शुभ विवाह/ सात वचन
रविकर
अभिमुख ध्रुव-तारा लखे, पाणिग्रहण संस्कार | हुई प्रज्ज्वलित अग्नि-शुभ, होता मंत्रोच्चार | होता मंत्रोच्चार, सात फेरे लगवाते | सात वचन के साथ, एक दोनों हो जाते | ले उत्तरदायित्व, परस्पर बाँटें सुख-दुख | होय अटल अहिवात, कहे ध्रुव-तारा अभिमुख | |
जीवन की दिशा
राजीव कुमार झा
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भरोसा टूटने पर यार सब कुछ टूट जाता है
Madan Mohan Saxena
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बाल-उपन्यास *बहादुर बेटी*
आनन्द विश्वास
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...जननी गयी हैं मुझसे रूठ .
Shalini Kaushik
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यूँ ही हो गयेपंद्रह लाख पद चिन्हपन्ने पर आज‘उलूक’ के हो गया कुछ पासउसके भी बेचने के लिये
सुशील कुमार जोशी
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तीन लघु नज़्म....हुमैरा राहत
yashoda Agrawal
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सुप्रभातम्! जय भास्करः! २४ ::सत्यनारायण पाण्डेय
अनुपमा पाठक
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दोहे"सालों का आकार"(डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री ‘मयंक’) |
कार्टून:- सौ करोड़ी धंधा
Kajal Kumar
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सुन्दर चर्चा प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंआपका आभार रविकर जी।
शुभ प्रभात रविकर भाई
जवाब देंहटाएंआभार
सादर
सुन्दर रविकर चर्चा। आभार 'उलूक' के पन्ने को भी शामिल करने के लिये।
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर चर्चा सूत्र.'देहात' से पोस्ट शामिल करने के लिए आभार.
जवाब देंहटाएंसुन्दर चर्चा!
जवाब देंहटाएंआभार!
रविकर जी आपका हर प्रयास अनुपम और अनौखा मन-भावन होता है। आपके लिए शत-शत नमन और आभार कम ही हैं।
जवाब देंहटाएं...आनन्द विश्वास
मेरी रचना 'कशमकश' को आज के चर्चामंच में सम्मिलित करने के लिये आपका हृदय से धन्यवाद एवं आभार रविकर जी !
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर चर्चा प्रस्तुति
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