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मंगलवार, जनवरी 28, 2020

" चालीस लाख कदम "(चर्चा अंक - 3594)

स्नेहिल अभिवादन। 

आज की प्रस्तुति में हार्दिक स्वागत है।

कंपकपाती सर्दी से राहत देने और तन मन में नई ऊर्जा का संचार करने के लिए वसंत ऋतु का आगमन हो चुका हैं प्रकृति का रूप सवरने लगा हैं ,फूल खिलने लगे हैं ,पेड़ों पर नई कोपलें आने लगी हैं ,

पक्षियों की चहचाहट अपनी सुर लहरियाँ बिखेरने लगी हैं ,शीतल मंद वयार के साथ प्रकृति ये घोषणा कर रही हैं -

" आलस्य छोडो जागो बसंत आ चुका हैं, उठो एक नए जोश के साथ 

अपने कर्मपथ पर चल पड़ो "

ऋतु परिवर्तन के इस नई बेला में कुछ नई रचनाओं के साथ मैं कामिनी सिन्हा " चर्चामंच " परिवार की नई सदस्य के रूप में आप सब के समक्ष अपनी पहली प्रस्तुति के साथ उपस्थित हूँ। मैं आदरणीय शास्त्री जी और बहन अनीता जी की दिल से शुक्रगुजार हूँ जिन्होंने मुझ पर भरोसा रख मुझे ये कार्य भार सौंपा हैं , ईश्वर से यही प्रार्थना हैं कि मैं उनके उम्मीदों पर खरी उतरु।

मैं आप सभी का हृदयतल से अभिनन्दन करती हूँ और आशा करती हूँ कि आप अपना स्नेह एवं सहयोग बनाएं रखेंगे।

माँ सरस्वती की वंदना करते हैं हुए  

आइए आनंद उठाते हैं कुछ नई और बेहतरीन रचनाओं का 

*****
******
  चालीस लाख कदम के लिये आभार
बहुत बहुत बधाई और शुभकामनाएँ सर ,आपका सफर यूँ ही जारी रहे 
  
मेरी फ़ोटो
हो 
सकता है 
यूँ ही 
घूमने 
आते होगेंं 
आप 
******

आप  श्रद्धा-भक्ति के साथ धर्मस्थलों की यात्रा करते हैं। 
 मन में विश्वास रहता है कि प्रभु न्यायशील हैं,  
उनके रहते कम से कम उनके दरबार में तो गलत
 काम कोई सोच भी नहीं सकता !  
पर सच्चाई ठीक इसके विपरीत है,  
******
 लिप्सा   

लि धन के प्रति उसकी लिप्सा उसके मानवधर्म के
लिए अभिशाप  बन गयी थी। 
अतः उसकी मृत्यु को भी अपने आर्थिक
 हितों से जोड़कर समाज ने देखा..

******
  नवगीत मौन 

कलम हुई कष्टों से मौन * * 
एक खुशी जब लिखी न पाई *  
पूछ रही तब तुम हो कौन * 
 कलम पृष्ठ पर स्याही बिखरी* * 
अक्षर-अक्षर करता घात * * 
****** 
  कह मुकरी ...  
 सबके मन में खौफ बनाता 
  अच्छे खासों को जो समझाता 
पीट पीट कर करता ठंडा 
                   हे सखि साजन? ना सखि डंडा                     
   ******   
न मानी बात अपनों की, 
मिटा दी चाह सपनों की। 
चला सब छोड़ के ऐसे, 
कमी तुझमें सदा से थी। 
 बिना तेरे बहुत खुश हैं, 
यहाँ से तुम चले जाओ। 
मिलेंगे बंद दरवाजे, 
नहीं फिर साथ ये पाओ।। 
***** 
तिरंगा 
चौराहों, बाजारों  में बिकते 
तिरंगे  का रंग स्वरूप आकार 
जाने कब कहाँ खो गया । 
कुछ अनगढ़ हाथों  से 
केसरिया से लाल तो 
जाने कब का हो गया। 

