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Tuesday, March 12, 2019

"आँसुओं की मुल्क को सौगात दी है" (चर्चा अंक-3272)

मित्रों!
मंगलवार की चर्चा में आपका स्वागत है। 
देखिए मेरी पसन्द के कुछ लिंक।
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कैसे हों हमारे सांसद 

       हम लोगों के सौभाग्य से चुनाव का सुअवसर आ गया है और यही सही वक़्त है जब हम अपनी कल्पना के अनुसार सर्वथा योग्य और सक्षम प्रत्याशी को जिता कर भारतीय लोकतंत्र के हितों की रक्षा करने की मुहिम में अपना सक्रिय योगदान कर सकते हैं । इस समय यह सुनिश्चित करना बहुत ज़रूरी है कि जिन लोगों को हम वोट देने जा रहे हैं उनका पिछला रिकॉर्ड कैसा है... 
Sudhinama पर 
sadhana vaid  
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मैं हूँ आज ग़म ज़दा 

मैं हूँ आज ग़म ज़दा,  
आक्रोशित होता हूँ यदा कदा।  
दुश्मनों ने गहरी घात की है,  
आँसुओंकी मुल्क को सौगात दी है... 
जयन्ती प्रसाद शर्मा 
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आँखें 

Akanksha पर Asha Saxena 
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दुबारा क्या तिबारा ढूंढ लेंगे ... 

सहारा बे-सहारा ढूंढ लेंगे
मुकद्दर का सितारा ढूंढ लेंगे

जो माँ की उँगलियों में था यकीनन

वो जादू का पिटारा ढूंढ लेंगे... 
Digamber Naswa 
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5 comments:

  1. सुप्रभात
    मेरी रचना शामिल करने के लिए धन्यवाद |

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  2. सुप्रभात। बहुत सुंदर चर्चा।

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  3. सुन्दर चर्चा प्रस्तुति।

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  4. बहुत सुन्दर लिंक्स आज की चर्चा में ! मेरे आलेख को स्थान देने के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद एवं आभार शास्त्री जी ! सादर वन्दे !

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  5. बढ़िया चर्चा रही। सादर।

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