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शुक्रवार, मार्च 08, 2019

"नारी दुर्गा रूप" (चर्चा अंक-3268)

मित्रों!
शुक्रवार की चर्चा में आपका स्वागत है। 
देखिए मेरी पसन्द के कुछ लिंक।

(डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')

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बहलता नहीं दिल,  

किसी भी तरह बहलाने से 

ख़्यालों की दुनिया में गुम, बेपरवाह इस ज़माने से 
मालूम नहीं हमें, क्यों हैं हम इस क़द्र दीवाने से। 

तुम्हीं बताओ आख़िर कौन-सा तरीक़ा अपनाएँ हम 
बहलता नहीं दिल, किसी भी तरह बहलाने से... 
Sahitya Surbhi पर 
Dilbag Virk  
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बसंत 

1. 


खिले हुए फूल 

धीरे धीरे मुरझा जायेंगे 

इनके चटक रंग 
उदासी में बदल जायेंगे 
बसंत की नियति है 
पतझड़
फिर भी बसंत लौटता है 
अगले बरस .... 
सरोकार पर Arun Roy  
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ध्वज 

झरोख़ा पर 
निवेदिता श्रीवास्तव 
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ज़रा देखें कि ये किसकी हिमायत कर रहे हैं 

... बांग्ला देश के युद्ध के समय श्री अटल बिहारी बाजपेयी ने अपने हर भाषण में तत्कालीन प्रधान मंत्री श्रीमती इंदिरा गाँधी का हर हाल में साथ देने का जनता से अनुरोध किया था और यह सन्देश दिया था कि मतभेद अपनी जगह हैं लेकिन देश पर मंडरा रहे इस संकट के समय हम सब एक हैं और हम सबका लक्ष्य एक है और वह है भारत की विजय, भारत का सम्मान और तिरंगे की शान !
आजकल के नेता क्या इनसे कुछ सीख लेंगे ! 
Sudhinama पर sadhana vaid  
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एक बार जो ...  

अशोक वाजपेयी 

Image result for शायद ही फिर मिल पाएंगे
एक बार जो ढल जाएंगे
शायद ही फिर खिल पाएंगे।

फूल शब्द या प्रेम
पंख स्वप्न या याद
जीवन से जब छूट गए तो
फिर न वापस आएंगे... 
yashoda Agrawal  
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घर वापसी 

 कहावत है कि गंगा में बहुत पानी बह गया। हमारा मन भी कितने भटकाव के बाद लेखन के पानी का आचमन करने के लिये प्रकट हो ही गया। न जाने कितना कुछ गुजर गया! कुम्भ का महामिलन हो गया और सरहद पर महागदर हो गया। राजनैतिक उठापटक भी खूब हुआ और सामाजिक चिंतन भी नया रूप लेने लगा। कई लोग सोचते होंगे कि आखिर हम कहाँ गायब थे, क्या नीरो की तरह हम भी कहीं बांसुरी बजा रहे थे? या इस दुनिया की भीड़ में हमारा नाम कहीं खो गया था! लेकिन ना हम बांसुरी बजा रहे थे और ना ही अपने नाम को खोने दे रहे थे, बस मन को साध रहे थे। ... 
smt. Ajit Gupta 

10 टिप्‍पणियां:

  1. उम्दा चर्चा। मेरी रचना को चर्चा मंच में शामिल करने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद, आदरणीय शास्त्री जी।

    जवाब देंहटाएं
  2. सुप्रभात
    मेरी रचना शामिल करने के लिए आभार सहित धन्यवाद |

    जवाब देंहटाएं
  3. सुन्दर सार्थक चर्चा ! मेरे आलेख को सम्मिलित करने के लिए आपका हृदय से बहुत बहुत धन्यवाद एवं आभार शास्त्री जी ! अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर सभी महिला साथियों को हार्दिक बधाई एवं नारी शक्ति को सादर नमन !

    जवाब देंहटाएं
  4. सभी लिंक बढ़िया रहे। महिलाओं पर दोहे एक से बढ़कर लगे।

    जवाब देंहटाएं
  5. बेहतरीन लिंक्स चयन एवम प्रस्तुति

    जवाब देंहटाएं
  6. सुन्दर चर्चा प्रस्तुति
    सादर

    जवाब देंहटाएं

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