मित्रों
रविवार की चर्चा में आपका स्वागत है।
देखिए मेरी पसन्द के कुछ लिंक।
(डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
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‘जय सिंधू, जय हिंदू’ कहने वालों को
आप क्या कहेंगे...खुशदीप
पीवी सिंधू...साक्षी मलिक...दीपा कर्माकर...साइना नेहवाल, सानिया मिर्ज़ा...नाज़ हैं हमें देश की इन बेटियों पर...या यूं कहे कि देश की सारी बेटियों पर...रियो ओलंपिक में साक्षी ने पहले कुश्ती में ब्रॉन्ज जीत कर मेडल का सूखा मिटाया...और फिर सिंधू ने बैडमिंटन में सिल्वर जीत कर इतिहास रच दिया...देश की पहली ओलंपिक सिल्वर मेडलिस्ट बेटी बनकर पूरे भारत का दिल जीत लिया...
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गीत
"सुमनो को सब नोच रहे"
(डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
चौकीदारी मिली खेत की, अन्धे-गूँगे-बहरो को।
चोटी पर बैठे मचान की, लगा रहे हैं पहरो को।।
घात लगाकर मित्र-पड़ोसी, धरा हमारी लील रहे,
पर बापू के मौन-मनस्वी, देते उनको ढील रहे,
बोल न पाये, ना सुन पाये, ना पढ़ पाये चेहरो को।।
चोटी पर बैठे मचान की, लगा रहे हैं पहरो को...
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नर-नारी द्वंद्व व संतुलन,
समस्यायें व कठिनाइयाँ...
डा श्याम गुप्त...
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रक्षा-बंधन पर्व मनाने सावन आया
रसमय स्नेह-सुधा बरसाने, सावन आया
रक्षाबंधन पर्व मनाने, सावन आया
पीहर से पिय घर तक स्नेहिल-सेतु बनाकर
बहनों का सम्मान बढ़ाने, सावन आया...
कल्पना रामानी
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कविता :
मैं बहुत बहादुर हूँ
*मुझे मरने से* *डर नहीं लगता*
*क्योंकि मैं बहुत बहादुर हूँ*
*पर जब भी लगता है कि*
*मैं मर भी सकता हूँ तो*
*मुझे अपने जाने के*
*मतलब मरने के*
*बाद की परिस्थितियां*
*अचानक से ही*
*दिखाई देने लगती हैं*...
SUMIT PRATAP SINGH
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बात - बेबात :
खुशामद के खतरे :
इक़बाल हिन्दुस्तानी
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बदले हालात
उन्हें पसंद नहीं तुम्हारा आँखें दिखाना.
वे कुछ भी कहें,
तुम सिर झुकाए सुनती रहो,
बीच-बीच में नाड़ हिलाकर हामी भर दो,
तो और भी अच्छा...
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वो चाँद भी देखो हर दिन पूरा नही होता...
विमल गांधी
अच्छे लोगों का हमारी जिंदगी मे आना
हमारी किस्मत होती है।
उन्हें संभाल कर रखना हमारा हुनर...
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...ये अलगाववादी अपने उद्देश्य में सफल हो गए,जम्मू कश्मीर सरकार और केंद्र दोनों के सुर इन धमकियों के आगे बदल गए और कश्मीरी पंडितों की विशुद्ध कालोनियों की जगह अब उनके लिए ट्रांजिट कालोनियों ने ले ली,मतलब पंडितों पर एक प्रयोग कर के देख लिया जाय,अच्छी तरह यह जानते हुए कि कोई भी कश्मीरी पंडित इन ट्रांजिट कालोनियों में जाने के लिए कभी तैयार नहीं होगा!
असल में कश्मीरी पंडितों के साथ उन कबूतरों की तरह ही बरताव किया जा रहा है जिनके घोंसले उजाड़ दिए गए हैं और पिछले २६ वर्षों से जिन्हें फिर बसाने के नाम पर कभी कुछ चुग्गा डाला जाता है और कभी कुछ, पर उन्हें उनके घोंसले देने के लिए गंभीर कोई नहीं !
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चीन यात्रा - ७
प्रश्न अब इस बात का नहीं रहा कि बुलेट ट्रेन हमारे लिये लाभदायक है या नहीं, प्रश्न अब यह है कि हमें किस गति से आगे बढ़ना है। चीन की तरह ही १५ वर्ष लगाकर और उसी गति से सीखते हुये या चीन व अन्य विकसित देशों के १५ वर्ष के प्राप्त अनुभव को प्रारम्भिक बिन्दु मानकर। इस समय हमारे पास तकनीक नहीं है अतः हमें तकनीक आयातित करनी पड़ेगी। पर कितनी शीघ्रता से हम उसे अपने अनुरूप ढालें और उसका विस्तार पूरे भारत में करें, निर्णय इसका लेना है...
Praveen Pandey
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...मक़बरा रह जाएगा !
कुछ कहा कुछ अनकहा रह जाएगा
ख़ून सीने में जमा रह जाएगा
कल न होंगे हम नज़र के सामने
एक एहसासे-वफ़ा रह जाएगा...
साझा आसमान पर
Suresh Swapnil
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कुछ खट्टे मीठे पलों की
दे रही हूँ ये यादें ...
उम्मीद है संभाल के रखोगे !
ज़िन्दगी की इस दौड़ में
इस दोस्त को तो याद रखोगे...
Pratibha Verma
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