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मंगलवार, अक्तूबर 15, 2019

"सूखे कलम-दवात" (चर्चा अंक- 3489)

मित्रों!
मंगलवार की चर्चा में आपका स्वागत है। 
देखिए मेरी पसन्द के कुछ लिंक।
(डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
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दोहे  
"कालातीत बसन्त"  
(डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक') 

उच्चारण 
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ये कहाँ से आ गयी बहार है 
मेरी फ़ोटो
ये कहाँ से आ गयी बहार है ,  
बंद तो मेरी गली का द्वार है।  
ख़्वाहिशें टकरा के चूर हो गयीं,  
हसरतों का दर्द अभी उधार है।  
बंद तो मेरी गली का द्वार है… 
हिन्दी-आभा*भारत  पर 
Ravindra Singh Yadav 


जिज्ञासा पर Pramod Joshi 
सर्दियों का मौसम लगभग आरंभ हो गया है. सुबह और शाम को हल्की हल्की ठंड महसूस होने लगी है. रात को सोते समय पंखों का बंद होना भी शुरू हो गया है. सुबह के समय खेतों पर जाते हुए लोग गरम चादर ओढ़कर जाते हुए दिखने लगे हैं. मौसम परिवर्तन लोगों की वेषभूषा में बदलाव तो लाता ही है किन्तु जितना अधिक बदलाव पुरुषों की वेशभूषा में लाता है उतना महिलाओं की वेषभूषा में नहीं, आखिर क्यूं? ये प्रश्न विचारणीय है…
! कौशल ! पर Shalini kaushik 
शरद पूर्णिमा, जिसे कोजागरी पूर्णिमा या रास पूर्णिमा भी कहते हैं; हिन्दू पंचांग के अनुसार आश्विन  मास की पूर्णिमा  को कहते हैं। ज्‍योतिष के अनुसार, पूरे साल में केवल इसी दिन चन्द्रमा सोलह कलाओं से परिपूर्ण होता है। हिन्दू धर्म में इस दिन कोजागर व्रत माना गया है। इसी को कौमुदी व्रत भी कहते हैं। इसी दिन श्रीकृष्ण ने महारास रचाया था। मान्यता है इस रात्रि को चन्द्रमा की किरणों से अमृत झड़ता है। तभी इस दिन उत्तर भारत में खीर बनाकर रात भर चाँदनी में रखने का विधान है… 
मेरा सरोकारपररेखा श्रीवास्तव  
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10 टिप्‍पणियां:

  1. सदैव की तरह इस प्रतिष्ठित मंच पर विविध विषयों पर रचनाएँ दिखीं ।
    वैसे, 15 अक्टूबर को हर साल विश्व छात्र दिवस मनाया जाता है। 15 अक्टूबर को 1931 को देश के महान वैज्ञानिक और पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजी अब्दुल कलाम का जन्म हुआ था। उनकी जयंती को संयुक्त राष्ट्र हर साल विश्व छात्र दिवस के तौर पर मनाता है।
    मैं उनकी पुस्तक का हिन्दी अनुवाद "अग्नि की उड़ान " पढ़ रहा था, तो उनके जीवन संघर्ष एवं दृढ़ इच्छाशक्ति को पढ़कर उनकी महानता का पता चला । इसमें यह भी उन्होंने उल्लेख किया कि जब वे नासा के राकेट कार्यक्रमों वाले स्थान पर पहुंचे, तो वहां के स्वागत कक्ष में विशेष रुप से जो पेंटिंग देखी, उसमें टीपू सुल्तान की सेना को राकेटों से अंग्रेजों से युद्ध करते दिखाया गया था। पृथ्वी की दूसरी ओर एक भारती उपलब्धि को गौरवान्वित पाकर उनका मन आनंदित हो गया था और उन्होंने भी कुछ करने की ठान ली थी।
    अभी क्या हो रहा है अपने शहर में, यह कि छात्र संघ चुनाव को लेकर सुबह से देर शाम तक बाइक जुलूस निकल रहा है और बस नारेबाजी।
    ************
    आज अंतरराष्ट्रीय ग्रामीण महिला दिवस है।
    विकासशील देशों में लगभग 43 प्रतिशत महिलाएँ कृषि श्रमिक के रूप में कार्य करती हैं और खाद्य क्षेत्र से जुड़ी रहती हैं। संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 15 अक्टूबर 2008 को पहला अंतरराष्ट्रीय ग्रामीण महिला दिवस मनाकर ग्रामीण महिलाओं की भूमिका को सम्मानित करने का निर्णय लिया था।
    मैं अपने जनपद की ग्रामीण श्रमिक महिलाओं की बात करूँ, जो खेत में, ईट भट्टों पर, भवन निर्माण के कार्य में लगी है और जो बीड़ी बनाने और कालीन बुनाई का काम भी करती हैं , उनके श्रम के हिसाब से पुरुषों की अपेक्षा उन्हें कम मजदूरी मिलती है, जबकि महिलाएँ काम करने में पुरुषों से पीछे नहीं है । अतः इस भेदभाव को मिटाने की आवश्यकता है।
    विडंबना यह भी है कि ग्रामीण क्षेत्रों में कच्ची शराब ( महुआ निर्मित) भी महिलाएँ ही बनाती हैं और पुरुष उन्हें अवैध तरीके से बाजारों में बेचा करते हैं। उनमें शिक्षा के अभाव में यह सब हो रहा है।
    सभी को सुबह का प्रणाम।

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  2. उम्दा संकलन लिंक्स का |मेरी रचना शामिल करने के लिए आभार सहित धन्यवाद सर |

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  3. बहुत ही बढ़िया संकलन हेतु बहुत-बहुत बधाई। मेरे ब्लॉग को भी शामिल करने के लिए हार्दिक आभार।

    जवाब देंहटाएं
  4. आदरणीय शास्त्री जी, माना की वृद्धावस्था में यौवन जैसा जोश नहीं रहता लेकिन भास्कर कभी डुबता नहीं हैं! वो तो सिर्फ़ पृथ्वी के एक सीरे से दिखना बंद होता हैं और फ़िर बारा घंटे बाद दिखने लगता हैं! आप इस उम्र में भी इतने सक्रिय हैं यह बात काबिले तारीफ़ हैं। आप इसी तरह हम ब्लोगरों को प्रोत्साहन देते रहे...
    मेरी रचना को चर्चा मंच में शामिल करने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद।

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  5. बेहतरीन प्रस्तुति आदरणीय 👌
    शानदार रचनाएँ, सभी रचनाकारों को हार्दिक शुभकामनाएँ
    सादर

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  6. संग्रहणीय प्रस्तुति, स्थान देने के लिए हार्दिक धन्यवाद

    जवाब देंहटाएं
  7. वाह बहुत सुंदर अंक,लाजवाब प्रस्तुति
    सभी रचनाएँ उत्तम,सभी को खूब बधाई
    सादर नमन

    जवाब देंहटाएं
  8. सुन्दर सरस रचनाओं से सुसज्जित प्रस्तुति।
    सभी चयनित रचनाकारों को बधाई एवं शुभकामनाएँ।
    मेरी रचना को चर्चा मंच में शामिल करने के लिये सादर आभार आदरणीय शास्त्री जी।

    जवाब देंहटाएं
  9. बहुत सुंदर चर्चा अंक,
    सभी शानदार लिंक संयोजन।
    सभी रचनाकारों को बधाई।

    जवाब देंहटाएं

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