वह सागर सा गर शांत नही
रविकर "कुछ कहना है" धरती धरती गर धीर नहीं, सहती रहती यदि पीर नही । वह सागर सा गर शांत नही, नटनागर सा गमभीर नही। जल वायु नहीं फलफूल नहीं, मिलते जड़ जीव शरीर नहीं। कर शोषण दोहन मानव तो पहुँचाय रहा कम पीर नहीं। |
ग़ज़ल( समय से कौन जीता है समय ने खेल खेले हैं)
Madan Mohan Saxena
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शिकायत - कविता
Smart Indian
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गाऊँगा झुक कर विरुदावली ....
udaya veer singh
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देखिये .... कुछ फ़र्ज़
Dr.pratibha sowaty
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पारिस्थितिक चेतना और वैचारिक संघर्ष
समय अविराम
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कालीपद "प्रसाद"
कुछ अलग सा पर
गगन शर्मा
एक सुझाव
अगली बार मिलते हैं टोक्यो ओलिम्पिक में' इस वादे के साथ ओलिम्पिक का महाकुम्भ समाप्त और रियो से विदा हुए |* *117 प्रतियोगी, दो पदक और 67 वाँ स्थान !!! किसी की कोई आलोचना नही न इस लायक हूँ में लेकिन एक सुझाव कि खिलाड़ियों से आशा रखे तो उन्हें सुविधाएं भी दी जाए उन्हें आज से ही चार साल बाद के लिए तैयार किया जाए खेल में मर रही खेल भावना को जीवित रखने के उपाय किये जाए...
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अरुणा
...लो बूटी और बेसहमारे गीतों में शामिल हो गए
Kulwant Happy
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ईर्ष्या और प्रतिद्वंद्विता की पराकाष्ठा हैनरसिंह यादव कारियो ओलिंपिक में बैन होना
haresh Kumar
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क्या राष्ट्रीय बनेगा दलित प्रश्न?
pramod joshi
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झपट्टा देख सियासत में.....रमेशराज
yashoda Agrawal
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आलस वाला भूत!
anamika singh
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कार्टून :-मैडल की क्या बिसात
Kajal Kumar
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किसानों को खूब ठगा ----रणधीर सिंह सुमन
Randhir Singh Suman
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चिंता ताकि कीजिये जो अनहोनी होय ,ए मारग संसार को नानक थिर नहीं कोय।
Virendra Kumar Sharma
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तीरथगढ़ जलप्रपात बस्तर
ब्लॉ.ललित शर्मा
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गीत"बहुत कठिन जीवन की राहें"(डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
रूपचन्द्र शास्त्री मयंक
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