मित्रों
शनिवार की चर्चा में आपका स्वागत है।
देखिए मेरी पसन्द के कुछ लिंक।
(डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
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Mukesh Kumar Sinha
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पावर कट अच्छा है ......
बूढ़ी दादी उकताई सी टी वी देख रही है। " कोई सारे दिन टी वी देखकर या पूजा पाठ कर कितना समय काट सकता है !" कहने को तो परिवार का हर सदस्य उनकी इज्जत, प्यार करता है ।पोते-पोती भी थोड़ा समय देते भी हैं पर ...., सोचते हुए दादी उदास हो गई । तभी हलचल भरे घर में शांति छा गई । " ओ हो ! लाइट ने अभी जाना था...
धागे सुनहरे रह गए
भूल गए अनुबंन्धों को
धागे सुनहरे रह गए -
सुनने वाले कत्ल हुए
ले तमगे बहरे रह गए...
udaya veer singh
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मति का धीर :
गुरदयाल सिंह
*गुरदयाल सिंह राही*
(10 January 1933 – 16 August 2016)
अमृता प्रीतम के बाद पंजाबी भाषा के ऐसे दूसरे रचनाकार हैं जिन्हें भारतीय ज्ञानपीठ सम्मान प्राप्त हुआ था. उनके उपन्यासों के देश– विदेश में अनुवाद हुए और उनपर फिल्में बनीं. उन्हें रूस से सोवियत लैंड नेहरू पुरस्कार भी मिला. इनकी तुलना रूस के महान उपन्यासकार मक्सिम गोर्की से की जाती है...
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तुम्हारे एहसास को...
रात बेवक़्त जब नींद खुलती है,
मैं तुम्हारे ख्यालो की स्याही से,
आँखों के रत-जगे लिख देती हूँ..
हवा का कोई झोंका,
जब दरवाज़े का सांकल खटखटाती है
मैं तुम्हारे आने की आहट लिख देती हूँ...
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चहकती है राखी
(राखी पर 15 हाइकु)
1.
प्यारी बहना
फूट-फूट के रोई
भैया न आया !
2.
राखी है रोई
सुने न अफ़साना
कैसा ज़माना !
3.
रिश्तों की क्यारी
चहकती है राखी
प्यार जो शेष !
4....
लम्हों का सफ़र पर डॉ. जेन्नी शबनम
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खुशबू
भीनी भीनी सी सुगंध
जैसे ही यहाँ आई
तुम्हारे आने की खबर
यहाँ तक ले आई
हम जान लेते हैं
तुम्हें पहचान लेते है...
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परदेशों से चलकर आई।
चाय हमारे मन को भाई।।
कैसे जुड़ा चाय से नाता,
मैं इसका इतिहास बताता,
शुरू-शुरू में इसकी प्याली,
गोरों ने थी मुफ्त पिलाई।
चाय हमारे मन को भाई...
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