सादर अभिवादन
आज की प्रस्तुति में आप सभी का हार्दिक स्वागत है
(शीर्षक आदरणीय शास्त्री सर जी की रचना से)
पाश्चात्य प्रेम का रंग तो बस सात दिनों का होता है जो अब उतर गया
मैं कामना करती हूं कि हम सभी के जीवन से प्रेम रंग कभी ना उतरे
इसी प्रार्थना के साथ चलते हैं, आज की कुछ खास रचनाओं की ओर....
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दोहे "पाश्चात्य प्रेमदिवस का रंग" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
अगर प्यार को स्थाई रुप से अपनी जिंदगी में चाहते है तो उसे खुद में ढूंढिये। जिस तरह ईश्वर के लिये कबीर कहते है ..."मोको कहाँ ढूंढ़े रे बंदे, मैं तो तेरे पास रे" । जिस तरह ईश्वर आपको सिर्फ मंदिर की मूर्ति में नहीं मिलने वाला ...वो मूर्ति आपकी आस्था हो सकती है। ईश्वर से साक्षात्कार तभी महसूस कर पायेंगे जब आप उनकी स्थापना ह्रदय में करेंगे ।
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सबसे बड़का प्रेम देश की
सीमा पर कुर्बानी हउवै
प्रेम क सबसे बड़ा समुंदर
वृन्दावन कै पानी हउवै
प्रेम भक्ति कै चरम बिंदु हौ
तुलसी कै चौपाई हउवै
सूरदास,हरिदास,सुदामा
ई तौ मीराबाई हउवै
प्रेम क मन हौ गंगा जइसन
प्रेम क देह शिवाला हउवै
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एक अटूट बंधन Happy Valentine's Dayजाड़ों की सर्द रातें
कॉफी के मग
फायर प्लेस की लपटें
महंगे कंबलों की गर्माइश
कल के भविष्य की चिंता में
नींद की तरसती आँखों
का ख्वाब
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जिस तरह से कर्नाटक में ही हिजाब पहनकर कक्षाओं में प्रवेश ना देने की वजह से देश के विभिन्न हिस्सों में विवाद उपज रहा है। यह छात्राओं संकीर्ण सोच को दर्शा रहा है विद्यालय एक ऐसा स्थान जहां सभी को एक समान माना जाता है ना कोई हिंदू होता ना कोई मुस्लिम सभी सभी का एकमात्र धर्म होता है और वह होता है शिष्य धर्म।इसलिए सभी विद्यार्थियों को धर्म धर्म ,जाति से ऊपर छात्र धर्म को रखने की जरूरत है। जैसे डॉक्टर की नजर में एक मरीज का कोई धर्म जाति नहीं होता सिर्फ और सिर्फ मरीज होता है और मरीज की जान बचाना डॉक्टर का कर्तव्य होता है, *****
..तो मुझे भी जैनी शैली में स्कूल जाने की इजाजत दे!!!
क्या हमारे देश में समस्याओं की कमी है जो एक कॉलेज की कुछ छात्राओं की (उचीत या अनुचित जैसी भी हो) मांग को इतना तूल देकर उसे राष्ट्रीय समस्या बनाया जा रहा है। आज ही मेरी कामवाली बोल रही थी कि अब महंगाई बढ़ने से घरखर्च चलाना बहुत ही कठीन हो रहा है। सिलेंडर के दाम अब एक हजार रुपए के करीब हो गए है। वो घर घर मे झाड़ू पोंछा करके और कपड़े धोकर पांच हजार रुपये महीना कमाती है।******
आज का सफर यही तक, अब आज्ञा देआप का दिन मंगलमय होकामिनी सिन्हा
बहुत सुंदर और उपयोगी चर्चा प्रस्तुति!
जवाब देंहटाएंआपका आभार कामिनी सिन्हा जी!
सुप्रभात💐
जवाब देंहटाएंबेहतरीन प्रस्तुति
मेले लेख को चर्चा मंच में जगह देने के लिए आपका तहेदिल बहुत बहुत धन्यवाद प्रिय मैम🙏
सुप्रभात !
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर, सराहनीय अंक ।
मेरी रचना को स्थान देने के लिए आपका बहुत बहुत आभार प्रिय कामिनी जी ।
सुप्रभात! सभी रचनाकारों को बधाई और शुभकामनाएँ, प्रेम की लहर में डुबोती सुंदर रचनाओं के लिंक्स से सजी सुंदर चर्चा, आभार कामिनी जी!
जवाब देंहटाएंउम्दा चर्चा। मेरी रचना को चर्चा मंच में शामिल करने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद, कामीनी दी।
जवाब देंहटाएंबढ़िया संकलन
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुंदर सराहनीय संकलन।
जवाब देंहटाएंसादर
बहुत बेहतरीन संकलन,सभी को मेरा प्रणाम,मेरी रचना को चर्चा मंच में स्थान देने पर तहेदिल से शुक्रिया ।
जवाब देंहटाएंआपका हार्दिक आभार।व्यस्तता वश विलम्ब से देख पाया ।आपको सादर प्रणाम
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