दीवाल पथ पर पार्क मेंयूँ थूकना अच्छा नहीं-
रविकर
कूड़ा यहाँ कचड़ा वहाँ मत फेंकिए यूँ मार्ग पर।
उपयोग कूड़ेदान का नियमित करें हे मित्रवर।
दीवाल पथ पर पार्क में यूँ थूकना अच्छा नहीं
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पति को पूजनीय बनानाया चौथ माता का व्रत करना?
smt. Ajit Gupta
अजित गुप्ता का कोना
-- एक नज़र -कविता
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ये जहाँ आईना मेरे मन काअपनी हस्ती यूँ ही सिमटती है...
जीवन, यात्रा और हम ::कुछ टुकड़े
अनुपमा पाठक
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अगर कोई सुन्दर बाला आपसे कहे कि वो २०-२० के क्रिकेट मैच में हिस्सा लेकर लौट रही है, तो सीधा दिमाग में कौंधता है कि चीयर बाला होगी. किसी के दिमाग में यह नहीं आता कि हो सकता है वो महिला लीग का २०-२० खेल कर लौट रही हो. वही हाल हमारा होता है जब शाम को हमारे घर लौटते हुए रास्ते में कोई मिल जाये और उसे हम बतायें कि जिम से लौट रहे हैं. सब समझते हैं कि जिम का ऑडिट करके आ रहे होंगे या जिम में एकाऊन्टेन्ट होंगे...
उड़न तश्तरी ....
-- मन के हारे हार है,मन के जीते जीत
**विश्व* *मानसिक* *स्वास्थ्य* *दिवस*
मुझे लगता है शायद आज का दौर ऐसा है जब हर इंसान को मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान देना बेहद ज़रूरी है। पहले की ज़िंदगी में भी परेशानियाँ कम नहीं थीं लेकिन आज के दौर में जिस तरह लोग हर छोटी बड़ी बात का प्रेशर लेते हैं वो यहीं दर्शाता है कि हममें अपने पूर्वजों की अपेक्षा धैर्य और सहनशीलता की बहुत कमी है। जिस गति से ग्लोबल वॉर्मिंग और प्रदूषण की चिंता की जा रही है उसी गति से मानसिक स्वास्थ्य में भी गिरावट आ रही है...
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क्या आप पर्याप्त पानी पी रहे हैं रोज़ाना ?
Virendra Kumar Sharma
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प्रकाशन-शैलसूत्र"प्राणों से प्यारा वो अपना वतन"
रूपचन्द्र शास्त्री मयंक
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नन्ही कोपलपरकोपल कोकास
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सु-मन (Suman Kapoor)
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Trek to Bijli Mahadev templeबिजली महादेव की यात्रा
SANDEEP PANWAR
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शानदार लिंक का चुनाव
जवाब देंहटाएंसार्थक चर्चा रविकर जी।
जवाब देंहटाएंआपका आभार।
बहुत सुन्दर प्रस्तुति रविकर जी।
जवाब देंहटाएंआभार
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