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मंगलवार, फ़रवरी 08, 2022

"स्वर सम्राज्ञी कभी नहीं जायेंगी" (चर्चा अंक4335)

सादर अभिवादन

आज की प्रस्तुति में आप सभी का हार्दिक स्वागत है

(शीर्षक और भुमिका आदरणीया कुसुम जी की रचना से)

मधुर स्वरों की सम्राज्ञी वो 

कहां कभी जायेंगी कह दो

कंठ कंठ में ठहर गई है

श्वास-श्वास गायेगी कह दो।

*****

सही कहा आपने कुसुम जी

संगीत कभी नहीं मरता और ना ही संगीत के साधक

आदरणीया लता जी तो साक्षात सरस्वती स्वरुपा ही तो थी... तभी तो सरस्वती मां के विसर्जन के साथ ही गई

उनके साथ ही संगीत के एक स्वर्णिम युग का अंत भी हो गया

स्वर साम्राज्ञी को अश्रुपूरित नमन

********

दोहे "प्रणय सप्ताह-थोड़े दिन का प्यार" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')

बारिश-कुहरे से घिरा, पूरा उत्तर देश।
नहीं बना मधुमास में, बासन्ती परिवेश।।
--
नभ आँसू टपका रहा, सहमे रीति-रिवाज।
बहुत विलम्बित हो रहा, ऐसे में ऋतुराज।।
*********

 स्वर सम्राज्ञी कभी नहीं जाएंगी

कोकिला भी गर्वित होती

तुलना निज से जब सुनती थी

वागीश्वरी गले में रहती

नव स्वर बैठ सदा बुनती थी

वीणा के तारों में गूंथित

सदियों लहरायेगी कह दो।।

*********

आता विसाव्याचे क्षण : 

नमन स्वर कोकिला 

आज हम सबकी प्रिय गायिका सुर साम्राज्ञी लता मंगेशकर परमतत्त्व में विलीन हो गईं। लताजी के गाए हुए मेरे प्रिय गीतों में से एक, मराठी गीत का अपनी क्षमतानुसार हिंदी अनुवाद करने का मैंने प्रयत्न किया है। गीत के बोल और भावों के साथ संपूर्ण न्याय करते हुए लता दीदी ने इसे जब गाया तो अफवाह फैल गई कि इस गीत में लता दीदी ने अपने जीवन की संध्याकाल का और गायन कार्य से निवृत्ति लेने का संकेत दिया है। *******श्रद्धांजली - लता मंगेशकर
मौन हो गई
मधुरतम वाणी
रोया भारत ।

सब तुम्हें याद करेंगे   

जब भी बाग से गुजरेंगे

गीतों की एक एक लाइन से

 दूरी न सह पाएंगे प्यार से गुनगुनाएंगे |

तुम्हारा गीत संगीत और सुर तरंग  

मन में घर करते ऐसे कभी भुला न पाते

*******

भारत की आवाज़ आदरणीया लता मंगेशकर जी सदैव अमर रहेंगी,देश की शान और संगीत जगत की शिरमोर स्वर कोकिला भारत रत्न लता मंगेशकर जी का निधन बहुत ही दुखद है। पुण्यात्मा को मेरी भावभीनी श्रद्धांजलि। उनका जाना देश के लिए अपूरणीय क्षति है। वे सभी संगीत साधकों के लिए सदैव प्रेरणा थी।*******कलाकार को कलाकार ही रहने दें लता ने कई अस्पताल बनवाये, बड़े काम किये, संगीत को जो दिया वह कोई नही दे सकता और ये प्रमोद रंजन जैसे मूर्ख लोगों की बात को पढ़े लिखे उजबकों की तरह से लगे कॉपी पेस्ट करने, ससुरे किसी की मौत में भी जाति खोजकर सबको बेवकूफ बना रहे है, *******नमन
हे ! वाग्देवी की मानसपुत्री
वरदत्त थी वरदत्त रहोगी।
अमर काल की 
अमर यात्रा में,
अनन्त काल तक 
अमर रहोगी।
 श्रद्धाञ्जलि।
******
आज का सफर यही तक, अब आज्ञा दीजिए...!आप का दिन मंगलमय होकामिनी सिन्हा

13 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत उपयोगी लिंकों के साथ श्रम से की की गई चर्चा!
    आपका आभार कामिनी सिन्हा जी|

    जवाब देंहटाएं
  2. सुप्रभात
    आभार सहित धन्यवाद कामिनी जी मेरी रचना को इस अंक में स्थान देने के लिए |

    जवाब देंहटाएं
  3. बहुत ही सराहनीय प्रस्तुति, बहुत शुभकामनाएं कामिनी जी ।

    जवाब देंहटाएं
  4. लता जी एक आम इंसान की तरह मरणोपरांत हमसे दूर कहीं नहीं जा सकेंगी ! हर लम्हा हर पल वो हमारे पास हैं हमारे साथ हैं अपने गीतों के माध्यम से ! हमारे फोन में, टी वी पर, रेडियों में, कम्प्युटर में ! कोई भी उपकरण खोलिए लता जी की मधुर आवाज़ आपके पास होगी आपके साथ होगी ! अपनी वाणी के माध्यम से वो सदियों तक ज़िंदा रहेंगी और हम जब चाहेंगे उन्हें सुन सकेंगे ! महामानव धरती से जाने बाद भी किसी न किसी रूप में अपने चाहने वालों के साथ रहते हैं ! लता जी अपनी आवाज़ के माध्यम से हमारे साथ हैं और सदियों तक रहेंगी आने वाली पीढ़ियों के साथ भी ! उन्हें अश्रुपूरित विनम्र श्रद्धांजलि ! आज की चर्चा में मेरी रचना को स्थान देने के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद एवं आभार कामिनी जी ! सप्रेम वन्दे !

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. सही कहा आपने दीदी, लता जी अपनी आवाज के रूप में अमर रहेंगी।

      हटाएं
  5. बहुत ही सराहनीय अंक कामिनी जी।
    आ0 लता जी को श्रृद्धांजलि समर्पित करती शानदार कविताएं।
    सभी रचनाएं बहुत अच्छी, कामिनी जी का श्रम साकार होकर चर्चा में उतर आया, सभी रचनाकारों को हार्दिक बधाई।
    मेरी रचना को शामिल करने के लिए हृदय से आभार।
    सादर सस्नेह।

    जवाब देंहटाएं
  6. "स्वर सम्राज्ञी कभी नहीं जायेंगी"
    मेरे रचना की पंक्ति को शीर्षक में सजाकर आपने रचना और मुझे जो सम्मान दिया है उसके लिए मैं हृदय से आभारी रहूंगी। साथ ही आपका सुंदर व्यक्त्व्य कामिनी जी काबिले तारीफ़।
    बहुत सुंदर अंक।
    सस्नेह।

    जवाब देंहटाएं
  7. अश्रुपूरित श्रद्धांजलि ।
    लता दी हमारे भाव में जीवित रहेंगी।

    जवाब देंहटाएं
  8. प्रिय कामिनी, बहुत मेहनत,लगन और मन से बनाया हुआ अंक लताजी को भावभीनी श्रद्धांजलि दे रहा है। किसी ना किसी रूप में हम सबके भाव इसमें शामिल हैं। मेरे प्रयास को चर्चा में जोड़ने हेतु सप्रेम धन्यवाद आपको।

    जवाब देंहटाएं

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