शीलहरण पे पढ़ रही, भीड़ व्याह के मन्त्र
धर्म-कर्म पर जब चढ़े, अर्थ-काम का जिन्न |
मंदिर मस्जिद में खुलें, नए प्रकल्प विभिन्न ||1||
मजे मजे मजमा जमा, दफना दिया जमीर |
स्वार्थ-सिद्ध सबके हुवे, लटका दी तस्वीर ||2||
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कार्टून :-डोनाल्ड तो भारत में भी जीते ही जीते
Kajal Kumar
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Derecognize that fake country Pakistan :My appeal to the Indian Govt
haresh Kumar
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क्या आँच दे सकेंगे बुझते हुए शरारे
चन्द्र भूषण मिश्र ‘ग़ाफ़िल’
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जन्माष्टमी
देवेन्द्र पाण्डेय
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वसीयत -भगवती चरण वर्मा
Devendra Gehlod
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Prayers(संध्या)
Anubhav Sharma
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कंगाल...विभा रश्मि
yashoda Agrawal
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सोई आत्मा-लघुकथा
ऋता शेखर मधु
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नए नरसंहार की तैयारी
Randhir Singh Suman a
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कहु कबीर छूछा घटु बोलै(खाली घड़ा ही बोलता है -थोथा चना बाजे घना )
Virendra Kumar Sharma
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श्री कृष्ण-अर्जुन युद्ध
गगन शर्मा
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"योर नोज़ इज़ वेरी टेस्टी........"
Amit Srivastava
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एक_मुसलमान_की_आपबीती
haresh Kumar
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एक टुकड़ा धूप का ले आऊंगा ...
Digamber Naswa
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बालगीत-गिलहरी"सबके मन को भाती हो"(डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक') |
उपयोगी लिंको के साथ सार्थक चर्चा।
जवाब देंहटाएंआपका आभार आदरणीय रविकर जी।
बहुत बढ़िया प्रसतुति भाई जी ।
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी चर्चा प्रस्तुति हेतु आभार!
जवाब देंहटाएंअच्छी सार्थक चर्चा, लघुकथा हेतु आभार !
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