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Sunday, March 24, 2019

"चमचों की भरमार" (चर्चा अंक-3284)

मित्रों!
रविवार की चर्चा में आपका स्वागत है। 
देखिए मेरी पसन्द के कुछ लिंक।
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ऐ जिन्दगी 

पुरुषोत्तम कुमार सिन्हा  
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नीले पीले जमीन पर 

अवसाद में
जब आप टटोलते हो
जमीन
जहां ठंडक और छांव मिलस के
उसकी जगह आपको
कुछ नीले-पीले पत्तों वाली
जमीन देखने को मिले... 
हमसफ़र शब्द पर संध्या आर्य 
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वसंत पंचमी 

Akanksha पर Asha Saxena 
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क्षणिक अनुराग 

पुरुषोत्तम कुमार सिन्हा  
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३५१.  

तिनका 

मैं छोटा सा तिनका हूँ,  
कोई दम नहीं है मुझमें,  
हवा मुझे उड़ा सकती है,  
पानी बहा सकता है... 
कविताएँ पर Onkar  
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मोदी ने वास्तव में  

बर्बाद कर दिया 

दिल बार-बार रस्सी तोड़कर भागने की कोशिश कर रहा है, कभी कहता है कि यह लिख और कभी कहता है कि वह लिख! चारों तरफ विषय बिखरे पड़े हैं लेकिन सारी मशक्कत बेकार सी लग रही है। ऐसा लग रहा है जैसे किसी भरे पेट वाले के सामने भोजन परोसने का प्रयास किया जा रहा हो। राजनीति में लोग आकंठ डूबे हैं, चारों तरफ से एक ही आवाज आ रही है कि हमें "सबका साथ – सबका विकास" ही करना है। लेकिन दूसरी तरफ से एक आवाज और आ रही है कि हम तुम्हारे माई-बाप रहे हैं, हमें फिर से देश का माई-बाप बनाओ। लोग तराजू के पलड़े में झूल रहे हैं... 
smt. Ajit Gupta 
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तो क्या विपक्ष नरेंद्र मोदी को  

वाक ओवर दे चुका है 

अब तो बनारस से भाजपा ने नरेंद्र मोदी की उम्मीदवारी घोषित कर दी है। समूचे विपक्ष को मिल कर कोई एक बड़ा नाम संयुक्त रूप से मोदी के ख़िलाफ़ उम्मीदवार उतारना चाहिए। भले वह हार जाए , ज़मानत ज़ब्त हो जाए पर समूचे विपक्ष की तरफ से चुनौती बड़ी मिलनी चाहिए। अगर ऐसा हो गया तो चुनौती का यह संदेश पूरे देश में जाएगा और विपक्ष को बहुत लाभ मिलेगा। संयुक्त उम्मीदवार मतलब मज़बूत उम्मीदवार , कोई डमी उम्मीदवार नहीं... 
Dayanand Pandey 
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दोहे 1 

हाथी साइकिल पर चढ़ा, होना चाहे पार।  
गहरी नदी चुनाव की, बहुत तेज है धार... 
मेरी दुनिया पर Vimal Shukla  
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5 comments:

  1. बहुत सुंदर चर्चा। मेरी रचना शामिल करने के लिए धन्यवाद।

    ReplyDelete
  2. सुप्रभात
    उम्दा सजा चर्चा मंच
    मेरी रचना शामिल करने के लिए धन्यवाद सर |

    ReplyDelete
  3. सुंदर चर्चा। मेरी रचना शामिल करने के लिए धन्यवाद।

    ReplyDelete
  4. सुन्दर प्रस्तुति। आभार आदरणीय 'उलूक' को जगह देने के लिये।

    ReplyDelete

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