आज की चर्चा में आपका हार्दिक स्वागत है
व्हाट्स अप ग्रुप पर आंतकवाद पर चर्चा करते हुए अचानक ख्याल आया की " आंतकवाद कट्टरता का आचार या मुरब्बा है | "- निस्संदेह इस उक्ति के आने का कारण आ. रामचन्द्र शुक्ल की इस उक्ति का पढ़ा होना था " वैर क्रोध का आचार या मुरब्बा है |" कट्टरता का जहर फैलाकर हम सब देश का बहुत अहित कर रहे हैं |
सभी को कृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक बधाई







कपास की छुअन

और मैं तुम्हे जी लुंगी......!

सफर

रंग बदलते चेहरों के बीच

मैं तुमसे कम भी नहीं हूँ

आप यूं ही अपना आशीष देते रहना

अनुभव संवेदन का गझिन ग्राफ़

और मैं तुम्हे जी लुंगी......!
सफर

रंग बदलते चेहरों के बीच

मैं तुमसे कम भी नहीं हूँ

आप यूं ही अपना आशीष देते रहना

अनुभव संवेदन का गझिन ग्राफ़




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