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शनिवार, जनवरी 13, 2018

"सीधी-सादी मेरी मैया" (चर्चा अंक-2847)

मित्रों!
हर्षोंल्लास के पर्व लोहड़ी की
आप सबको हार्दिक शुभकामनाएँ।
शनिवार की चर्चा में आपका स्वागत है। 
देखिए मेरी पसन्द के कुछ लिंक।

(डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक') 

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सर्दी ने ढाया सितम 

 सर्दी ने ढाया सितम
ठिठुरती काँपती ऊँगलियाँ  
माने  नहीं छूने को कलम
कैसे लिख दूँ अब कविता मैं
अजब  सर्दी ने ढाया सितम... 
Maheshwari kaneri  
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जब बोला चलता हुआ वर्ष - 

जब नये साल से बोला 
चलता हुआ वर्ष - जाते-जाते 
यह उचित लगा ओ मीत, 
तुम्हें कर दूँ सतर्क - 
मैं भी था अतिथि ,एक दिन 
तुम सा ही आदृत,,  
शिप्रा की लहरें पर प्रतिभा सक्सेना 
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वही पल 

Purushottam kumar Sinha 
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आग ताप लो.... 

Lovely life पर Sriram Roy  
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विवेकानंद और वेश्या..  

सोशल मीडिया के युग मे  

एक क्रांतिकारी विचार..   

पढ़िए तो! 

चौथाखंभा पर  ARUN SATHI - 
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दीप ले आओ 

नन्हा सा दीप 
मिटाए जगत का 
अंधेरा घना 

छाँटनी होगी 
ज्ञानालोक के लिए 
मन की धुंध ... 
Sudhinama पर sadhana vaid  
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11 टिप्‍पणियां:

  1. उम्दा चर्चा। मेरी रचना शामिल करने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद, शास्त्री जी।

    जवाब देंहटाएं
  2. सुखद चर्चा हेतु आभार आ. शास्त्री जी .

    जवाब देंहटाएं
  3. बहुत अच्छी चर्चा प्रस्तुति ...

    जवाब देंहटाएं
  4. मकर संक्रांति एवं लोहड़ी पर्व की सभी मित्रों व पाठकों को हार्दिक शुभकामनाएं ! आज की चर्चा में बहुत सुन्दर सूत्र संजोये हैं शास्त्री जी ! मेरी रचना को स्थान देने के लिए आपका बहुत बहुत आभार !

    जवाब देंहटाएं
  5. बहुत सुंदर संयोजन
    सभी रचनाकारों को बधाई
    मुझे सम्मलित करने का आभार
    आपको साधुवाद
    सादर

    जवाब देंहटाएं
  6. सुंदर संकलन ! सभी प्रस्तुतियाँ एक से बढ़कर एक हैं।

    जवाब देंहटाएं
  7. अच्छे सूत्र . यात्रानामा शामिल करने के लिए आभार

    जवाब देंहटाएं
  8. सुंदर संकलन
    मेरी रचना शामिल करने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद

    जवाब देंहटाएं

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