दिल से दिल की कह रहे, जब से प्यासे नैन।।
रस्सी जैसी जिंदगी, तने तने हालात | एक सिरे पे ख्वाहिशें, दूजे पे औकात |
अगर वेद ना पढ़ सको, पढ़ो वेदना नित्य ।
कैसे हो मानव सुखी, करो वही फिर कृत्य || वक्त कभी भी ना दिया, रहे भेजते द्रव्य | घड़ी गिफ्ट में भेज के, करें पूर्ण कर्तव्य || सोते सोते भी सतत, रहो हिलाते पैर | दफना देंगे अन्यथा, क्या अपने क्या गैर || |
बूझे बिरला कोय
rajeev kumar Kulshrestha
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ग़ज़ल
कालीपद "प्रसाद"
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एक टुकड़ा धूप का ले आऊंगा ...
एक टुकड़ा धूप का ले आऊंगा
जब कभी सूरज से मैं टकराऊंगा
"सत्य" सच है जान कर जाना नहीं
दूसरों को किस कदर समझाऊंगा...
Digamber Naswa
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एक मरे हुए देश की कथा
vijay kumar sappatti
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फ़िराक़ गोरखपुरी से क्षमा-याचना के साथ
Gopesh Jaswal
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कश्मीरी अराजकता पर काबू जरूरी
pramod joshi
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Hockey Pockey, Plain Talk, Double Talk,मधुलेखा, कांची....in हैदराबाद !
सतीश पंचम
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**~दोहे--अपने देते तोड़! ~**
Anita Lalit (अनिता ललित )
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बातों का फ़लसफ़ा
mahendra verma
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उम्मीदों की सलीब
मुकेश कुमार तिवारी
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सिर्फ एक दो ईंटों से ही
udaya veer singh
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एलोरा की गुफ़ाओं की सैर 1994
ब्लॉ.ललित शर्मा
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---प्रेम तत्वामृत---- डा श्याम गुप्त.....
shyam gupta
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गीत"सूरज आग उगलता जाता"(डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक') |
धर्म और राजनीति -एक पुनर्परिभाषा
Ravishankar Shrivastava
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google chrome में गलती सेबंद हुवे टैब को दुबारा खोले
Faiyaz Ahmad
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बालगीत"जोकर"(डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
जो काम नही कर पायें दूसरे,
वो जोकर कर जाये।
सरकस मे जोकर ही,
दर्शक-गण को खूब रिझाये।
नाक नुकीली, चड्ढी ढीली,
लम्बी टोपी पहने,
उछल-कूद कर जोकर राजा,
सबको खूब हँसाये...
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सुन्दर चर्चा।
जवाब देंहटाएंबढ़िया लिंक।।
आपका आभार आदरणीय रविकर जी।
सुन्दर मंगलवारीय चर्चा रविकर जी ।
जवाब देंहटाएंसमसामयिक सुन्दर चर्चा रविकर जी |
जवाब देंहटाएंसार्थक चिंतनशील चर्चा प्रस्तुति हेतु आभार!
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छा साहित्य और जीवन ज्ञान का संग्रहन ।
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर चर्चा।
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