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Thursday, October 12, 2017

चर्चा - 2755

9 comments:

  1. बहुत बढ़िया आदरणीय दिलबाग विर्क जी।
    यह सही है। आखिर उन ब्लॉगों के लिंको की चर्चा क्यों करें, जो चर्चा मंच पर झाँकने भी नहीं आते हैं?

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  2. शुभ प्रभात दिलबाग जी
    मन चाही प्रस्तुति
    सादर

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  3. बहुत अच्छी चर्चा प्रस्तुति

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  4. वाह ! रंग बिरंगे सूत्रों से सजा चर्चा मंच..धन्यवाद दिलबाग जी मुझे भी इसमें शामिल करने के लिए..

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  5. बहुत सुन्दर चर्चा । आभार दिलबाग जी 'उलूक' के पागल को जगह देने के लिये।

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  6. दिलबाग जी, आपकी साहित्यिक चर्चा का स्तर बहुत श्रेष्ठ है और आप काव्य-रचनाओं की समीक्षा करते समय कवि के अंतर्मन में झाँकने की क्षमता रखते हैं.

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  7. गागर में सागर जैसी मोहक चर्चा। सभी रचनायें बहुत ख़ूबसूरत आदरणीय।

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  8. सुन्दर चर्चा!
    चर्चा मंच के निःस्वार्थ श्रम को नमन!
    आभार!!

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  9. Bahut achha manch.
    Sadhuwad aap sabhi lekhak mitron ko.

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