मित्रों!
बुधवार की चर्चा में आपका स्वागत है।
देखिए मेरी पसन्द के कुछ लिंक।
(डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
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कृष्ण सखी -
एक प्रतिक्रिया
डॉ. प्रतिभा सक्सेना एक ऐसा नाम है जिनके नाम से जुड़े हैं उत्कृष्ट खण्ड-काव्य, लोक गीत, हास्य-व्यंग्य, निबंध, नाटक और जुड़ी हैं कहानियाँ, कविताएँ तथा बहुत सारी ब्लॉग रचनाएँ. विदेश में रहते हुए भी हिन्दी साहित्य की सेवा वर्षों से कर रही हैं. बल्कि यह कहना उचित होगा कि चुपचाप सेवा कर रही हैं. सीमित पाठकवर्ग के मध्य उनकी रचनाएँ अपना एक विशिष्ट स्थान रखती हैं. इनकी प्रत्येक रचना उत्कृष्टता का एक दुर्लभ उदाहरण है और भाषा वर्त्तमान में लुप्त हो चुकी है. “कृष्ण-सखी” डॉ. प्रतिभा सक्सेना का नवीनतम उपन्यास है, जिसकी प्रतीक्षा कई वर्षों से थी. विगत कुछ वर्षों से यह देखने में आया है कि...
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एक व्यंग्य :
अनावरण एक गाँधी मूर्ति का
नेता जी ने अपनी गांधी-टोपी सीधी की।रह रह कर टेढी़ हो जाया करती है। विशेषत: जब वह सत्ता सुख से वंचित रहते हैं।धकियाये जाने के बाद टेढी़-मेढ़ी ,मैली-कुचैली हो जाती है।समय-समय पर सीधी रखना एक बाध्यता हो जाती है,अन्यथा विरोधी दल ’टोपी-कोण" पर ही हंगामा शुरू कर सकते हैं। विपक्ष के पास वैसे भी मौलिक मुद्दों की कमी बनी रहती है।व्यर्थ में प्रचार करना शुरू कर देंगे-’देखा!,कहते थी न ,नेता जी की टोपी टेढ़ी न हो जाए तो कहना’...
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गीतिका
दूर सबसे आज दोनों,चलें हम उस पार
अब खिलेगा ज़िन्दगी में,प्यार का संसार...
Ocean of Bliss पर Rekha Joshi
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दुर्गा पूजा पंडाल परिक्रमा :
राँची के शानदार पंडाल
Top Durga Puja Pandals of Ranchi
Part I
मुसाफ़िर हूँ यारों ... पर Manish Kumar
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चर्चा के शीर्षक में ही 'उलूक' की चर्चा आज की सुन्दर प्रस्तुति में। आभार आदरणीय।
जवाब देंहटाएंसुन्दर सूत्र आज के चर्चामंच में ..
जवाब देंहटाएंयात्रानामा शामिल करने के लिये आपका बहुत आभार
जवाब देंहटाएंcharchamanch ka jawab nahi ,ham to blog jagat me hain hi charchamanch ke karan ,meri post ko sthan dene hetu aabhar
जवाब देंहटाएंशुभ दिवस
जवाब देंहटाएंआभार
सादर
शुक्रिया ! अच्छा लगा पंडालों की सैर का जिक्र यहाँ पाकर !
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया चर्चा प्रस्तुति
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