सादर अभिवादन
आज की प्रस्तुति में आप सभी का हार्दिक स्वागत है
(शीर्षक आदरणीय शास्त्री सर जी की रचना से )
मौसम में बदलाव हो रहा है
परमात्मा से प्रार्थना है देश और दुनिया के हालत में भी परिवर्तन हो जाए
इसी प्रार्थना के साथ चलते हैं आज की कुछ खास रचनाओं की ओर.....
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सेमल के इस महावृक्ष का,
पतझड़ में गदराया तन है।
पत्ते सारे सिमट गये हैं,
शाखाओं पर लदे सुमन हैं।।
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वही जो समझना मुश्किल, समझना चाहता है मन
घनी बस्ती में होकर के, निकलना चाहता है मन
दिशाएँ देखकर अवरुद्ध, कहीं से रास्ता निकले
यही एक बात है जो सोचना, अब चाहता है मन
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सोये हैं अभी पात वृक्ष के
स्थिर जैसे हों चित्रलिखित से
किन्तु झर रही मदिर सुवास
छन-छन आती है खिड़की से
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प्रेम-पत्र लिखे जाते थे ।
मन की बात जो
अधरों तक ना आ पाती
उसे शब्दों में पिरोए जाते थे।
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मेजर सोमनाथ शर्मा (जन्म: 31 जनवरी, 1923 - मृत्यु: 3 नवम्बर 1947)
भारतीय सेना की कुमाऊँ रेजिमेंट की चौथी बटालियन की डेल्टा कंपनी
के कंपनी-कमांडर थे जिन्होंने अक्टूबर-नवम्बर,
1947 के भारत-पाक संघर्ष में अपनी वीरता से शत्रु के छक्के छुड़ा दिये।
उन्हें भारत सरकार ने मरणोपरान्त परमवीर चक्र से सम्मानित किया।
परमवीर चक्र पाने वाले ये प्रथम व्यक्ति हैं।
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आज का सफर यही तक,अब आज्ञा दे
आप सभी स्वस्थ रहें,सुरक्षित रहें
कामिनी सिन्हा
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सुंदर प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंसुप्रभात!
जवाब देंहटाएंरोचक रचनाओं से सज्जित चर्चा अंक प्रस्तुत करने के लिए
आपको हृदय तल से बधाई प्रिय कामिनी जी, मेरी रचना को शामिल करने के लिए आपका हृदय से अभिनंदन और वंदन..
आज के चर्चा के सुन्दर अंक के लिए-
जवाब देंहटाएंआपका आभार आदरणीया कामिनी सिन्हा जी।
प्रिय कामिनी सिन्हा जी,
जवाब देंहटाएंहमेशा की तरह चर्चा का यह अंक भी बेमिसाल है। बधाई !!!!!
आपने मेरी पोस्ट को चर्चा में शामिल किया, यह मेरे लिए प्रसन्नता का विषय है। बहुत-बहुत आभार आपके प्रति 🙏
शुभकामनाओं सहित,
डॉ. वर्षा सिंह
बेहतरीन चर्चा प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर प्रस्तुति, मेरी रचना को स्थान देने के लिए आपका हार्दिक आभार कामिनी जी।
जवाब देंहटाएंवाह ! बहुत ही सुन्दर सार्थक सूत्रों का बेहतरीन संकलन आज का चर्चा मंच ! मेरे आलेख को आज की चर्चा में सम्मिलित करने के लिए आपका हृदय से बहुत बहुत धन्यवाद एवं आभार कामिनी जी ! सप्रेम वन्दे !
जवाब देंहटाएंमेजर सोमनाथ शर्मा जी की पुण्य स्मृति कोको सादर नमन!! बहुत भावपूर्ण प्रस्तुति प्रिय कामिनी। सभी रचनाकारों को हार्दिक शुभकामनाएं 🙏🙏
जवाब देंहटाएंरोचक एवं विविधतापूर्ण रचनाओं के सुन्दर संकलन संयोजन।
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी चर्चा प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंआपने मेजर सोमनाथ शर्मा को याद किया. बहुत अच्छा लगा. धन्यवाद, कामिनी जी.
जवाब देंहटाएंकाश कि हमारी पाठ्य पुस्तकों में वीर शहीदों की कहानियां भी होतीं. बच्चे कैसे समझेंगे ?
बहुत ही सुंदर प्रस्तुति आदरणीय कामिनी दी।
जवाब देंहटाएंबधाई एवं शुभकामनाएँ।
सादर
बसंत के रंगों में सरोबार चर्चा मंच अपनी सुंदरता बिखेरता हुआ, मेरी रचना को स्थान देने हेतु असंख्य आभार आदरणीया कामिनी जी - - नमन सह।
जवाब देंहटाएंआप सभी को हृदयतल से शुक्रिया एवं सादर अभिवादन
जवाब देंहटाएंदेर से आने के लिए खेद है कामिनी जी, अति सुंदर चर्चा, आभार !
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