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मंगलवार, फ़रवरी 15, 2022

पाश्चात्य प्रेमदिवस का रंग" (चर्चा अंक4342)

सादर अभिवादन

आज की प्रस्तुति में आप सभी का हार्दिक स्वागत है

(शीर्षक आदरणीय शास्त्री सर जी की रचना से)

पाश्चात्य प्रेम का रंग तो बस सात दिनों का होता है जो अब उतर गया

मैं कामना करती हूं कि हम सभी के जीवन से प्रेम रंग कभी ना उतरे

इसी प्रार्थना के साथ चलते हैं, आज की कुछ खास रचनाओं की ओर....

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दोहे "पाश्चात्य प्रेमदिवस का रंग" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')

नादानी और भूल सेकभी न करना प्यार।
बुरे-भले को सोचकरकरना तुम इकरार।

प्रेम दिवस पर लीजिएव्रत जीवन में धार।
पल-पल प्रतिदिन कीजिएसच्चा-सच्चा प्यार।‍‍‍५।

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 वैलेंटाइन्स डे


अगर प्यार को स्थाई रुप से अपनी जिंदगी में चाहते है तो उसे खुद में ढूंढिये। जिस तरह ईश्वर के लिये कबीर कहते है ..."मोको कहाँ ढूंढ़े रे बंदे, मैं तो तेरे पास रे" । जिस तरह ईश्वर आपको सिर्फ मंदिर की मूर्ति में नहीं मिलने वाला ...वो मूर्ति आपकी आस्था हो सकती है। ईश्वर से साक्षात्कार तभी महसूस कर पायेंगे जब आप उनकी स्थापना ह्रदय में करेंगे ।

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प्रेम पंख देता है मन को


प्रेम पंख देता है मन को
उड़ने का सम्बल भर देता,
पल में पथ के कंट जाल हर
फूलों कलियों से भर देता !

हृदय गुफा का द्वार खोलता
अमृत घट बना मधु बरसाए,
सहज जगाता दिव्य चेतना

‘कोई है’ जो नजर न आये !



एक लोकभाषा गीत-प्रेम क रंग निराला हउवै

सबसे बड़का प्रेम देश की

सीमा पर कुर्बानी हउवै

प्रेम क सबसे बड़ा समुंदर

वृन्दावन कै पानी हउवै

प्रेम भक्ति कै चरम बिंदु हौ

तुलसी कै चौपाई हउवै

सूरदास,हरिदास,सुदामा

ई तौ मीराबाई हउवै

प्रेम क मन हौ गंगा जइसन

प्रेम क देह शिवाला हउवै


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रामजी बैठे सिंहासन (सोहर)

आवत लख लख भीर, राम नाहीं लौकइं हो -२
सखी अगवा से सब हटि जाव, ललन मुख देखहुं हो
चौदह बरस कइसे बीते, तुमहिं का बताववं हो -२
सखी दिन तो कटे कटि जाय, रैन लागे बैरन हो

आजु नगर मोरा बिहंसय, भवन मोरा हुलसय हो

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एक अटूट बंधन Happy Valentine's Day
एक अटूट बंधन जो जुड़ा तुझसे
बांधे धरा है मेरे बक्से में
तेरी चादर मेरी चुनर तले
पान-कसैली-सिक्के सहित
अभी भी सुरक्षित है वैसे हीं
जो याद दिलाती है
मिलन के मधुर पलों को।।

*****
वेलेंटाइन डे, से इतर भी बहुत सी समस्याएं हैं समाज में
उन पर भी गौर करें

जाड़े की रातें, किस्मत की बातें

जाड़ों की सर्द रातें 

कॉफी के मग 

फायर प्लेस की लपटें 

महंगे कंबलों की गर्माइश 

कल के भविष्य की चिंता में 

नींद की तरसती आँखों 

का ख्वाब 

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युवा वर्ग अपनी जिम्मेदारी को पहचाने
जिस तरह से कर्नाटक में ही हिजाब पहनकर कक्षाओं में प्रवेश ना देने की वजह से देश के विभिन्न हिस्सों में विवाद उपज रहा है। यह छात्राओं संकीर्ण सोच को दर्शा रहा है विद्यालय एक ऐसा स्थान जहां सभी को एक समान माना जाता है ना कोई हिंदू होता ना कोई मुस्लिम सभी सभी का एकमात्र धर्म होता है और वह होता है शिष्य धर्म।इसलिए सभी विद्यार्थियों को धर्म धर्म ,जाति से ऊपर छात्र धर्म को रखने की जरूरत है। जैसे डॉक्टर की नजर में एक मरीज का कोई धर्म जाति नहीं होता सिर्फ और सिर्फ मरीज होता है और मरीज की जान बचाना डॉक्टर का कर्तव्य होता है, *****
..तो मुझे भी जैनी शैली में स्कूल जाने की इजाजत दे!!!
क्या हमारे देश में समस्याओं की कमी है जो एक कॉलेज की कुछ छात्राओं की (उचीत या अनुचित जैसी भी हो) मांग को इतना तूल देकर उसे राष्ट्रीय समस्या बनाया जा रहा है। आज ही मेरी कामवाली बोल रही थी कि अब महंगाई बढ़ने से घरखर्च चलाना बहुत ही कठीन हो रहा है। सिलेंडर के दाम अब एक हजार रुपए के करीब हो गए है। वो घर घर मे झाड़ू पोंछा करके और कपड़े धोकर पांच हजार रुपये महीना कमाती है।******
आज का सफर यही तक, अब आज्ञा देआप का दिन मंगलमय होकामिनी सिन्हा




9 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत सुंदर और उपयोगी चर्चा प्रस्तुति!
    आपका आभार कामिनी सिन्हा जी!

    जवाब देंहटाएं
  2. सुप्रभात💐
    बेहतरीन प्रस्तुति
    मेले लेख को चर्चा मंच में जगह देने के लिए आपका तहेदिल बहुत बहुत धन्यवाद प्रिय मैम🙏

    जवाब देंहटाएं
  3. सुप्रभात !
    बहुत सुंदर, सराहनीय अंक ।
    मेरी रचना को स्थान देने के लिए आपका बहुत बहुत आभार प्रिय कामिनी जी ।

    जवाब देंहटाएं
  4. सुप्रभात! सभी रचनाकारों को बधाई और शुभकामनाएँ, प्रेम की लहर में डुबोती सुंदर रचनाओं के लिंक्स से सजी सुंदर चर्चा, आभार कामिनी जी!

    जवाब देंहटाएं
  5. उम्दा चर्चा। मेरी रचना को चर्चा मंच में शामिल करने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद, कामीनी दी।

    जवाब देंहटाएं
  6. बहुत ही सुंदर सराहनीय संकलन।
    सादर

    जवाब देंहटाएं
  7. बहुत बेहतरीन संकलन,सभी को मेरा प्रणाम,मेरी रचना को चर्चा मंच में स्थान देने पर तहेदिल से शुक्रिया ।

    जवाब देंहटाएं
  8. आपका हार्दिक आभार।व्यस्तता वश विलम्ब से देख पाया ।आपको सादर प्रणाम

    जवाब देंहटाएं

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