बहुत बढ़िया आदरणीय दिलबाग विर्क जी।यह सही है। आखिर उन ब्लॉगों के लिंको की चर्चा क्यों करें, जो चर्चा मंच पर झाँकने भी नहीं आते हैं?
शुभ प्रभात दिलबाग जीमन चाही प्रस्तुतिसादर
बहुत अच्छी चर्चा प्रस्तुति
वाह ! रंग बिरंगे सूत्रों से सजा चर्चा मंच..धन्यवाद दिलबाग जी मुझे भी इसमें शामिल करने के लिए..
बहुत सुन्दर चर्चा । आभार दिलबाग जी 'उलूक' के पागल को जगह देने के लिये।
दिलबाग जी, आपकी साहित्यिक चर्चा का स्तर बहुत श्रेष्ठ है और आप काव्य-रचनाओं की समीक्षा करते समय कवि के अंतर्मन में झाँकने की क्षमता रखते हैं.
गागर में सागर जैसी मोहक चर्चा। सभी रचनायें बहुत ख़ूबसूरत आदरणीय।
सुन्दर चर्चा!चर्चा मंच के निःस्वार्थ श्रम को नमन!आभार!!
Bahut achha manch.Sadhuwad aap sabhi lekhak mitron ko.
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बहुत बढ़िया आदरणीय दिलबाग विर्क जी।
ReplyDeleteयह सही है। आखिर उन ब्लॉगों के लिंको की चर्चा क्यों करें, जो चर्चा मंच पर झाँकने भी नहीं आते हैं?
शुभ प्रभात दिलबाग जी
ReplyDeleteमन चाही प्रस्तुति
सादर
बहुत अच्छी चर्चा प्रस्तुति
ReplyDeleteवाह ! रंग बिरंगे सूत्रों से सजा चर्चा मंच..धन्यवाद दिलबाग जी मुझे भी इसमें शामिल करने के लिए..
ReplyDeleteबहुत सुन्दर चर्चा । आभार दिलबाग जी 'उलूक' के पागल को जगह देने के लिये।
ReplyDeleteदिलबाग जी, आपकी साहित्यिक चर्चा का स्तर बहुत श्रेष्ठ है और आप काव्य-रचनाओं की समीक्षा करते समय कवि के अंतर्मन में झाँकने की क्षमता रखते हैं.
ReplyDeleteगागर में सागर जैसी मोहक चर्चा। सभी रचनायें बहुत ख़ूबसूरत आदरणीय।
ReplyDeleteसुन्दर चर्चा!
ReplyDeleteचर्चा मंच के निःस्वार्थ श्रम को नमन!
आभार!!
Bahut achha manch.
ReplyDeleteSadhuwad aap sabhi lekhak mitron ko.