मित्रों!
सोमवार की चर्चा में आपका स्वागत है।
देखिए मेरी पसन्द के कुछ लिंक।
(डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
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चर्चा मंच के चर्चाकार जिनकी पोस्ट का लिंक अपनी चर्चा में लगाते हैं।
उनको सूचना भी प्रेषित करते हैं। सूचना देने का उद्देश्य है कि
यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक
किसी स्थान पर लगाया जाये तो
उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
इसके बावजूद भी कुछ लोग
चर्चामंच पर अपनी उपस्थिति का
आभास नहीं कराते हैं तो
बड़ा अफसोस होता है।
इसलिए ऐसे लोगों की पोस्ट का लिंक
चर्चा मंच पर लगाना बन्द कर दिया गया है।
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मोहब्बत बस मोहब्बत है..
जो मोहब्बत नींद उडाये तो..
फिर कभी आशिक नहीं सोता,
मोहब्बत बस मोहब्बत है..
ये कम या फिर ज्यादा नहीं होता...
Dipanshu Ranjan
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यूं हमारे शरीर के संचालन के लिए
हमें कुदरत ने ११४ पावर हाउस
या
ऊर्जा सेंटर दिए हैं बहत्तर हज़ार नाड़ियाँ
Virendra Kumar Sharma
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भाईचारे के ब्रांड एम्बेसडर
आज ज्ञान पान भंडार पर घंसू सुबह सुबह बड़ी चिंताजनक मुद्रा में बैठे थे. दुकान के बाहर लगा बोर्ड ‘कृपया यहाँ ज्ञान न बांटे, यहाँ सभी ज्ञानी हैं’ तो मानो सरकारी दफ्तर में लगी गांधी जी की तस्वीर हो जो कहने को तो ईमानदारी और सच्ची लगन से देश सेवा का प्रतीक है मगर इसके ठीक उलटे अर्थ ऐसा माना जाता है कि यहाँ बिना भेंट चढ़ाये कोई भी कार्य सम्पन्न नहीं होगा. ‘ज्ञान पान भंडार‘ पर भी इसी बोर्ड के चलते दिन भर ज्ञान सरिता बहती रहती है. किसी ने एकाएक घंसू से उनकी चिंता का कारण पूछ लिया. अंधा क्या चाहे दो आँखे. घंसू तो बैठे ही इसी इंतज़ार में थे कि कोई पूछे तो वो शुरू हों...
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चहुँओर दिखे मोहे प्यार
तू गंगा सी बहती रहे..
मैं गोमुख काशी पटना हो जाऊं,
तेरी छोटी छोटी अंखियों का..
मैं एकलौता सपना हो जाऊं...
Dipanshu Ranjan
शुभ प्रभात भाई मयंक जी
जवाब देंहटाएंआभार...
सादर
बढ़िया प्रस्तुति । आभार आदरणीय 'उलूक' के पन्ने को भी शामिल करने के लिये।
जवाब देंहटाएंसुन्दर चर्चा, मेरी रचनाओं को संलग्न करने के लिए धन्यवाद !
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी चर्चा प्रस्तुति
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