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Tuesday, March 19, 2019

"मन के मृदु उद्गार" (चर्चा अंक-3279)

मित्रों!
मंगलवार की चर्चा में आपका स्वागत है। 
देखिए मेरी पसन्द के कुछ लिंक।
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होली 

Akanksha पर 
Asha Saxena  
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पुल  

( राधा तिवारी "राधेगोपाल " ) 

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पुल बनाया है नदी पर दिव्य और महान् है 
फाइल है बता रही पु वो आलीशान है... 
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फागुन 2019 

पुरुषोत्तम कुमार सिन्हा 
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5 comments:

  1. बहुत सुंदर चर्चा। मेरी रचना शामिल करने के लिए आभार।

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  2. श्रद्धाँजलि पर्रिकर जी के लिये। आभार आदरणीय 'उलूक' को जगह देने के लिये।

    ReplyDelete
  3. आज की चर्चा किसिम किसिम के रंगों में सराबोर है.
    सारे रंग चोखे हैं.
    परिकरजी की स्मृति को समर्पित मन के मृदु उद्गार हम सब के मन की बात कहते हैं.
    किसी दिन हम भी उन जैसी निस्वार्थ और ईमानदार सेवा कर पाएं.
    ऐसी इश्वर हमें सद्बुद्धि दें.
    निराला जी की यह पंक्तियाँ पढ़ कर अब वास्तव में लगा कि वसंत को आने से कोई नहीं रोक सकता.
    सभी की रचनाओं के रंग दिन प्रतिदिन गाढे हों !
    होली के रंग जो चढ़े तो फिर ना उतरें !
    नमस्ते.

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  4. विभिन्न रंगों से सजी सुंदर और सार्थक चर्चा।सादर बधाई।

    ReplyDelete
  5. बेहतरीन चर्चा प्रस्तुति
    सादर

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