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सोमवार, अगस्त 22, 2016

"ले चुग्गा विश्वास से" (चर्चा अंक-2442)

मित्रों 
सोमवार की चर्चा में आपका स्वागत है। 
देखिए मेरी पसन्द के कुछ लिंक।

(डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक') 

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Vandana Ramasingh 
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ग़ज़ल 

"आ गई गुलशन में फिर बहार" 

(डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक') 

मयंक
निन्यानबे के फेर में आया हूँ कई बार
रहमत औ’ करम ने तेरी, मुझको लिया उबार

ऐसे भी हैं कई बशर, अटक गये हैं जो
श्रम करके मैंने अपना, मुकद्दर लिया सँवार... 

हाईकू 

धूमिल हुई इवारत 
प्यार की 
पढ़ी न गई... 
Akanksha पर Asha Saxena 
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दोहे 

मौसम है बरसात का, मच्छर के अनुकूल 
डेंगू और मलेरिया , गन्दी नाली-कूल... 
कालीपद "प्रसाद" 
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आँख मिचौली 

दिल में दर्द है आँखों में नमी है 
सब हैं लेकिन तुम्हारी कमी है... 
रूहानी सुहानी पर Aparna Khare 
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खरोंचों के इतिहास 

ज़िन्दगी की बालकनी से 
देखती हूँ अक्सर 
हर चेहरे पर ठहरा 
अतीत का चक्कर... 
vandana gupta 
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अब करें पुष्प अर्पित  

विधा गीतिका 

रस भरी गीत गुंजित विधा गीतिका ... 
साज़ बिखरा रहे धुन सुरीली यहाँ 
तान यह छेड़ हर्षित विधा गीतिका ... 
Ocean of Bliss पर Rekha Joshi 
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...फिर देखिये कमाल ! 

प्रियदर्शिनी तिवारी 
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मिशेल ओबामा का दमदार भाषण 

विश्व के शक्तिशाली मंचों में से एक पर खड़े होकर पूरे आत्मविश्वास के साथ मुस्कुराना। दर्शकों को अपनी बात सुनने के लिए आतुर देखना। अपने एक एक शब्द पर दर्शकों की ओर से तालियों की गड़गड़ाहट, उत्साह से गूंजता हॉल। यह किसी नेता के लिए नहीं बल्कि उसकी पत्नी के लिए था... 
वर्षा  
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भरे काँटों में खिलते फूलों को भी तोड़ना सीखा 

भरे काँटों में खिलते फूलों को भी तोड़ना सीखा, 
है भैया का ये रिश्ता बहिनों ने तो जोड़ना सीखा | 
हिफाज़त ज़िन्दगी भर की लिया करते थे कसमें वो, 
मगर कलयुग में भैया ने ये रिश्ता तोडना सीखा... 
Harash Mahajan 
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मीठे सोच हमारे, स्वारथवश कड़वाहट धारे
भइया का दुश्मन अब भइया घर के भीतर है।

इक कमरे में मातम, भूख गरीबी अश्रुपात गम
दूजे कमरे ताता-थइया घर के भीतर है... 

Rameshraj Tewarikar 

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गूगल डूओ -  

एक सरल विडियो कॉलिंग एप 

इस एप की ख़ासियतें निम्न है:
सरल यूज़र इंटर्फ़ेस
मोबाइल के कम स्पीड नेट्वर्क पर भी अच्छी विडीओ क्वालिटी 
 ऐंड्रॉड और आइफ़ोन दोनो प्लैट्फ़ॉर्म पर उपलब्ध 
आने वाली विडियो को स्वीकार करने से पहले कॉल करने वाले को देखना 

गूगल डूओ - यहाँ डाउनलोड करें... 

Kheteshwar Boravat 
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kavita  

खामोश है, 
शहर की हवा;
धुंए का गुबार सा उठा है;
कोनो-कोनो में.
सायरन की आवाज
चीख़-चीख़ कर रुक जाती है.
सड़क  और गलियों में
 आज सन्नाटे का डेरा है... 

बात एक अनकही सी 
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डोनाल्ड ट्रंप की तस्वीरों के फ्रेम   
जब भी हमारा अमरीका जाना होता है 
तो वहाँ के 'इन्डियन-स्टोर' न जाएँ 
यह कैसे हो सकता है... 
झूठा सच - Jhootha Sach 
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तमाशबीन या प्रयासरत 

एक गांव में आग लगी । 
सभी लोग उसको बुझाने में लगे हुए थे । 
वहीं एक चिड़िया अपनी चोंच में पानी भरती 
और आग में डालती... 
जिन्दगी के रंग 

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