़िन्दगी की हर ख़ुशी दिल से
जरा रोशन करो उजड़ी हुई दिल की सुरंगों को
" लागा इच्छाओं का अम्बार ,
त्यौहार मनाऊँ कैसे - बाज़ार जाऊँ कैसे " ??-
पीताम्बर दत्त शर्मा ( लेखक-विचारक-विश्लेषक )5TH Pillar Corruption Killer
त्यौहार मनाऊँ कैसे - बाज़ार जाऊँ कैसे " ??-
पीताम्बर दत्त शर्मा ( लेखक-विचारक-विश्लेषक )5TH Pillar Corruption Killer
सत्यमेव जयते
(हिंदी कवितायेँ)
सत्य ब्रह्म है सत्य ईश है , शेष सभी को मिथ्या जान
परम आत्मा चाहे कह लो , या कह लो इसको भगवान
सतयुग त्रेता द्वापर कलियुग , जितने भी युग जायें बीत
अटल सत्य था अटल सत्य है सदा सत्य की होती जीत...
अरुण कुमार निगम (हिंदी कवितायेँ)
"ग़ज़ल-मात अपनी हम बचाना जानते हैं"
(डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
(डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
बैर को मन में नहीं हम ठानते हैं
दुश्मनों को दोस्त जैसा मानते हैं
उच्चारण
इश्क उसने किया .....
इश्क उसने किया,सन्देश मुझे मिला
इश्क मैं ने किया सन्देश उन्हें न मिला !
वो खमोश थी ,उन्हें तारीफ़ मिली
मैंने इज़हार किया ,मुझे दुत्कार मिला ...
मेरे विचार मेरी अनुभूति पर
कालीपद "प्रसाद"
इश्क उसने किया,सन्देश मुझे मिला
इश्क मैं ने किया सन्देश उन्हें न मिला !
वो खमोश थी ,उन्हें तारीफ़ मिली
मैंने इज़हार किया ,मुझे दुत्कार मिला ...
मेरे विचार मेरी अनुभूति पर
कालीपद "प्रसाद"
॥ उत्तर-काण्ड २१ ॥ -
कहत सुमति हे सुमित्रानंदन ।
फिरत सरआति मुनिबर च्यवन ॥
फेर फिरत अगिन्हि कर धारे ।
कनिआँ के बन प्रान अधारे ॥...
NEET-NEET पर Neetu Singhal
कहत सुमति हे सुमित्रानंदन ।
फिरत सरआति मुनिबर च्यवन ॥
फेर फिरत अगिन्हि कर धारे ।
कनिआँ के बन प्रान अधारे ॥...
NEET-NEET पर Neetu Singhal
सुप्रभात
जवाब देंहटाएंसुन्दर संयोजन सूत्रों का |
मेरी रचना शामिल करने के लिए आभार |
सुन्दर लिंक्स। मुझे शामिल किया,आभार।
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर शनिवारीय अंक ।
जवाब देंहटाएंसुन्दर लिंक्स।
जवाब देंहटाएंआज हिंदी ब्लॉग समूह फिर से चालू हो गया आप सभी से विनती है की कृपया आप सभी पधारें
- शनिवार- 18/10/2014 को नेत्रदान करना क्यों जरूरी है
हिंदी ब्लॉग समूह चर्चा-अंकः35
बहुत बढ़िया चर्चा प्रस्तुति ..
जवाब देंहटाएंआभार!
कुछ नए लिंक्स से सजा चर्चा मंच ...
जवाब देंहटाएंआभार मुझे भी शामिल करने का ...
बहुत बढ़िया चर्चा
जवाब देंहटाएंBahut hi badhiya links ke sath achchhi charcha....
जवाब देंहटाएंबहुत बढियाँ चर्चा
जवाब देंहटाएंBahut sunder charcha ...meri rachna shamil karne ke liye aapka aabhar Rajeev ji !!
जवाब देंहटाएं