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बुधवार, अक्टूबर 11, 2017

होय अटल अहिवात, कहे ध्रुव-तारा अभिमुख; चर्चामंच 2754


शुभ विवाह/ सात वचन 

रविकर 
अभिमुख ध्रुव-तारा लखे, पाणिग्रहण संस्कार | 
हुई प्रज्ज्वलित अग्नि-शुभ, होता मंत्रोच्चार | 
होता मंत्रोच्चार, सात फेरे लगवाते | 
सात वचन के साथ, एक दोनों हो जाते | 
ले उत्तरदायित्व, परस्पर बाँटें सुख-दुख | 
होय अटल अहिवात, कहे ध्रुव-तारा अभिमुख | 

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8 टिप्‍पणियां:

  1. सुन्दर चर्चा प्रस्तुति।
    आपका आभार रविकर जी।

    जवाब देंहटाएं
  2. शुभ प्रभात रविकर भाई
    आभार
    सादर

    जवाब देंहटाएं
  3. सुन्दर रविकर चर्चा। आभार 'उलूक' के पन्ने को भी शामिल करने के लिये।

    जवाब देंहटाएं
  4. बहुत सुंदर चर्चा सूत्र.'देहात' से पोस्ट शामिल करने के लिए आभार.

    जवाब देंहटाएं
  5. रविकर जी आपका हर प्रयास अनुपम और अनौखा मन-भावन होता है। आपके लिए शत-शत नमन और आभार कम ही हैं।
    ...आनन्द विश्वास

    जवाब देंहटाएं
  6. मेरी रचना 'कशमकश' को आज के चर्चामंच में सम्मिलित करने के लिये आपका हृदय से धन्यवाद एवं आभार रविकर जी !

    जवाब देंहटाएं

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