******
अपनी अभिव्यक्ति की छटपटाहट को 
शब्दों में बाँधने के लिए आज 
26 जनवरी के ब्रम्हमुहूर्त में 
उनींदापन में लम्बी जम्हाई लेता 
कागज़ .. कलम उठाया और .. 
विषय-विशेष की उधेड़बुन में 
अपना अबोध दिमाग खपाया ... 
******
 हाईकू 
 
-मन मोहक  नजारा समाया है गणतंत्र का
****
  माँ 

 
माँ दुआओं का ही दूजा नाम है 
उसके दामन में सहज विश्राम है
******
My Photo
ठठ्ठा करता 
    लुका-चोरी खेलता  
मुआ सूरज। 
*****
आज का सफर 
यही तक  
आप का दिन शुभ हो 
कामिनी सिन्हा 

50 टिप्‍पणियां:

  1. जी बिल्कुल- बिल्कुल,
    बसंत को जिन गुणों केलिए ऋतुराज कहा गया है, कुछ वैसा ही परिवर्तन जब भी मानव हृदय में होता है, तो वह असीम आनंद को प्राप्त करता है।
    आप भी ब्लॉग जगत में यही पहचान रखती हैं , जो भी आपकी संवेदनशील और भावना प्रधान रचना को पढ़ता है, उसका हृदय प्रफुल्लित हो उठता है। उसमें मानवीय गुणों का प्रवाह स्वतः ही होने लगता है।
    अतः हमसभी आशान्वित हैं कि आप एक श्रेष्ठ चर्चाकार के रूप में ऐसे बासंतिक बयार का सृजन करने में सफल होगीं, जिसका प्रभाव इस मंच पर आते ही हम पाठकों पर अवश्य पड़े।
    आपकी वही निर्मलता एवं निश्छलता एक चर्चाकार के रूप में बनी रहे ऐसी कामना करता हूँ।
    और यह मेरा सौभाग्य है कि मेरा लेख आप के द्वारा संपादित प्रथम अंक में चर्चामंच स्थान बनाने में सफल रहा, इसके लिए हृदय से आपको आभार कामिनी जी।
    सभी रचनाकारों को प्रणाम। सुंदर एवं समसामयिक भूमिका के साथ ही उत्तम रचनाओं का चयन आपने किया है।

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    1. सहृदय धन्यवाद शशि जी ,इतनी सुंदर समीक्षा के लिए दिल से आभार ,आप सभी का स्नेह ही मुझे यहाँ तक ले आया हैं ,सादर नमस्कार आपको

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  2. कामिनी सिन्हा जी!
    चर्चा मंच परिवार में आपका स्वागत है।
    बहुत सुन्दर चर्चा की है आपने।
    पहली ही चर्चा में रंग जमा दिया आपने तो।
    --
    बहुत-बहुत धन्यवाद आपका। सुप्रभात !

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    उत्तर
    1. आदरणीय सर ,आपकी इस स्नेहिल प्रतक्रिया से मैं अभिभूत हूँ। मैं पूरी कोशिश करुँगी कि आपकी उम्मीदों पर खरी उतरु और इस चर्चा मंच की गरिमा को बनाए रखूँ। आपका आशीर्वाद बना रहे ,सादर नमस्कार आपको

      हटाएं
  3. सुप्रभात !
    अत्यंत सुन्दर और सुगढ़ प्रस्तुति । अभी तक आपके लेख पढ़े हैं जिनकी मैं प्रंशसक हूँ । आपकी प्रथम प्रस्तुति ने मन मोह लिया..बेहद सधी हुई प्रस्तुति बहुत प्रभावी भूमिका के साथ ।

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. आपकी इस बहुमूल्य प्रतिक्रिया के लिए हृदयतल से आभार मीना जी ,ये सब कुछ आप सभी के स्नेह और संगत का असर हैं ,अन्यथा मैं तो कुछ भी नहीं हूँ।,सादर नमस्कार आपको

