स्नेहिल अभिवादन।
आज की प्रस्तुति में आप सभी का हार्दिक स्वागत है।
हर तरफ दुःख -दर्द और मायूसी का वातावरण है.. मौत तांडव कर रही हैं..
ऐसे में " ईद " का आगमन थोड़ी देर के लिए ही सही यकीनन थोड़ा सुकून तो दे ही जाएगा
" ईद का मुबारक चाँद " हमें इस त्रासदी से जल्द से जल्द निजात दिलाएगा
इन्ही दुआओं के साथ चलते है आज की रचनाओं की ओर...
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दोहे
"कहो मुबारक ईद"
(डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
जब तक साँस शरीर में, तब तक है उम्मीद।
दुआ करो अल्लाह से, कहो मुबारक ईद।।
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ईद मुबारक
सुबह से
इंतजार है
तुम्हारे मोंगरे जैसे
खिले चेहरे को
करीब से देखूं
ईद मुबारक
कह दूं
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पद-तल, मरु थल के!
पिता, दान तेरे वचनो का, लेकर आया जीवन में,
संग चलोगे पग-पग मेरे , जीवन के मरु आँगन में।
तेरी अंगुली पकड़ मचला मैं, सुभग-सलोने जीवन में,
हरदम क़दम मिले दो जोड़ी, जैसे माणिक़ कंचन से।
संग चलोगे पग-पग मेरे , जीवन के मरु आँगन में।
तेरी अंगुली पकड़ मचला मैं, सुभग-सलोने जीवन में,
हरदम क़दम मिले दो जोड़ी, जैसे माणिक़ कंचन से।
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धुंधले होते तारों के साथ
उठ जाती हो रोज मेरे पहलू से
कितनी बार तो कहा है
जमाने भर को रोशनी देना तुम्हारा काम नहीं
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लॉकडाउन उन्हें लगता है
इन्सान की नाराजगी
दबाये मुँह में ला रही हैं
सीप-शंख के साथ
लकड़ी के टुकड़े ...
मानो .. रूठे इन्सान को
मनाने की खातिर
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मरुधरा पर - - कविता
थी मीरा दीवानी तपती कृष्ण लगन में ,
या कोई मजनूं दीवाना जलता विरह अगन में ;
प्यास लिए मरुस्थल सी एक जोगी बंजारा ,
सुनाता फिरता होगा -किस्सा कोई इश्क रूहानी !
कौन है जिसने रेत सिन्धु मथने की ठानी?
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बड़े जतन से भरी हुई थी
छलक पड़ी सुख गगरी।
कदम-कदम पे विपदा घेरे
राह है काँटों भरी।
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टिब्बे भी तो ...
कालखंड की असीम सागर-लहरें
संग गुजरते पलों के हवा के झोंके,
भला इनसे कब तक हैं बच पाते
पनपे रेत पर पदचिन्ह बहुतेरे।
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विपत्ति जब आती है,तो मनुष्य को चहुँओर से घेर लेती है।
तनिक सोचें जरा उस माँ पर क्या गुजरी होगी,
जिसने चलती ट्रेन में रेलवे स्टेशन जबलपुर से
पहले बच्ची को जन्म दिया।
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इफ्तारी में जाकर तुमने चाँद बदल लिया।
बिछड़ गए तुमसे तो क्या, फिर भी हम तुम्हारे रहेंगे,
तमाशा देखने वालों की नज़र में सिर्फ एक नज़ारे रहेंगे,
किसी और की इफ्तारी में जाकर तुमने अपना चाँद बदल लिया,
ईद पर मिलना हमसे, तुम्हारे ही चाँद के बगल में एक सितारे रहेंगे।
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"ईद मुबारक"
आप सब दुआ करें कि दादी और हामिद की खुशियाँ बनी रहें,
दुनिया में मेले फिर सज जाएंगे - बस दादी, हामिद और
बिजली के लट्टूओं की तरह से सुंदर कतार में सजदे में झुकने वाले सर बचे रहें,
सुरक्षित रहें और आबाद रहें, खुशियों से दामन भरा रहें सबकाl
सबको मीठी ईद की मुबारकबाद
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‘ईद मुबारक’ कह कर हरेक से दुआएं बटोरना !
गाढ़े दूध से सेवइयां बनाकर मेवों से सजाना
मीठी हो सबकी ईद यह अल्लाह से मनाना !
