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शुक्रवार, फ़रवरी 04, 2022

'कह दो कि इन्द्रियों पर वश नहीं चलता'(चर्चा अंक 4331)

सादर अभिवादन ! 

शुक्रवार की प्रस्तुति में आपका स्वागत है ।


 आज की चर्चा का शीर्षक व काव्यांश आ. अमृता तन्मय जी

की रचना - कल्पवासी बसंत........ से है -


हमारी निजन निजता से नि:सृत

प्रीछित प्रीत की गाथाएँ हैं विस्तृत

उसे अब अनकहा ही मत रहने दो

यदि तुम कहो तो वो हो जाए अमृत

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आइए अब पढ़ते हैं आज की पसंदीदा रचनाएँ-


ज्यादातर तो कट गयी, थोड़ी है अवशेष" (डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')

जीवन में से घट रहा, एक सुहाना साल।

क्या खोया क्या पा लिया, करता हूँ पड़ताल।।


मना रहा है जन्मदिन, मेरा कुल परिवार।

सब अपने ही ढंग से, लायेंगे उपहार।।


जीवन-साथी चल रहा, थाम हाथ में हाथ।

चार दशक से अधिक से, हम दोनों हैं साथ।।

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कल्पवासी बसंत........

कह दो हर क्षण बिना रंग का खेले होली 

क्ह दो बिना भांग के ही बहकती है बोली 

जो कहा न जाए वो सब भी कहलवाना

कहो कि कैसी होती है प्रीत की ठिठोली

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यादों का प्याला ...

नन्ही नन्ही बुंदियन की माला 

नयनन की छलकी तब हाला !


धीर धरें कैसे साजन सजनी 

प्रणय की पायल है बजनी !


कलियाँ कोमल खिलने आईं

मधुर मिलन की ऋतु गहराई !

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हाइकु

भैया ने कहा तू एकदम माँ सी लगती है..

9 जून 1982 से 9 जून 2022 शादी के चालीस साल पूरे होंगे


रूबी जयंती–

शीशे की छवि देख

माँ का स्मरण

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इसाक अश्क़ के दो नवगीत प्रस्तुति : वागर्थ

जिंदगी

अपनी कटी 

अक्सर तनावों में ।

एक प्रतिभा की 

वजह 

सारा शहर नाराज

हर  समय 

हम से रहा -

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बालगीत - पानी देखो नहीं गिराना

पानी देखो नहीं गिराना


बूंद बूंद से जल की धारा

सिंचित होता खेत हमारा

खेतों में अनाज लहराना ।

पानी देखो नहीं गिराना ।।

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उठो पंख फैलाओ  -अशर्फी लाल मिश्र

करिये जग में ऐसा काम,

हो होंठो  पर  तेरा  नाम।

मातृ भूमि का सिर ऊंचा,

करिये जग में ऐसा काम।।

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हवा आज कुछ ठीक होगी तो जाने

हवा आज कुछ ठीक होगी तो जाने,

बहुत बदले हैं हमने अपने ठिकाने ।


यूँ ख़्वाबों की अपने तो परवाज होगी,

लगे थे जो सदमात उनको भुलाने ।


सदाकत भी भूले रफ़ाक़त भी भूले,

सभी भूलें हैं हम पुराने जमाने ।

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क्रिकेट के मैदान के बाद...

क्रिकेट के मैदान में अपने जलवे दिखाने के बाद अब एम एस धोनी एक नए रूप में अपने प्रशंसकों को नजर आने वाले हैं। वह अब एक हीरो के रूप में युद्ध करते नजर आएंगे। जी हाँ, हाल ही में एम एस धोनी ने अपने फेसबुक पेज पर एक मोशन पोस्टर रिलीज किया गया है जिसमें वह अथर्व के रूप में दुश्मनों से लोहा लेते दिखाई दे रहे हैं।

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चलते-चलते एक समसामयिक प्रतीकात्मक लघुकथा 

मेरी कलम से -

लेखा

"पूछा कब था? पिछले एक वर्ष से देख रही हूँ तुम्हें ; क्या चल रहा है ये,और ये अट्ठाईस दिन पहले आने वाला क्या झंझट है!"