      हटाएं
  4. आदरणीया कामिनी जी, प्रणाम,आपको इस मंच के नये चर्चाकार के रूप में देखना अत्यंत सुखद है। अभी तक हम आपकी रचनाएं पढ़ते आयें हैं परन्तु अब आपके विचारों से भी नित अवगत हुआ करेंगे। सचमुच हमारा ब्लॉगजगत बदल रहा है!  इस चर्चित मंच की चर्चाकार बनने की हार्दिक शुभकामनाएं आपको। अनवरत साहित्य की सेवा करती रहें!  सादर 'एकलव्य'  

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    उत्तर
    1. आदरणीय ध्रुव जी ,आपकी बहुमूल्य प्रतिक्रिया पाकर अति प्रसन्नता हुई। ये जानकर भी आपार हर्ष हुआ कि आप मेरी रचनाएँ पढ़ते हैं। सहृदय धन्यवाद एवं आभार आपका ,आप लोगों के उम्मीदों पर खरी उतरने की मैं पूरी कोशिश करुँगी ,सादर नमस्कार

      हटाएं
  5. प्रिय कामिनी जी आपको चर्चा कार के रुप में पढ़ना बेहद सुखद लगा। आपकी रचनाओं की तरह बेहद सराहनीय और सुंंदर आपकी प्रथम प्रस्तुति। भूमिका तो मुझे बहुत पसंद आयी। बहुत सुंदर सूत्रों से सजी मनभावन प्रस्तुति। बहुत बधाई आपको और असीम शुभकामनाएँ भी मेरी।
    सादर।

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    1. हृदयतल से धन्यवाद स्वेता जी ,आप सभी के स्नेह और सहयोग से मैं इस काबिल बनी हूँ ,आपकी स्नेहिल प्रतक्रिया के लिए दिल से आभार आपका ,सादर

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  6. इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.

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    उत्तर
    1. आभार कामिनी जी 'उलूक' के अजायबघर की अजीब बातों को देखने आते लोगों के कदमों को चर्चा में जगह देने के लिये। लाजवाब प्रस्तुति के साथ। पुन: आभार सभी स्नेहीजनो से मिले इस मील के पत्थर तक पहुँचाने के लिये।

      हटाएं
    2. सहृदय धन्यवाद सर ,आप का ये सफर अनवरत यूँ ही चलता रहें यही कामना करती हूँ और हम सभी पर आपका आशीष भी बना रहें। आपकी सुंदर प्रतिक्रिया के लिए दिल से आभार एवं सादर नमस्कार

      हटाएं
  7. कामिनी जी धन्यवाद मेरी रचना को स्थान देने के लिए आज के चर्चा मंच में |

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  8. व्वाहहहहहह....
    शुभकामनाएँ
    सादर

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    1. सहृदय धन्यवाद दी ,मेरी प्रथम प्रस्तुति पर आपकी उपस्थिति पाकर बेहद ख़ुशी हुई, सादर नमस्कार आपको


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  9. सर्वप्रथम नमन आपके इस नए चर्चाकार वाले रूप को और बधाई भी ... साथ ही आभार .. पहला दिन ही मेरी रचना को अपने चर्चा वाले अंक में चर्चा-मंच के मंच पर साझा करने के लिए ...

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    1. सहृदय धन्यवाद सुबोध जी ,आपकी सुंदर प्रतिक्रिया के लिए दिल से आभार एवं सादर नमस्कार

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  10. बेहतरीन प्रस्तुति, मेरी रचना को स्थान देने के लिए आपका हार्दिक आभार सखी 🌹

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  11. बासंती भूमिका के साथ आपका आगमन.. चर्चामंच को हर्षा गया.. आपका बहुत-बहुत स्वागत है चर्चामंच में, भूमिका एवं आज के संकलन की प्रस्तुति दोनों ही बहुत ही अच्छे लग रहे हैं.. बहुत-बहुत बधाई और ढेर सारी शुभकामनाएं

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    1. सहृदय धन्यवाद अनु जी ,आपकी इस सुंदर प्रतिक्रिया लिए दिल से आभार , सादर स्नेह

      हटाएं
  12. चर्चामंच पर आपका हार्दिक स्वागत है आदरणीया कामिनी दीदी. आपका साथ पाकर चर्चामंच और रोचक व प्रभावशाली बनेगा क्योंकि आपका साहित्यिक अनुभव अनेक विशिष्टताओं से भरा है.
    आपको बहुत सारी बधाई एवं शुभकामनाएँ.
    सादर