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शब्द-सृजन-23 का विषय है-
मानवता /इंसानियत
आप इस विषय पर अपनी रचना (किसी भी विधा में)
आगामी शनिवार (सायं 5 बजे) तक
चर्चा-मंच के ब्लॉगर संपर्क फ़ॉर्म (Contact Form ) के ज़रिये
हमें भेज सकते हैं।
चयनित रचनाएँ आगामी रविवासरीय चर्चा-अंक में
प्रकाशित की जाएँगीं।
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आज का सफर यही तक, अब आज्ञा दें
आप सभी को " ईद मुबारक "
कामिनी सिन्हा
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सारगर्भित संक्षिप्त भूमिका के साथ बेहतरीन रचनाओं का संकलन।
जवाब देंहटाएंईद की ख़ुशियों/ विवशताओं से रूबरू कराती रसमय प्रस्तुति।
सभी चयनित रचनाकारों को बधाई एवं शुभकामनाएँ।
सहृदय धन्यवाद सर,सादर नमस्कार
हटाएं'हाथ मिलाओगे तो संक्रमित हो जाओगे, गले लगे तो पॉजिटिव हो जाओगे' के ऐसे माहौल के बीच आए ईद के त्योहार पर न कोई जश्न और न कोई जोश-खरोश दिखा। तमाम बन्दिशों के बीच साल भर के इस महत्वपूर्ण धार्मिक पर्व को मुस्लिम समुदाय ने अत्यंत सादगी से मनाते हुए इस बार के पर्व को *सूखी ईद* की संज्ञा दी।
जवाब देंहटाएंसुंदर भूमिका और सार्थक चर्चा के मध्य प्रतिष्ठित मंच पर मेरे लेख " कोरोना काल की त्रासदी " को स्थान देने के लिए आपका हृदय से आभार। प्रणाम।
सहृदय धन्यवाद शशि जी,सादर नमस्कार
हटाएंसार्थक सन्देश के साथ उपयोगी चर्चा प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंआपकी नियमितता कौर श्रम सराह नीय है कामिनी सिन्हा जी।
धन्यवाद और आभार। ।
सहृदय धन्यवाद सर, आपका आशीष बना रहें ,सादर नमस्कार
हटाएंईद पर सुंदर रचनाओं से सजा चर्चा मंच ! आभार मेरी भी रचना को सम्मिलित करने के लिए !
जवाब देंहटाएंसहृदय धन्यवाद अनीता जी, सादर नमस्कार
हटाएंबेहतरीन रचनाओं के संकलन में मेहनत साफ़ झलक रही है ! साधुवाद
जवाब देंहटाएंसहृदय धन्यवाद सर,सादर नमस्कार
हटाएंबहुत सुंदर चर्चा प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंसहृदय धन्यवाद भारती जी, सादर नमस्कार
हटाएंआस की जोत जगाती भूमिका के आलोक में झिलमिल रचनाओं से सजी प्रस्तुति! बधाई और आभार!!!
जवाब देंहटाएंसहृदय धन्यवाद विश्वमोहन जी, सादर नमस्कार
हटाएंबेहतरीन और लाजवाब रचनाओं से सजी सुन्दर सुगढ़ प्रस्तुति । सभी चयनित रचनाकारों को बहुत बहुत बधाई । मेरी रचना को चर्चा में शामिल करने के लिए हार्दिक आभार कामिनी जी ।
जवाब देंहटाएंसहृदय धन्यवाद मीना जी, सादर नमस्कार
हटाएंबहुत सुंदर संकलन, बेहतरीन रचनाएं, मेरी रचना को स्थान देने के लिए आपका हार्दिक आभार सखी।
जवाब देंहटाएंसहृदय धन्यवाद अनुराधा जी, सादर नमस्कार
हटाएंबहुत अच्छी संकलित प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंसहृदय धन्यवाद कविता जी, सादर नमस्कार
हटाएंसुंदर चर्चा
जवाब देंहटाएंसहृदय धन्यवाद सर,सादर नमस्कार
हटाएंसुन्दर चर्चा सूत्र ... अच्छा संकलन ...
जवाब देंहटाएंआभार मेरी रचना को जगह देने के लिए ...
सुंदर चर्चा सखी। ईद बिना शोर शराबा किये गुजर गई पर ऐसा जरूर होगा कि जब पुराने दिन लौटेंगे । बढिया भूमिका के साथ बेहतरीन प्रस्तुति। मेरी रचना को पाठकों तक पहुंचाने लिए हार्दिक आभार प्रिय कामिनी;🙏🙏🌹🌹
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर प्रस्तुति आदरणीय कामिनी दीदी.
जवाब देंहटाएंसादर