प्रिये मित्रों, आज की चर्चा में आपका हार्दिक अभिनन्दन है।
हम तो हिन्दू नहीं, हम मुसलमाँ नहीं
सिख-ईसाई नहीं, मात्र इंसान हैं।
सभी सुखी हों, सभी बंधु हैं, हर मानव है भाई।
मानव धर्म बड़ा है सबसे, विधि ने सृष्टि बनाई।।
हम भारत के भारत अपना, संस्कृत सुधा समान है।
हैं अनेक पर एक रहेंगे, भारत देश महान है।
प्रेम औ’ उदारता का गूढ़ ज्ञान संस्कृति।
एकता-अखण्डता का मूल मंत्र संस्कृति।
एकता यदि दिलों में समाई नहीं
प्रश्न चिन्हों से इतिहास भर जायेगा।
भेद से राष्ट्र में घुन लगाते हैं जो
उन गुनाहों का पर्दा उठा देंगे हम।
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आशा सक्सेना
दृढ इरादे की चमक
जब भी देखी हैआनन् पर
मस्तक श्रद्धा से झुकने लगता है
अनुकरण का मन होता है
लगन विश्वास और इच्छा शक्ति
होती हैं अनमोल
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(डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
आ रहा मधुमास फिर से, साज मौसम ने बजाया।
प्रीत की सौगात लेकर, जन्मदिन फिर आज आया।।
साल बीता, माह बीते, बीतते दिन-पल गये,
बालपन-यौवन समय के साथ सारे ढल गये,
फिर दरकते पत्थरों ने, ज़िन्दग़ी का गीत गाया।
प्रीत की सौगात लेकर, जन्मदिन फिर आज आया।।
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अर्चना तिवारी
अक्सर सुबह-सुबह नन्हीं पारुल, अपनी बहन पिंकी के साथ आ जाती। पिंकी बर्तन धोती, झाड़ू-पोछा करती। पारुल मुझसे बतियाती। कभी कॉलोनी के किस्से तो कभी अपने भाई-बहनों की बातें। सात-आठ साल की उम्र और ......
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लोकेन्द्र सिंह
य ह सुखद बात है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने प्राचीन भारतीय चिकित्सा पद्धति आयुर्वेद के प्रति प्रतिबद्धता जताई है। केरल के कोझिकोड में वैश्विक आयुर्वेद महोत्सव को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि आयुर्वेद की संभावनाओं का पूरा उपयोग अब तक नहीं हो सका है।
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यशोदा अग्रवाल
कितने सपने देखें
और कितना मन को मारें
दिल को कौन बताये
लाख जतन करो सब कुछ पालूं
फिर भी कुछ छूट ही जाये
दिल को कौन बताये
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सुशील कुमार जोशी
मुद्दई जैसे जैसे
सुस्त हो रहे होते हैं
मुद्दे भी उतनी ही
तेजी से चोरी
हो रहे होते हैं
मुद्दे बिल्ली के
शिकार मोटे
तगड़े किसी चूहे
जैसे हो रहे होते हैं
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रविकर जी
पूछे मोती लाल से, भैया हीरा लाल |
रहा बदलता इस तरह, क्यूँ मालिक हर साल |
क्यूँ मालिक हर साल, बाल की खाल निकाले |
सुनकर सरल सवाल, दिखाकर बोला ताले |
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संध्या आर्य
हमारे मसीहा हमे भूलाते गये
और हम मानो किसी नदी से बाहर आते गये
ठहर गई जिन्दगी वहां
जहां मरुस्थल सी ताप थी
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भारती दास
कृष्ण के अधर पर
सजती है वंशी मधुर
मन को मोहती है स्वर
प्रेम की उठती है लहर.
सौभाग्य को निहारती
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ममता जोशी
उम्मीदों का थामे हाथ ,
सुबह घर से निकलती हूँ ....
लकड़ी चुनती, चारा ,पानी ढोती ,
दिन भर दुर्गम चट्टानों से लडती हूँ ....
बुवाई करती ,कटाई करती ,
अपने श्रमगीतों से बियावान पहाड़ों को जगातीं हूँ ....
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सुषमा वर्मा
सुबह से ही कुछ बेचैनी सी है,
कि एक ही बात दिल में जैसे ठहर गयी है,
कि हर रोज तुम अपने ख़तो में,
इक नए राज को बताते हो,
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अशोक सलूजा
हद हो गई इंतज़ार की ....इधर तो कोई
झाँक के भी राज़ी नही लगता ...किसी को
क्या कहें ..यहाँ अपना भी ये ही हाल है ..इधर आते
आते आज छे महीने होने को आ रहे हैं ???पता नही
***
आरज़ू है मेरी तेरा , मैं
दीदार करूँ
तू न मिले मुझसे, मैं
इसरार करूँ
तू निबाहे न वादा , मैं
ऐतबार करूँ
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कुलदीप ठाकुर
थका नहीं
न पथ भूला
ख्वाबों के टूटने का
गम भी नहीं।
साथ भी हैं
कई चलने वाले
जो छोड़ गये
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शिवम मिश्रा
फेसबुक (अंग्रेज़ी:Facebook) इंटरनेट पर स्थित एक निःशुल्क सामाजिक नेटवर्किंग सेवा है, जिसके माध्यम से इसके सदस्य अपने मित्रों, परिवार और परिचितों के साथ संपर्क रख सकते हैं।
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प्रमोद जोशी
मिस्र के पिरामिड वहां के तत्कालीन फराऊन (सम्राट) के लिए बनाए गए स्मारक स्थल हैं. इनमें राजाओं और उनके परिवार के लोगों के शवों को दफनाकर सुरक्षित रखा गया है. इन शवों को ममी कहा जाता है.
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प्रवीण चोपड़ा
दो दिन पहले दोपहर में मैंने जब एक खबरिया चैनल को लगाया (जिसे आम तौर पर मैं नहीं सुनता) तो बाबा रामदेव की प्रेस कांफ्रेंस चल रही थी ..कुछ पतंजलि के घी का लफड़ा था...बाबा बता रहे थे कि बड़ी कंपनियां साज़िश कर रही हैं, भरवा रही हैं,
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