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    उत्तर
    1. हृदयतल से धन्यवाद अनीता जी,आपके इस मान के लिए दिल से शुक्रगुजार हूँ ,
      आप सभी का सहयोग एवं साथ आगे भी बना रहें यही कामना हैं ,सादर स्नेह

      हटाएं
  13. आज की चर्चा बेहद रोचक रही...।

    साधुवाद 🌹

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    1. सहृदय धन्यवाद वर्षा जी ,आपकी इस सुंदर प्रतिक्रिया लिए दिल से आभार , सादर नमन

      हटाएं
  14. नयी भूमिका के लिए शुभकामनायें कामिनी जी, सुंदर अंक, शुक्रिया मुझे भी शामिल करने के लिए !

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    1. सहृदय धन्यवाद अनीता जी ,आपकी इस बहुमूल्य प्रतिक्रिया लिए दिल से आभारी हूँ , सादर नमन

      हटाएं
  15. बेहतरीन रचना संकलन एवं प्रस्तुति सभी रचनाएं उत्तम रचनाकारों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं 🙏 बहन कामिनी को चर्चा मंच
    पर प्रथम प्रस्तुति के लिए हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं 🙏🌷

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    उत्तर
    1. हृदयतल से धन्यवाद सखी,आपकी इस बहुमूल्य प्रतिक्रिया लिए दिल से आभारी हूँ , सादर नमन

      हटाएं
  16. कामिनी जी आपको चर्चा मंच के चर्चा कार के रूप में देखकर बहुत अच्छा लगा आप एक शानदार लेखिका हैं आपके साथ चर्चा मंच और ऊंचाइयों को अग्रसर हो ।
    ढेर सारी शुभकामनाएं और बधाई।
    आपकी पहली चर्चा में मुझे स्थान मिला ये मेरे लिए गर्व का विषय है ।
    आजकी भूमिका बहुत सुंदर और लुभावनी आते बसंत की आहट जैसी ।
    शानदार लिंक चयन
    सभी रचनाकारों को बधाई।
    मेरी रचना को शामिल करने के लिए तहे दिल से शुक्रिया।

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    उत्तर
    1. हृदयतल से धन्यवाद कुसुम जी,मैं इतने मान के काबिल नहीं हूँ कुसुम जी ,आप सब अनुभवी जनों के सहयोग से बस थोड़ी बहुत सीख रही हूँ।
      आप सभी का साथ एवं स्नेह ही मेरे लिए सबसे बड़ा सम्मान हैं ,सादर नमस्कार आपको

      हटाएं
  17. प्रिय कामिनी, आज तुम्हें चर्चित मंच चर्चा मंच की चर्चाकार के रूप में देख,मन को अपार खुशी हो रही है। साथ में ब्लॉग जगत की तमाम हस्तियों को एक मंच पर देखना सोने पे सुहागा है। तुम्हारा हार्दिक अभिनंदन और स्वागत है सखी। इस नई भूमिका में तुम अपनी पहचान बनाते हुये , सफलता के नये आयाम छुओ , मेरी यही दुआ और कामना है। तुम्हें आज की पहली और विशेष प्रस्तुति मुबारक हो । तुम्हारा पहला प्रयास अत्यंत सराहनीय है। भूमिका बहुत बढ़िया है। शब्द संयोजन में तुम्हें महारत हासिल है। आशा है आगामी प्रस्तुतियां और भी शानदार रहेंगी। नया चर्चाकार मिलने पर चर्चा मंच को हार्दिक बधाई। सभी रचनाकारों को बहुत बहुत शुभकामनायें । यूँ ही आगे बढती रहो। एक बार फिर शुभकामनायें और प्यार सखी। 🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷😊

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    1. दिल से शुक्रिया सखी ,तुम्हारे इस स्नेहिल प्रतिक्रिया के लिए आभार ,तुम्हारा स्नेह और साथ आगे भी बना रहे यही कामना हैं ,सादर स्नेह

