सादर अभिवादन
रविवार की प्रस्तुति में आप सभी का हार्दिक स्वागत है
(शीर्षक आदरणीय शास्त्री सर जी की रचना से)
बसंत का आगमन हो चुका है कल बसंत पंचमी पर्व था, कुछ जगहों पर तो आज भी मनाईं जा रही है। बसंत पंचमी के दिन ही संगीत और वाणी की देवी सरस्वती देवी का अवतरण हुआ था
"सरस्वती" हमारी परम चेतना है। ये हमारी बुद्धि, प्रज्ञा तथा मनोवृत्तियों की संरक्षिका है। हममें जो आचार और मेधा है उसका आधार भगवती सरस्वती ही है। इनकी समृद्धि और स्वरूप का वैभव अद्भुत है। वास्तव में सरस्वती का विस्तार ही वसंत है....
आईए, अपने जीवन में बसंत का आवाहन करते हुए चलते हैं आज की कुछ खास रचनाओं की ओर...
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गीत "शारदे के द्वार से ज्ञान का प्रसाद लो" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
प्लीज़ !
और वो पीली वाली ड्रेस कहाँ रखी है ।
अब की बार भी पिछले साल की तरह ही
स्कूल में ऑनलाइन सेलेब्रेशन है।”
“मुझे भी ड्यूटी पर जल्दी पहुँचना है ।
तुम्हे जो भी चाहिए जल्दी करो ..,
चलो मेरे साथ-साथ बोलो -
या देवी सर्वभूतेषु विद्यारूपेण संस्थिता…..,
पारूल काम करते करते आहना
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फूल और कांटे एक साथ रहते
कभी साथ न छोड़ते
भ्रमर तितलियाँ गातीं गुनगुनातीं
पास आ मौसम का आनंद उठातीं |
जब भी पुष्पों पर आता संकट
कंटक उनकी करते रक्षा
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निकला नया सवेरा है (कविता) ---------आईं झुम के बसंत....ऋतुराज बसंत" का आगमन होने वाला है.... अब प्रकृति अपना श्रृंगार करेगी.....खेतों में पीली-पीली सरसों अपनी स्वर्णिम छटा बिखेरते हुए लहलहाने लगेगी....बाग-बगीचे रंग-बिरंगी फुलों से भर जाएंगे.... और तितलियाँ उन फुलों से रंगों को चुराने लगेगी....गेहूं की बालियां खिलने लगेगी....पेड़ों पर नई कोंपले आने लगेगी...-----------जीवन में बसंत का आगमन तभी हो सकता है जब हम तन और मन दोनों से स्वस्थ होंगेआदरणीय सतीश सर का जीवन स्वयं इस बात का जीता जागता उदाहरण है...67 वर्ष में मेरे कायाकल्प हेतु सफल जीवन मंत्र -सतीश सक्सेनाऔर सबसे कम प्राथमिकता भोजन को दें, दिन में लगभग 12 बजे सिर्फ उतना घर का बना साधारण भोजन खाएं जितना पूरे दिन में श्रम किया हो अगर दिन में कुछ काम न किया हो तो उस दिन भोजन का निर्ममता से त्याग करें ! केवल मेहनत कश लोगों के शरीर को शाम के भोजन की आवश्यकता होती है !---------आज का सफर यही तक, अब आज्ञा देंआप का दिन मंगलमय हो!
बहुत बेहतरीन चर्चा प्रस्तुति|
ReplyDeleteआपका आभार कामिनी सिन्हा जी!!
बहुत अच्छी सामयिक चर्चा प्रस्तुति
ReplyDeleteअति सुन्दर सूत्रों का चयन।श्रमसाध्य प्रस्तुति ।मेरे सृजन को शामिल करने के लिए बहुत बहुत आभार ।आपको और सभी रचनाकारों को हार्दिक शुभकामनाओं एवं बधाई सहित सादर
ReplyDeleteनमस्कार ।
सुप्रभात, सराहनीय और पठनीय रचनाओं के सूत्र देती सुंदर चर्चा, आभार!
ReplyDeleteइस चर्चा अंक में सुंदर रचनाओं को सम्मिलित करने के लिए हार्दिक साधुवाद! बहुत ही स्वस्थ साहित्यिक चर्चा सम्पन्न हुई। आगे भी ऐसे ही चर्चा अंक के आयोजन की अपेक्षा है। --ब्रजेंद्रनाथ
ReplyDeleteआप सभी को हृदयतल से धन्यवाद एवं सादर नमस्कार
ReplyDeleteविविधतापूर्ण रचनाओं का पठनीय संकलन । आपकी श्रमसाध्य प्रस्तुति को मेरा नमन और वंदन । मेरी रचना को शामिल करने के लिए आपका हार्दिक आभार । सादर शुभकामनाएं ।
ReplyDeleteआभार आपका पोस्ट पसंद करने और बेहतरीन लिंक से परिचय कराने के लिए !
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ReplyDeleteसुप्रभात
ReplyDeleteआभार सहित धन्यवाद मेरी रचना को इस अंक में स्थान देने के लिए |सभी रचनाकारों को बधाई |