रविवार की चर्चा में आपका स्वागत है।
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मित्रों! आज से पश्चिम का
प्रणय सप्ताह शुरू हो रहा है।
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"पश्चिम की है सभ्यता, थोड़े दिन का प्यार"
शुरू हो रहा आज से, विश्व प्रणय सप्ताह।
लेकिन मौसम कर रहा, सब अरमान तबाह।।
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बारिश-कुहरे से घिरा, पूरा उत्तर देश।
नहीं बना मधुमास में, बासन्ती परिवेश।।
-0-मेरा दिल उसके दिल के दरवाज़े पर
जैसे धरती के आगे फैला सागर
तितली, फूल, हवा, पानी के रिश्ते में
साझा ख़ुशबू, साझा हैं ढाई आखर
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अनीता सैनी, गूँगी गुड़िया
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जब हम तुमसे ना मिले थे ,
कब मन के बसंत खिले थे ?
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चाँद ना था चमकीला इतना ?
कब महके मन के वीराने थे ?
पल प्रतीक्षा के भी साथी --
कहाँ इतने सुहाने थे ?
रुके थे निर्झर पलकों में -
ना मधुर अश्कों में ढले थे -
जब हम तुमसे न मिले थे !!
रेणु, क्षितिज
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उर्मिला सिंह, सागर लहरें
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मस्तिष्क और हृदय के बीच निरंतर
एक बढ़ता निरंतर शांति पथ पर
किन्तु एक पुनः किसी
सधु चन्द्र, नया सवेरा
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- कहानी संग्रह पंखुड़ियाँ
- (24 लेखक एवं 24 कहानियाँ )
- की सूचना साझा करते हुए बहुत ख़ुशी का अनुभव हो रहा है कि इस संकलन में मेरी कहानी "अभावों के स्वभाव" सम्मिलित है।देशभर के अलग-अलग राज्यों से प्राची डिजिटल पब्लिकेशन की इस पहल ने लेखकों को एक प्रतिष्ठित मंच प्रदान किया कहानी संग्रह का आयोजन करते हुए।पंखुड़ियाँ कहानी संग्रह अब राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय ई-स्टोर्स पर 24 जनवरी 2018 से उपलब्ध है।
Ravindra Singh Yadav, हिन्दी-आभा*भारत
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इन आँखों के समन्दर में उतर जाने की हसरत है
नहीं कहता तू मुझको अपनी हसरत बना के जी
मुझे तो तेरी दीवानगी में मर जाने की हसरत है।
Satish Rohatgi, स्वरांजलि
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छायावाद
यशवन्त माथुर (Yashwant Raj Bali Mathur),
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देश के चर्चित टीवी चैनल 'आजतक' के साहित्यिक कार्यक्रम BookCafe 'साहित्य तक' में 'आजतक' के साहित्यमर्मज्ञ, समीक्षक जयप्रकाश पाण्डेय जी ने बहुचर्चित पांच क़िताबों में मेरे उपन्यास 'शिखण्डी' पर भी विस्तृत चर्चा की है...
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संगीता पुरी, Gatyatmak Jyotish
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पर .. कहीं
कर ना देना
मौसम के
बीतते ही ,
बीतते ही
किसी चुनाव के
लावारिस-से
पोस्टरों के
पीले पड़े
क्षत-विक्षत
हो जाने जैसा ...
Subodh Sinha, बंजारा बस्ती के बाशिंदे
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विकास नैनवाल 'अंजान', एक बुक जर्नल
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वो ख़ानाबदोश
है कई जन्मों से,
उसे क़ैद
करना
नहीं
आसां, पिंजरे में बंद करते ही
उसका,
है कई जन्मों से,
उसे क़ैद
करना
नहीं
आसां, पिंजरे में बंद करते ही
उसका,
शांतनु सान्याल, अग्निशिखा :
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पुरुषोत्तम कुमार सिन्हा, कविता "जीवन कलश"
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कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री ग्रामीण विकास मंत्री पंचायती राज मंत्री; और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह तोमर का राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर पेश धन्यवाद प्रस्ताव पर पढ़े पूरा भाषण।
शिवम् कुमार पाण्डेय, राष्ट्रचिंतक
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बाँट रहा है गन्ध को, सबको हर सिंगार।।
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केसरिया टीका लगा, हँसता हरसिंगार।
अमल-धवल ये सुमन है, कुदरत का उपहार।।
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नतमस्तक होकर सदा, करता है मनुहार।
धरती पर बिखरा हुआ, लुटा रहा है प्यार।।
उच्चारण --
आज के लिए बस इतना ही।
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आदरणीय डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'जी,
जवाब देंहटाएंआभारी हूं कि आपने मेरी पोस्ट को चर्चा मंच में शामिल किया है।
आपको हार्दिक धन्यवाद 🌹🙏🌹
- डॉ शरद सिंह
बहुत महत्वपूर्ण एवं सार्थक सामग्रियों से परिपूर्ण लिंक्स के लिए आपको साधुवाद 🙏
जवाब देंहटाएंआदरणीय शास्त्री जी,
जवाब देंहटाएंबहुत श्रमपूर्वक संजोए हैं आपने बेहतरीन लिंक्स... साधुवाद 🙏
मेरी पोस्ट को शामिल करने हेतु हार्दिक आभार 🙏
सादर,
डॉ. वर्षा सिंह
बहुत बढ़िया👌
जवाब देंहटाएंमेरे ब्लॉग को चर्चामंच पर स्थान देने लिए आपका हृदय तल से धन्यवाद एवं आभार आदरणीय शास्त्री जी।
बेहतरीन रचनाओं का संकलन,श्रमसाध्य प्रस्तुति,सादर नमन सर
जवाब देंहटाएंसभी रचनाकारों को हार्दिक शुभकामनाएं
उम्मदा संकलन ,मेरी रचना को चर्चा मंच में शामिल करने कलिये बहुत बहुत धन्यवाद ।
जवाब देंहटाएंसादर धन्यवाद सर!
जवाब देंहटाएंएक से बढ़कर एक रचनाएँ।
जवाब देंहटाएंमुझे इन विद्वजनों के बीच स्थान देने के लिए आपका आभार
सुन्दर प्रस्तावना व संकलन के साथ चर्चा मंच हमेशा की भाँति मुग्ध करता हुआ, मेरी रचना को शामिल करने हेतु असंख्य आभार आदरणीय शास्त्री जी - - नमन सह।
जवाब देंहटाएंअत्यंत मनमोहक रचनाओं के साथ सजी चर्चा। प्रणय की गाथाओं में मेरी रचना को शामिल करने के लिए हार्दिक आभार आपका। । आज के सभी रचनाकारों को हार्दिक शुभकामनाएं। सादर 🙏🙏
जवाब देंहटाएंलेकिन ज्योतिष लेख को इस मंच पर पाकर आश्चर्य हुआ 🙏🙏
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