मित्रों
सोमवारवार की चर्चा में आपका स्वागत है।
देखिए मेरी पसन्द के कुछ लिंक।
(डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
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अमन का चमन है वतन ये हमारा।नही शातिरों का यहाँ है गुजारा।।हिदायत हमारी है सीमा न लाँघो,
मिटा देंगे पल भर में भूगोल सारा।
दिया "रूप" हमने, भरा रंग हमने, तिरंगा बना देंगे हम चाँद-तारा...
दिया "रूप" हमने, भरा रंग हमने, तिरंगा बना देंगे हम चाँद-तारा...
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दोस्त है वही !!!
सुबह शाम कैसे हो दोस्त कहे मेरा ये मित्र !
... संग दोस्त का अनमोल ये पल साथ हैं हम !
... फूल दोस्ती का साथ निभाते हुये महका करे !
... साथ चले जो दूर रहकर भी दोस्त है वही !
... दोस्त जिंदगी रिश्ता ईमान का ये जान से प्यारा...
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