आज की चर्चा में आपका हार्दिक स्वागत है
एक समय था, जब कभी किसी चीज के भाव बढ़ते थे, तो विपक्ष खूब हो-हल्ला करता था, मीडिया भी उनको बढ़-चढ़कर दिखाता था, लेकिन इन दिनों पैट्रोल, डीजल, गैस आदि के भाव जिस गति से बढ़ रहे हैं, वैसी गति से कभी नहीं बढे, लेकिन इतनी चुप्पी भी कभी नहीं रही| मीडिया की समझ आती है, लेकिन विपक्षी पार्टियों को क्या हुआ है? क्या उन्हें छाती पीटनी, धरने देना भी नहीं आता ? गरीबों को लुभाने के लिए सरकार विभिन्न प्रकार के प्रलोभन दे रही है| अमीर एक हाथ से दे रहे हैं, तो दूसरी तरफ़ सरकार ही उनकी कमाई के रास्ते तैयार कर रही है| पिसते मध्यमवर्ग की सुनने वाला कौन है? महँगाई रोज बढ़ रही है और कर्मचरियों के महँगाई भत्ते पर रोक है|
चलते हैं चर्चा की ओर
दिलबागसिंह विर्क
बढ़िया संयोजन
जवाब देंहटाएंबढ़िया चर्चा
साधुवाद.🙏
श्रमसाध्य कार्य हेतु साधुवाद
जवाब देंहटाएंअसीम शुभकामनाओं के संग हार्दिक आभार आपका
हार्दिक आभार आपका |बहुत अच्छे लिंक्स
जवाब देंहटाएंकर्तव्यबोध कराती सार्थक चर्चा।
जवाब देंहटाएं--
आपका आभार आदरणीय दिलबाग सिंह विर्क जी।
अति सुन्दर संकलन के लिए हार्दिक बधाई ।
जवाब देंहटाएंसुंदर रचना संकलन
जवाब देंहटाएंबढ़िया संयोजन
जवाब देंहटाएंअसीम शुभकामनाओं संग हार्दिक आभार आपका