मन भर सोना देह पे, सोना घोड़ा बेंच ।
राम राज्य आ ही गया, जी ले तू बिन पेंच ।1। हक़ है झक मारौ फिरौ, बिना झिझक दिन रात |
लानत भेजौ पुलिस पर, गर कुछ घटै बलात |2।
सब मर्जों की दवा है, पुलिस फ़ौज सरकार । सावधान खुद क्यों रहें, इसकी क्या दरकार।3| |
कालीपद "प्रसाद"
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राजीव कुमार झा
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डा. मेराज अहमद
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यौन और जनन स्वास्थ्य पर प्राय पूछे जाने वाले प्रश्नः - यौनपरक स्वास्थ्यGYanesh Kumar
THE LIGHT OF AYURVED |
किसी के दिल को कैसे टटोला जाता है कहीं भी तो नहीं बताया जाता हैसुशील कुमार जोशी
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कौशलेन्द्र
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Prabodh Kumar Govil
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alok chantia
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असली का युग अब गया, नकली का सम्मान।
छद्मवेश का आजकल, दुनिया में है मान।१।
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महिला होता मैं अगर, देते सब उपहार।
खुश करने को सब मुझे, करते प्यार-अपार।२।...
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शुभ प्रभात
ReplyDeleteउम्दा लिंक्स
पठनीय लिंकों के साथ सुन्दर चर्चा।
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आपका आभार रविकर जी।
बहुत सुंदर चर्चा आ. रविकर जी.
ReplyDelete'देहात' से मेरे पोस्ट को शामिल करने के लिए आभार.
बहुत बढ़िया चर्चा प्रस्तुति!
ReplyDeleteआभार!
सुन्दर प्रस्तुति!
ReplyDeleteबधाई
सुन्दर प्रस्तुति!
ReplyDeleteबधाई
हमेशा की तरह बहुत सुन्दर चर्चा।
ReplyDeleteVery Nice Post Collection
ReplyDeleteMere Blog par Aapka Swagat.............
सुंदर चर्चा । आभारी है 'उलूक' सूत्र 'किसी के दिल को कैसे टटोला जाता है कहीं भी तो नहीं बताया जाता है' को शामिल करने के लिये ।
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