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शनिवार, दिसंबर 29, 2018

"शुभ हो नूतन साल" (चर्चा अंक-3200)

मित्रों! 
शनिवार की चर्चा में आपका स्वागत है।  
देखिए मेरी पसन्द के कुछ लिंक।  
(डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
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अश्रु नीर.....दीपा जोशी 

मेरी धरोहर पर yashoda Agrawal  
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हम❤तुम 

प्यार पर 
Rewa tibrewal  
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छुअन 


Sudhinama पर 
sadhana vaid  
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है संघर्षरत यह जीवन 

सुख दुख की लहरों पर 
अक्सर लड़खड़ाती है 
जीवन नैया... 

Ocean of Bliss पर 
Rekha Joshi 
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एक ग़ज़ल :  

इधर आना नहीं ज़ाहिद-- 

इधर आना नहीं ज़ाहिद , इधर रिन्दों की बस्ती है  
तुम्हारी कौन सुनता है ,यहाँ अपनी ही मस्ती है  
भले हैं या बुरे हैं हम ,कि जो भी हैं ,या जैसे भी  
हमारी अपनी दुनिया है हमारी अपनी हस्ती है... 
आपका ब्लॉग पर आनन्द पाठक  
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TIME 

noopuram  

4 टिप्‍पणियां:

  1. सुप्रभात sir ,बहुत शानदार रचनाये। मेरी रचना को भी स्थान देने के लिए धन्यवाद्

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  2. बहुत सुन्दर सूत्रों से सुसज्जित आज का संकलन ! मेरी रचना को इसमें स्थान मिला यह आज देख कर ही पता चला ! ब्लॉग पर इस बार सूचना नहीं मिली ! आपका हृदय से बहुत बहुत धन्यवाद एवं आभार शास्त्री जी ! सादर वन्दे !

    जवाब देंहटाएं
  3. सुंदर चर्चा , बेहतरीन लिंक

    जवाब देंहटाएं

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