सादर अभिवादन
आज की प्रस्तुति में आप सभी का हार्दिक स्वागत है
(शीर्षक और भुमिका आदरणीया कुसुम जी की रचना से)
मधुर स्वरों की सम्राज्ञी वो
कहां कभी जायेंगी कह दो
कंठ कंठ में ठहर गई है
श्वास-श्वास गायेगी कह दो।
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सही कहा आपने कुसुम जी
संगीत कभी नहीं मरता और ना ही संगीत के साधक
आदरणीया लता जी तो साक्षात सरस्वती स्वरुपा ही तो थी... तभी तो सरस्वती मां के विसर्जन के साथ ही गई
उनके साथ ही संगीत के एक स्वर्णिम युग का अंत भी हो गया
स्वर साम्राज्ञी को अश्रुपूरित नमन
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दोहे "प्रणय सप्ताह-थोड़े दिन का प्यार" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
स्वर सम्राज्ञी कभी नहीं जाएंगी
कोकिला भी गर्वित होती
तुलना निज से जब सुनती थी
वागीश्वरी गले में रहती
नव स्वर बैठ सदा बुनती थी
वीणा के तारों में गूंथित
सदियों लहरायेगी कह दो।।
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सब तुम्हें याद करेंगे
जब भी बाग से गुजरेंगे
गीतों की एक एक लाइन से
दूरी न सह पाएंगे प्यार से गुनगुनाएंगे |
तुम्हारा गीत संगीत और सुर तरंग
मन में घर करते ऐसे कभी भुला न पाते
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भारत की आवाज़ आदरणीया लता मंगेशकर जी सदैव अमर रहेंगी,देश की शान और संगीत जगत की शिरमोर स्वर कोकिला भारत रत्न लता मंगेशकर जी का निधन बहुत ही दुखद है। पुण्यात्मा को मेरी भावभीनी श्रद्धांजलि। उनका जाना देश के लिए अपूरणीय क्षति है। वे सभी संगीत साधकों के लिए सदैव प्रेरणा थी।*******कलाकार को कलाकार ही रहने दें लता ने कई अस्पताल बनवाये, बड़े काम किये, संगीत को जो दिया वह कोई नही दे सकता और ये प्रमोद रंजन जैसे मूर्ख लोगों की बात को पढ़े लिखे उजबकों की तरह से लगे कॉपी पेस्ट करने, ससुरे किसी की मौत में भी जाति खोजकर सबको बेवकूफ बना रहे है, *******नमन
बहुत उपयोगी लिंकों के साथ श्रम से की की गई चर्चा!
जवाब देंहटाएंआपका आभार कामिनी सिन्हा जी|
सुप्रभात
जवाब देंहटाएंआभार सहित धन्यवाद कामिनी जी मेरी रचना को इस अंक में स्थान देने के लिए |
उम्दा चर्चा।
जवाब देंहटाएंबहुत ही सराहनीय प्रस्तुति, बहुत शुभकामनाएं कामिनी जी ।
जवाब देंहटाएंलता जी एक आम इंसान की तरह मरणोपरांत हमसे दूर कहीं नहीं जा सकेंगी ! हर लम्हा हर पल वो हमारे पास हैं हमारे साथ हैं अपने गीतों के माध्यम से ! हमारे फोन में, टी वी पर, रेडियों में, कम्प्युटर में ! कोई भी उपकरण खोलिए लता जी की मधुर आवाज़ आपके पास होगी आपके साथ होगी ! अपनी वाणी के माध्यम से वो सदियों तक ज़िंदा रहेंगी और हम जब चाहेंगे उन्हें सुन सकेंगे ! महामानव धरती से जाने बाद भी किसी न किसी रूप में अपने चाहने वालों के साथ रहते हैं ! लता जी अपनी आवाज़ के माध्यम से हमारे साथ हैं और सदियों तक रहेंगी आने वाली पीढ़ियों के साथ भी ! उन्हें अश्रुपूरित विनम्र श्रद्धांजलि ! आज की चर्चा में मेरी रचना को स्थान देने के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद एवं आभार कामिनी जी ! सप्रेम वन्दे !
जवाब देंहटाएंसही कहा आपने दीदी, लता जी अपनी आवाज के रूप में अमर रहेंगी।
हटाएंबहुत ही सराहनीय अंक कामिनी जी।
जवाब देंहटाएंआ0 लता जी को श्रृद्धांजलि समर्पित करती शानदार कविताएं।
सभी रचनाएं बहुत अच्छी, कामिनी जी का श्रम साकार होकर चर्चा में उतर आया, सभी रचनाकारों को हार्दिक बधाई।
मेरी रचना को शामिल करने के लिए हृदय से आभार।
सादर सस्नेह।
"स्वर सम्राज्ञी कभी नहीं जायेंगी"
जवाब देंहटाएंमेरे रचना की पंक्ति को शीर्षक में सजाकर आपने रचना और मुझे जो सम्मान दिया है उसके लिए मैं हृदय से आभारी रहूंगी। साथ ही आपका सुंदर व्यक्त्व्य कामिनी जी काबिले तारीफ़।
बहुत सुंदर अंक।
सस्नेह।
mahan aatmaye marti nahi amar ho jati hai
जवाब देंहटाएंअश्रुपूरित श्रद्धांजलि ।
जवाब देंहटाएंलता दी हमारे भाव में जीवित रहेंगी।
बहुत सुंदर संकलन।
जवाब देंहटाएंThank u for sharing the valuable content
जवाब देंहटाएं70+ PDF, PPT, DOC Submission or Sharing Website List ?
प्रिय कामिनी, बहुत मेहनत,लगन और मन से बनाया हुआ अंक लताजी को भावभीनी श्रद्धांजलि दे रहा है। किसी ना किसी रूप में हम सबके भाव इसमें शामिल हैं। मेरे प्रयास को चर्चा में जोड़ने हेतु सप्रेम धन्यवाद आपको।
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