प्रगति अपनी मोटी-मोटी आँखों से लेखा को घूरती है।

"क्या करता मैं! ऊपर से ऑडर था; और फिर खानापूर्ति करके सब को बहलाना ही तो था।”

अपनी सफ़ाई की चाबी छल्ले में टाँगते हुए लेखा कहता है।

---


आज का सफ़र यहीं तक 

@अनीता सैनी 'दीप्ति'

15 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत सुंदर चर्चा प्रस्तुति|
    मेरे जन्मदिन की पोस्ट को सम्मिलित करने के लिए आपका आभार अनीता सैनी 'दीप्ति' जी||

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. जन्मदिवस की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ सर।
      सादर

      हटाएं
    2. जन्मदिवस की हार्दिक हार्दिक हार्दिक शुभकामनाएं और ढेर सारी बधाइयाँ सर! 💐💐💐💐🙏
      हमेशा स्वस्थ रहें और आपके चेहरे पर हमेशा मुस्कान बनी रहे!

      हटाएं
  2. आदरणीय डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'जी को जन्मदिन की हार्दिक बधाई

    हार्दिक आभार आपका

    श्रमसाध्य प्रस्तुति हेतु साधुवाद

    जवाब देंहटाएं
  3. सराहनीय संकलन। मेरे टूटे फूटे शब्दों के गठजोड़ से बनी कविता को सम्मिलित करने के लिए अनीता जी का बहुत बहुत आभार ।

    जवाब देंहटाएं
  4. सुप्रभात !
    विविधतापूर्ण रचनाओं का बहुत सुंदर सराहनीय अंक । मेरे बालगीत को शामिल करने के लिए बहुत बहुत आभार अनीता जी । सभी को मेरी हार्दिक शुभकामनाएं 💐💐👏👏

    जवाब देंहटाएं
  5. आदरणीय को जन्मदिन की बधाइयाँ बहुत प्यारा अंक सभी को बहुत बधाइयाँ

    जवाब देंहटाएं
  6. आदरणीय शास्त्री जी को जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई 💐💐👏👏

    जवाब देंहटाएं
  7. उम्दा चर्चा। आदरणीय शास्त्री जी को जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं...

    जवाब देंहटाएं

  8. जीवन में से घट रहा, एक सुहाना साल।
    क्या खोया क्या पा लिया, करता हूँ पड़ताल।।

    जन्मदिवस की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ आदरणीय शास्त्री जी। उपहार तो हमें दिया आपने इस सुंदर रचना के रूप में जिसकी एक एक पंक्ति गहन अर्थ को समेटे हुए है। सादर प्रणाम।
    चर्चामंच का हमेशा की तरह एक और बेहतरीन अंक देने के लिए सादर आभार !

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  9. सुन्दर काव्य मनोहर काव्य शब्द चयन अप्रतिम

    यादों से भर रहा है प्याला
    नैन बने प्रिय की मधुशाला !

    veerubhai1947.blogspot.com/kabirakhadabazarmein.blogspot.com

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  10. उम्दा संकलन ! शास्त्री जी को हार्दिक शुभकामनाएं !

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  11. बहुत ही सुंदर संकलन, सभी रचनाकारों को बहुत-बहुत बधाई

    जवाब देंहटाएं
  12. बसंती सुगंध को बिखेरती हुई अति सुन्दर चर्चा के लिए हार्दिक बधाई एवं आभार भी। यूँ ही ये मंच दिग्दिगंत तक महके और आप सभी चर्चाकार भी।

    जवाब देंहटाएं
  13. सुंदर एवं उत्तम चयन ।
    मेरी ग़ज़ल को शामिल करने के लिए बहुत वहुत धन्यवाद ।

    जवाब देंहटाएं

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