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  18. बहुत-बहुत बधाई प्रिय सखी कामिनी जी! चर्चा मंच पर एक चर्चाकार के रूप में आपको देख अपार हर्ष महसूस कर रही हूँ ।मेरी ओर से आपको हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ ।आपकी यह पहली प्रस्तुति काफी प्रभावशाली एवं सराहनीय हैं।बहुत ही रोचक तरीके से सभी रचनाओं को प्रस्तुत किया है आपने।आपके साथ -सभी रचनाकारों को भी हार्दिक बधाई जो आपकी पहली प्रस्तुति में ही शामिल हुए ।

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    1. सहृदय धन्यवाद सुजाता जी ,आपकी इस बहुमूल्य प्रतिक्रिया लिए दिल से आभारी हूँ , सादर नमन

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  19. इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.

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  20. वाह!प्रिय सखी कामिनी जी ,बहुत-बहुत बधाई । प्रथम प्रस्तुति में ही दिल जीत लिया आपने । सभी रचनाकारों को भी हार्दिक शुभकामनाएं । आपका ये सफर बस यूँ ही चलता रहे ।

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    1. सहृदय धन्यवाद शुभा जी ,आपकी इस सुंदर प्रतिक्रिया से आपार हर्ष हुआ ,आप सब का स्नेह अनमोल हैं मेरे लिए ,सादर नमन

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  21. चर्चामंच पर आपका स्वागत है आदरणीया कामिनी जी। आपके वृहद अनुभव का लाभ चर्चामंच के साथ-साथ सुधि पाठकों को भी मिलेगा। चर्चामंच की टीम आपके आने से और अधिक मज़बूत होगी।
    आपकी काव्यात्मक भूमिका बहुत प्रभावशाली है जो आपके समृद्धशाली शब्द-भंडार की परिचायक है।
    बेहतरीन रचनाओं का चयन करते हुए एक शानदार प्रस्तुति अपने प्रथम प्रयास में आपने प्रस्तुत की है।
    सभी चयनित रचनाकारों को बधाई एवं शुभकामनाएँ।


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    1. सहृदय धन्यवाद सर ,मेरा मनोबल बढ़ाने के लिए दिल से शुक्रिया ,यकीनन आप सभी गुणीजनों के बीच रहकर मुझे बहुत कुछ सीखने को मिलेगा।
      आपके स्नेह और आशीर्वाद के लिए दिल से आभारी हूँ। सादर नमस्का

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  22. बहुत सुंदर भूमिका से सजी प्रथम प्रस्तूति के लिए बहुत बहुत बधाई, कामिनी दी। आप इसी तरह ऊंचाइयों के नए आयाम छूती रहो यहीं शुभकामनाएं।

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    1. सहृदय धन्यवाद ज्योति जी ,आपकी इस सुंदर प्रतिक्रिया से आपार हर्ष हुआ ,आप सब का स्नेह अनमोल हैं मेरे लिए ,सादर नमन

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  23. जिजीविषा की मितव्यतता से यदा कदा ही पटल पर पहुँच पाता हूँ लेकिन जब भी आता हूँ, मन और दिल में आपार संतोष मह्सूस करता हूँ कि आज कुछ सिखने को मिला सभी रचनकारों का अभिनन्दन और आभार आपके उत्कृष्ट सृजन से लाभान्वित होता हूँ।

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    1. तहे दिल से शुक्रिया बलबीर जी ,आपकी बहुमूल्य प्रतिक्रिया के लिए दिल से आभारी हूँ,सादर नमस्कार

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  24. सुगढ भूमिका के साथ आपको चर्चा मंच पर देखकर
    अत्यंत प्रसन्नता हो रही है कामिनी जी....।शानदार रचनाएं चुनी हैं आपने। लेख की तरह ही आप चर्चा भी बेहद प्रभावशाली है....बहुत बहुत बधाई एवं शुभकामनाएं आपको।

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    1. दिल से शुक्रिया सुधा जी ,आप सभी का स्नेह और सहयोग बहुमूल्य हैं मेरे लिए ,आपके इस स्नेहिल प्रतिक्रिया के लिए आभार ,सादर नमस्कार आपको

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