कौन कृषक का मित्र कहाये ।
कौन भूमि भुरभुरी बनाये ।
अगर बदन दो में बँट जाता ।
क्या दोनों नव-जीवन पाता॥
रूपचन्द्र शास्त्री मयंक
धनतेरस के पर्व पर, सजे हुए बाज़ार।
घर में लाओ आज कुछ, नये-नये उपहार।।
झालर-दीपों से सजे, आज सभी के गेह।
मन के नभ से आज तो, बरसे मधुरिम नेह।।
|
हिमकर श्याम
|
Ghotoo
|
haresh Kumar
|
shikha kaushik
|
देवेन्द्र पाण्डेय
|
शामियाना........................Kunwar Kusumesh
|
सुशील कुमार जोशी
|
डॉ. जेन्नी शबनम
|
विज्ञापन बनाते हुएअरुण चन्द्र रॉय
|
GYanesh Kumar
|
पंकज सुबीर
|
Virendra Kumar Sharma |
कुछ बिखरी पंखुड़ियां.....!!! भाग-11sushma 'आहुति'
|
अज़ीज़ जौनपुरी : कौन यहाँ किसका है भैयाAziz Jaunpuri
|
सुप्रभात
जवाब देंहटाएंउम्दा सूत्रों से सजा आज का चर्चा मंच
दीप मालिका दे रही साथ मन का है सत्संग |
सुन्दर।
जवाब देंहटाएंदीपावली के पर्व पर त्योहारों की श्रृंखला आपको मुबारक हो।
पोस्ट शामिल करने के लिए आभार।
आभार रविकर जी , एवं आप सभी को मंगलमय दिवाली की हार्दिक कामनाएं !
जवाब देंहटाएंसुंदर बुधवारीय चर्चा रविकर जी और आभार 'उलूक' का सूत्र 'जलायें दिये पर रहे ध्यान इतना कूड़ा धरा का कहीं बच ना पाये' को शमिल करने के लिये ।
जवाब देंहटाएंसुंदर चर्चा ,दीपाली की मंगल शुभकामनाएँ ,सादर
जवाब देंहटाएंसुन्दर दीप लड़ियों से सजी चर्चा प्रस्तुति हेतु आभार!
जवाब देंहटाएंसुंदर चर्चा ,दीपाली की शुभकामनाएँ ,
जवाब देंहटाएंसुंदर चर्चा...
जवाब देंहटाएंदिवाली की शुभकामनाओं के साथ...कुळदीप ठाकुर।
आदरणीय रविकर जी, नमस्कार! सुंदर लिंक्स, कुछ पढ़ा, कुछ बाकी हैं...मेरी रचना को स्थान दिया, हृदय से आपका धन्यवाद एवं आभार... दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएँ...
जवाब देंहटाएंअद्यतन लिंकों के साथ सुन्दर चर्चा प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंआपका आभार आदरणीय रविकर जी।
--
चर्चा मंच के पाठकों को दीपोत्सव से जुड़े
पंच पर्वों का हार्दिक शुभकामनाएँ।
रविकर जी, बहुत सुंदर चिठ्टों से सजी है चर्चा।
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर चर्चा ,दीवाली की मंगल कामनायें
जवाब देंहटाएं